बर्ड फ्लू : खौफ के बाद भी दुकानों में भीड़

जिले में कौवे के बाद कबूतर की मौत से भय का माहौल
शहडोल। जिले में इन दिनों नॉन वेज के शौकीन काफी दिनों से परेशान हैं, उनके सामने समस्या है कि वो चिकन और अंडा खाए या नहीं? और यह चिंता सता रही है, बर्ड फ्लू के आने के बाद इस दौरान नॉनवेज खाने में किस तरह की सावधानी रखनी चाहिए, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और राजस्थान सहित भारत के कई राज्यों में देखे जा रहे हैं. जिस वजह से बहुत सारे पक्षियों की मौत हो गई, वहीं इसके बाद भी जिले में बर्ड फ्लू को लेकर कोई संजीदगी दिखाई नहीं दे रही है शहडोल जिले की ही बात करें तो मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर दर्जनों बिरियानी सेंटर व सैकड़ों अंडे की दुकान संचालित करते हुए देखे जा सकते हैं लेकिन मुख्यालय के द्वारा या नगरपालिका शहडोल के द्वारा कोई गाइडलाइन बर्ड फ्लू को लेकर जारी नहीं किया गया है।
बेपरवाह नपा प्रशासन
शहडोल की बात करें तो चौपाटी के बगल से ही लखनवी चिकन बिरयानी एवं हैदराबादी चिकन बिरयानी के बड़े-बड़े दुकान टेंट लगाकर सजाए गए हैं और बंदरों में चिकन को सजा धजा कर खुलेआम बेचा जा रहा है समय रहते अगर इन दुकानों पर लगाम नहीं लगाई गई तो पूरा संभाग इसकी चपेट में आ सकता है विशेषज्ञों का मानना है कि बर्ड फ्लू पक्षियों के अंदर ही फैलता है लेकिन अगर कम तापमान में बनाए हुए चिकन या अंडा इंसानों द्वारा खाया गया तो उन लोगों को भी इसका इंफेक्शन हो सकता है इन बातों को ध्यान में रखते हुए मुख्यालय को जल्द से जल्द जनहित मैं कोई बड़ा फैसला चिकन, अंडे की दुकानों के साथ-साथ बिरयानी के दुकानों पर भी तत्काल लगाम लगाने के प्रयास होने चाहिकोरोना के साथ बर्ड फ्लू की दस्तक!
कोरोना का खौफ अभी बरकरार है, लेकिन अब बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। हिमाचल, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, बिहार और केरल सहित तमाम राज्यों में पक्षियों की मौत के बाद संगमनगरी में भी बर्ड फ्लू संक्रमण की हलचल मची है। शासन ने बर्ड फ्लू के मद्देनजर अलर्ट जारी किया है पर नगर पालिका, पशुपालन और स्वास्थ्य विभाग इस खतरे से बेखबर हैं। यहां प्रवासी पक्षियों की बड़ी तादात में आमद से बर्ड फ्लू का खतरा हो सकता है। देश के विभिन्न प्रदेशों में बर्ड फ्लू से करीब 90 हजार पक्षियों की मौत के बाद हुई जांच में एचएसएन1एवियन इनफ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हो चुकी है। स्थानीय स्तर पर अभी किसी विभाग ने बर्ड फ्लू से बचाव या जांच की व्यवस्था नहीं की है।
बढ़ सकता है खतरा
बर्ड फ्लू के संभावित खतरे को लेकर विशेषज्ञ भी चिंतित हैं क्योकिं पक्षियों की असमय मौत इस फ्लू की दस्तक हो सकती है। ऐसे में अगर इसे समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया तो यह एक और महामारी का रुप ले सकता है, इस बीच, सरकारी अधिकारियों ने भी बर्ड फ्लू प्रभावित राज्यों से कहा है किसी भी तरह की मुश्किल से निपटने के लिए तैयार रहें. जबकि ऐसा नहीं है इस साल पहली बार हमारे सामने आया है, बर्ड फ्लू एक ऐसी संक्रामक बीमारी है, जो आसानी से पक्षियों से लोगो में फैल सकती है, अब अंडा और मांसाहारी लोगों के बीच यह डर भी पैदा हो गया है कि चिकन खाना सुरक्षित है या नहीं?शहर सहित जिले में मांस-मछली की करीब 100 दुकानें सड़कों और चौक-चौराहों पर सजी हैं लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि किसी भी दुकान के पास मांस काटने और बेचने का लाइसेंस नहीं है, वर्षों से किसी भी दुकानदार ने न तो नवीकरण कराया है और न ही लाइसेंस लिया है, फिर भी शहर में खुलेआम बकरे और मुर्गे कट रहे हैं और धड़ल्ले से बिक रहे हैं, शहर के मीट मार्केट मोड़ सहित कई स्थानों पर नियमों की अनदेखी कर खुलेआम सड़कों पर मांस बेचा जा रहा है, इन दुकानों पर मांस को बिना ढके टांगा जाता है, जिन पर मक्खियां भिनभिनाती हैं, यही नहीं जिले के बुढ़ार बस स्टैण्ड के समीप खुले में मांस काटा जाता है, जहां श्वानों का डेरा रहता है, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है, नियमों के अनुसार, बिना अनुज्ञप्ति मांस की दुकान पर रोक है, साथ ही खुले में तो बिल्कुल भी इसकी बिक्री नहीं की जा सकती है. धड़ल्ले से चल रही ऐसी दुकानों के संचालकों पर कोई असर नहीं दिखता. बिना किसी खौफ के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मांस बिक्री का कारोबार चल रहा है, वहीं इन रास्तों से रोजाना गुजरने वाले तमाम वरीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी मानो इससे मुंह फेर लेते हैं।
सफाई का नहीं रखा जाता है कोई ख्याल
शहर में बकरे और मुर्गे की दुकानें सड़क के किनारे गुमटियों व स्थायी दुकानों से संचालित हो रही हैं. हैरत की बात यह है कि कुछ दुकानदार अस्वस्थ बकरे और मुर्गे भी काट लोगों में बीमारी परोस रहे हैं, इसे देख मार्ग से गुजरने वाले स्कूली बच्चे भी सहम जाते हैं, साफ-सफाई के अभाव में तेज दुर्गंध निकलती हैं. महिलाएं नाक बंद कर दुकानों के रास्ते से गुजरती हैं. शाकाहारी लोगों का तो और भी बुरा हाल हो जाता है. भले ही यह कुछ लोगों के लिए स्वादिष्ट व्यंजन हो, लेकिन अधिकतर लोगों का खुले में मांस की बिक्री देख मन विचलित हो जाता है।