शहडोल से महिला सुरक्षा के लिए बड़ा नवाचार, छात्रावास और विद्यालयों में लगेगा क्यूआर कोड, सीधे पुलिस को भेज सकेंगे शिकायत

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शहडोल। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शहडोल जिले में महिला और बाल सुरक्षा को लेकर एक अहम कदम उठाया गया है। उपमुख्यमंत्री डॉ. राजेंद्र शुक्ल ने शुक्रवार को गांधी स्टेडियम से शहडोल पुलिस के इस नवाचार की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने एक विशेष क्यूआर कोड का लोकार्पण किया, जिसके माध्यम से छात्राएं, बच्चियां और बच्चे अपनी शिकायतें सीधे पुलिस विभाग तक पहुंचा सकेंगे।
इस पहल के तहत, छात्रावासों और विभिन्न विद्यालयों, विशेषकर कन्या विद्यालयों में यह क्यूआर कोड लगाया जाएगा। शिकायत दर्ज कराने के लिए किसी भी छात्रा या छात्र को बस इस क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा, जिसके बाद एक ऑनलाइन फॉर्म खुलेगा। इसमें वे अपनी समस्या, सूचना या शिकायत लिखकर भेज सकेंगे। यह संदेश सीधे पुलिस अधीक्षक शहडोल, रामजी श्रीवास्तव और उनकी विशेष निगरानी टीम तक पहुंचेगा।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना, बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और अपराधों पर त्वरित कार्यवाही करना है। उन्होंने कहा, “यह क्यूआर कोड आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा। शहडोल पुलिस की यह अनूठी पहल भविष्य में पूरे प्रदेश के लिए एक उदाहरण बनेगी। हमारी माताएं, बहनें और बेटियां बिना किसी झिझक के सीधे पुलिस और सरकार तक अपनी बात पहुंचा पाएंगी।”
गौरतलब है कि इससे पहले शहडोल पुलिस ने विभिन्न थानों में क्यूआर कोड लगाए थे, जिससे आम नागरिक सीधे शिकायत दर्ज कर सकते थे। लेकिन अब यह तकनीक खासतौर पर छात्राओं और छात्रावासों के लिए लाई जा रही है, ताकि किशोरियां और बच्चियां किसी भी प्रकार की समस्या, उत्पीड़न या अपराध की जानकारी सुरक्षित तरीके से दे सकें।
पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव ने बताया कि यह क्यूआर कोड महिला सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से पीड़ितों की शिकायतें सीधे उच्च अधिकारियों तक पहुंचेंगी और तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित होगी। आने वाले दिनों में पुलिस द्वारा विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें बच्चों को इस तकनीक के उपयोग और उनके अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण तथा उनकी सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने शहडोल पुलिस टीम को इस नवाचार के लिए साधुवाद देते हुए उम्मीद जताई कि यह पहल जल्द ही प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू होगी।
इस तरह शहडोल से शुरू हुई यह तकनीकी पहल अब महिला और बाल सुरक्षा को एक नया आयाम देने के साथ-साथ, समाज में सुरक्षा और भरोसे का वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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