भागवत कथा:11 दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ कथा का विश्राम गीता ज्ञान, पूर्णाहुति और भंडारे के साथ हुआ भक्तिमय समापन

भागवत कथा:11 दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ कथा का विश्राम गीता ज्ञान, पूर्णाहुति और भंडारे के साथ हुआ भक्तिमय समापन
कटनी।। नगर के मुक्तिधाम परिसर में श्री श्री 1008 सिद्धपीठ श्री दक्षिणमुखी बड़े हनुमानजी मंदिर के तत्वाधान मे पहलगाम हमले मे शहीद हुए लोगों की आत्मा की शांति के लिए ग्यारह दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ कार्यक्रम का समापन शनिवार को किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ 04 जून 2025 श्रीमद् भागवत शोभायात्रा महात्म से किया गया था। जो 15 जून को पूर्णआहुति के साथ हवन एवं विशाल भण्डारा का आयोजन के साथ कथा का समापन हुआ। श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ कथा का आयोजन मुक्तिधाम नदीपार आयोजित की जा रही थी। आयोजन मे कटनी नगर से पधारे सनातन धर्म से जुडे वक्ता संत व अन्य साधु महात्माओं के आगमन की धमक से यज्ञ स्थली मुक्तिधाम मे लगातार ग्यारह दिन तक जगमगाते रहे। पंडित कथा व्यास भगवताचार्य श्री इंद्रभान शास्त्री जी महाराज जी की मुखारविंद के अमृतवाणी वर्षा से यज्ञ स्थली सहित आसपास वातावरण भक्तिमय सा बना रहा।
उक्त श्रीमदभागवत कथा के कथावाचक पंडित कथा व्यास भगवताचार्य श्री इंद्रभान शास्त्री जी महाराज जी कटनी वाले थे। इनकी मधुर वाणी से प्रतिदिन श्रोता श्रीमद् भागवत सुनते रहे। ग्यारह दिवसीय चले इस धार्मिक आयोजन मे कथावाचक पंडित इंद्रभान शास्त्री जी महाराज द्वारा श्रीमदभागवत कथा के अलग अलग पात्रों और खंडों का वर्णन किया गया। इसमें प्रथम दिवस पर राजा परीक्षित की कथा, राजा बलि की कथा, श्रीकृष्ण जन्म, कृष्ण सुदामा की मित्रता और रुखमणी विवाह प्रमुख था। वहीं सबसे ज्यादा आनंद भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण का जन्म और रुखमणी विवाह में उठाया। सभी भक्तों ने भगवान कृष्ण के जन्म और विवाह में जमकर आनंद उठाया।
वहीं कथा का विश्राम गीता ज्ञान, पूर्णाहुति और भंडारे के साथ हुआ। कथा सुनने के लिए प्रतिदिन नगर और आसपास के लोग भी बड़ी संख्या में कथा स्थल पर पहुंचते थे। पंडित जी ने सुंदर समाज निर्माण के लिए श्रीमदभागवत कथा से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है। श्रद्धालु भक्तों और धर्म प्रेमी जनता ने ग्यारह दिवस इस संगीतमयी भागवत कथा का आनंद उठाया। इस धार्मिक यात्रा और श्रीमद्भागवत कथा मे पूर्ण निःशुल्क यजमान बनकर श्रद्धालु भक्तों ने पुण्य लाभ अर्जित किया। इस आयोजन को सफल बनाने मे पंडित आनंद जी महाराज ,पंडित भरत जी महाराज,सहित महिला मंडल एवं नगरवासियो का सराहनीय योगदान रहा।