तिरपाल की आड़ में छुपे बड़े-बड़े नामचीन
 
                (अनिल तिवारी+7000362359)
शहडोल। दीपावली का मौसम आए और ताश के पत्तों की खनक न सुनाई दे, संभागीय मुख्यालय से सटे एवं उमरिया जिले के घुनघुटी क्षेत्र से एक ऐसा ही चमचमाता मामला सामने आया है, जिसने पूरे संभाग में चर्चा का ताश बिछा दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कथित तौर पर कुछ नामचीन चेहरे तिरपाल की ओट में ताश की सरकार चला रहे हैं।
जी हां, इस बार दीपावली पर लाइटें तो बाजार में जलीं, लेकिन असली रोशनी तो उस तिरपाल के नीचे थी, जहां नोटों की गड्डियां दांव पर लगी थीं। वीडियो में दिख रहे खिलाड़ी किसी लोकल टीम के नहीं, बल्कि ऐसे महानुभावों में गिने जाते हैं, जिनके नाम सुनकर पुलिस वाले भी सलाम ठोकते हैं। अब यह अलग बात है कि पुलिस की नजर इन पर नहीं पड़ी या यूं कहिए कि नजर पड़ी ही नहीं आखिर अंधेरे में ताश खेलना भी तो एक कला है।
घुनघुटी पुलिस चौकी का क्षेत्र वैसे भी अपनी अनोखी ख्याति रखता है , कहते हैं यहां न सिर्फ जुआ-सट्टा चलता है, बल्कि जंगल के प्रेमी जोड़ों को भी संरक्षण का टेंट सर्विस में मिल जाता है। अब यह नया वीडियो तो जैसे तिरपाल प्रोडक्शन का नया एपिसोड हो, जिसमें हर चेहरा व्हीआईपी है और हर हाथ में इक्का-बादशाह।
लोकल सूत्रों के मुताबिक ताश का यह महायुद्ध रातभर चला और नोटों की गड्डियां ऐसे उड़ीं जैसे आतिशबाजी की रॉकेट, लेकिन पुलिस मौन रही , शायद दीपावली का अवकाश था या फिर वे भी किसी और टेबल पर ड्यूटी दे रहे थे।
अब सवाल यह है कि क्या यह सब प्रशासन की नाक के नीचे नहीं हुआ? या फिर नाक पर भी वही तिरपाल तनी थी? वीडियो वायरल होने के बाद जिले के बड़े अफसरों के कान खड़े हो गए हैं, लेकिन अभी तक किसी ने आधिकारिक रूप से कुछ भी कहने से परहेज किया है।
खैर, तिरपाल की यह कहानी सिर्फ एक वीडियो नहीं, बल्कि सिस्टम के ताश के खेल की मिसाल है। जहां नियम भी जेब में रखे जाते हैं और न्याय भी डीलर की मर्जी पर चलता है।
 
                                             
                                             
                                                                    
                                         
                                         
                                         
                                        