भाजपा नेता ने तहसीलदार की बातों को किया दरकिनार, जारी है आदिवासियों पर अत्याचार

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विशेष संरक्षित बैगा जनजाति का भाजपा नेता ने छीना अधिकार, आम रास्ते पर चलवा दी जेसीबी

भाजपा नेता ने तहसीलदार की बातों को किया दरकिनार, जारी है आदिवासियों पर अत्याचार

न्यायप्रिय कलेक्टर आशीष वशिष्ठ से आदिवासियों को न्याय की उम्मीद

आजादी के 77 वर्षो बाद भी विशेष संरक्षित जनजाति बैगा सुमदाय मूलभूत सुविधाओं सहित अपने अधिकार से वंचित है। महज 150 मीटर की निजी भूमि से गुजरी सडक में भाजपा नेता ने जेसीबी चलवा दी। एक मात्र मुख्यमार्ग तक पहुंचने वाला आमरास्ता अब पूर्णत: बंद है, आदिवासी परिवारों का निकलना भी मुश्किल हो गया है, शिकायत के बाद तहसीलदार जांच के लिए पहुंचे थे, लेकिन भाजपा नेता ने तहसीलदार की बातों को दरकिनार करते हुए बैगाओं पर अत्याचार जारी रखा है।

अनूपपुर। जनपद पंचायत जैतहरी अंतर्गत ग्राम पंचायत परसवार के ग्राम मौहरी में सदियों से निवास करने वाले विशेष संरक्षित बैगा जनजाति आजादी के 77 वर्षो बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। बीते 7 अगस्त को पिछडा वर्ग मोर्चा के भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष कैलाश पटेल के द्वारा आदिवासियों के आम रास्ते पर जेसीबी चला दिया था, जिसके बाद उनका घर से निकलना ही दूभर हो गया। जिला प्रशासन से शिकायत के बाद पटवारी, आरआई व तहसीलदार ग्राम मौहरी पहुंचे थे, जिसके बाद उन्होने सडक बनवाने के लिए ग्रामवासियों के समक्ष कबूल किया था, लेकिन 15 दिन बीतने के बाद भी सडक जस का तस है।

न्यायप्रिय कलेक्टर से उम्मीद 

अपने साथ हो रहे अत्याचार व जीने का अधिकार छीनने वाले भाजपा नेता कैलाश पटेल की शिकायत करने मोहल्लेवासी न्यायप्रिय कलेक्टर आशीष वशिष्ठ के पास पहुंचे थे, जहां उन्हे जनसुनवाई के दौरान अपर कलेक्टर सीपी पटेल ने सुनवाई करते हुए तत्काल एसडीएम को मार्ग करते हुए मौका स्थल में जाकर निराकरण करने के निर्देेश दिये है। ग्रामीणों ने कहा कि रास्ता न होने के कारण बच्चे विद्यालय नही जा पाते है तथा अगर कोई चिकित्सीय उपचार के लिए मरीज अस्पताल जाना चाहे तो कोई विकल्प नही है, यही नही अगर कोई परिवार में गमी हो जाती है तो उनके पास गुजरने के लिए कोई रास्ता नही है, उन्होने कलेक्टर से न्याय की आस लगाई है। 22 अगस्त को कलेक्ट्रट कार्यालय पहुंचकर मोहल्लेवासियों ने न्यायप्रिय कलेक्टर से रास्ते की मांग भी की है।

कचीड में तब्दील हुआ सडक

 

बरसात के दिनों में आदिवासी परिवारों के लिए पंचायत द्वारा निर्मित सडक पर भाजपा नेता द्वारा 7 अगस्त को जेसीबी चला दिया गया था, जिसके बाद गंढ्ढो में पानी भरने के कारण आम रास्ता कचीड में तब्दील हो गया, अब गरीब परिवारों का निकलना भी मुश्किल हो गया है। जांच अधिकारी के निर्देश के बावजूद भी सडक निर्मित नही किया, जिसके कारण आज भी बच्चे, विद्यार्थी, वृद्व कोई भी इस रास्ते से नही निकल पा रहे है।

