रेस्क्यू कुछ देर बाद भालू की मौत

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उमरिया। एक महिला को मौत के घाट उतारने और हाथी के अलावा सात अन्य लोगों को घायल करने वाला भालू की रेस्क्यू के कुछ घंटे बाद ही मौत हो गई। भालू की मौत का वास्तविक कारण क्या है यह तो पता नहीं लेकिन बताया जा रहा है कि जब उसे पकड़ने के लिए ट्रंक्युलाइज किया गया था, उसके बाद वह होश में नहीं आया और उसकी मौत हो गई। भालू की मौत दवा के डोज के कारण हुई है या फिर उसके शरीर में कोई चोट लग गई थी अभी इसे स्पष्ट नहीं किया गया है। अनुमान यह लगाया जा रहा है कि भालू रैबीज से प्रभावित था और संभवत: वह पागल भी हो गया था। दोनों महिलाएं जंगल में जब लकड़ी बीन रही थीं, इसी दौरान भालू ने उन पर हमला कर दिया। भालू ने शकुंतला और उसके साथ आई दोनों महिलाओं पर एक साथ हमला किया था, लेकिन दूसरी महिला ने खुद को बचा लिया जबकि शकुंतला बुरी तरह से घायल हो गई। शकुंतला को भालू के चंगुल में फसा देख दूसरी महिला ने शोर मचाया, तो उन्हें बचाने के लिए गुरूवाही सरपंच के.पी. सिंह, अच्छे लाल बैगा, भगवत चौधरी और प्यारेलाल बैगा दौड़ पड़े। उन्होंने शकुंतला को बचाने का प्रयास किया तो भालू ने उन्हीं पर हमला कर दिया। इस घटना में उक्त चारों भी बुरी तरह से घायल हो गए थे। इसके बाद भालू ने रेस्क्यू टीम पर हमला कर दिया था जिसमें हाथी गणेश और वन रक्षक नरेंद्र प्रजापति, महावत राजेन्द्र यादव को भी काफी चोट आई थी। मृत भालू के शरीर पर कई जगह चोट के निशान भी देखे गए हैं। बताया गया है कि भालू के गले में सूजन, पैर में घाव समेत शरीर के कई हिस्सों में जख्म देखे गए हैं। पशु विशेषज्ञों की माने तो वन्य प्राणी भालू शर्मीले स्वभाव का होता है, पर गुरूवाही बीट में रेस्क्यू कर कब्जे में लिया गया खूंखार भालू आक्रामक स्वभाव का हो गया था। जिस वजह से प्राथमिक दृष्ट्या रेबीज नामक बीमारी के लक्षण लक्षित होते है। मृत भालू के शरीर के अवयवों की सैंपलिंग ली गई है, रिपोर्ट आने पर मौत के कारण और स्पष्ट हो सकेंगे। रेस्क्यू के बाद ताला कैम्पस में लाये गए खूंखार भालू का इलाज पशु चिकित्सक डॉ. काजल जाधव कर रहीं थीं। भालू की मौत के बाद इस मामले में यह भी बड़ा सवाल है कि भालू के हमले में घायल लोगों को रेबीज बीमारी से जुड़ा इलाज किया गया है या नहीं। सर्चिंग के दौरान पार्क अमले पर भालू ने ही हमला कर दिया था। इस हादसे में महावत और वन रक्षक के अलावा हाथी भी घायल हो गए हैं। घटना के बाद सभी घायलों को उपचार के लिए मानपुर अस्पताल ले जाया गया। विदित हो कि दो दिन पहले इसी खूंखार भालू ने एक महिला की जान ली थी। वहीं चार अन्य घायल इलाज के लिए अलग-अलग अस्पताल में उपचारार्थ है। लक्षण के दृष्टिगत खूंखार भालू रेबीज नामक बीमारी से ग्रसित रहा, जिस वजह से हाल के दिनों में उसका व्यवहार आक्रामक बना रहा। इसी आक्रामकता की वजह से ग्राम गुरूवाही की शकुंतला बाई पर हमला कर भालू ने उसे मौत की नींद सुला दिया था। इसके अलावा महिला को बचाने गए सरपंच सहित क़ई स्थानीय लोगों पर भालू ने हमला कर दिया था। मृतक महिला शकुंतला बाई अपनी पड़ोसिन महिला के साथ लकड़ी लेने गांव से कुछ दूर जंगल गई थी।

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