यहां से उपजा विवाद

ग्राम मौहरी में जल जीवन मिशन अंतर्गत पानी टंकी का निर्माण किया जाना था, लेकिन ठेकेदार द्वारा सरपंच के बिना अनुमति के ही खेल मैदान के अंदर पानी टंकी का निर्माण कर रहा था, खिलाडियों ने सरपंच व कलेक्टर से शिकायत की तो उन्होने खेल मैदान के अंदर निर्मित हो रहे पानी टंकी पर रोक लगा दी। भाजपा नेता और ठेकेदार का सांठ-गांठ होने के कारण उनके मंशा में पानी फिर गया, जिसका बदला खिलाडियों से लेने के लिए पूरे आदिवासियों के मोहल्ले के आम रास्ते में जेसीबी चलवा दिया। दोनो की शिकायत के बाद जांच करने पहुंचे अधिकारी ने ग्रामीणों के समक्ष समाधान तो निकाला और खिलाडियों तथा भाजपा नेता ने उस समाधान को स्वीकार भी किया, लेकिन आज भी अपने वादे को पूर्ण नही किया गया।

तहसीलदार की बातों को किया दरकिनार

तहसील अनूपपुर के नवागत तहसीलदार ग्राम में पहुंचकर विवादों का निपटारा किये थे, जिसमें उन्होने कहा था कि आदिवासी के आम रास्ते को रोकना उनके जीने का अधिकार छीनना है। भाजपा नेता कैलाश पटेल को हिदायत देते हुए उन्हे सडक को तत्काल दुरूस्त कराने की बात कही थी, वही भाजपा नेता द्वारा कबूल करते हुए तत्काल निर्माण कराने की बात भी स्वीकार किया था, लेकिन अधिकारियों के जाते ही अपनी धौस बताते हुए पुन: रास्ते को जस का तस छोड दिया।

पेशा एक्ट के बावजूद गरीबों पर अत्याचार

 

मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान आदिवासियों के उत्थान के लिए जहां उनको तरह-तरह के अधिकार प्रदान कर रहे है वही उनके ही नेता उनके अधिकारो को कुचलने में लगातार पसीना बहा रहे है। आदिवासियों के लिए पेशा एक्ट जैसे कानून की भाजपा नेता धज्जिया उडा रहे है। इतना ही नही इतना कठोर कानून व अधिकार होने के बावजूद भी आदिवासी परिवार सदियों से दर-दर की ठोकरे खा रहा है। जबकि मुख्य सडक तक पहुंचने के लिए कुछ वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत के द्वारा मुरूम डालकर आवागमन के लिए मार्ग निर्मित किया गया था, लेकिन स्थानीय भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष कैलाश पटेल के द्वारा जेसीबी चलाकर तोड दिया गया।

शासकीय और निजी भूमि में है सडक

जिस मार्ग से मधानटोला के आदिवासी परिवार आवागमन करते है, उस रास्ते में भाजपा नेता कैलाश पटेल के परिवार की भूमि मौजूद है तथा उसके साथ ही कुछ मार्ग शासकीय भूमि पर निर्मित है। आदिवासियों के पास रास्ता न होने के कारण पूर्व में इनके द्वारा ही मार्ग को अनुमति प्रदान कर आवागमन के लिए दिया गया था, लेकिन वर्तमान में कुछेक परिवारो से द्वेष भावना रखते हुए पूरे आदिवासियों का ही रास्ता बंद कर दिया गया।

बैगा जाति के साथ अन्याय

सत्ता के नशे में चूर भाजपा के नेता आदिवासियों पर लगातार अत्याचार कर रहे है। शासन-प्रशासन के हस्ताक्षेप के बाद भी सुधरने के नाम नही ले रहे है। गरीब पीडित आदिवासी परिवारों के पास पेशा कानून होने के बाद भी उन्हे उनका हक नही मिल पा रहा है। सदियों से नेताओं की प्रताडना झेल रहे ये आदिवासी परिवारों को एक सीसी सडक तक मुहैया नही कराया गया है, यही कारण है कि आज भी इन नेताओं के चक्कर में उन्हे दबना पड रहा है।

मामला संज्ञान में आया है, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष से चर्चा की जायेगी, और न्याय पूर्ण कार्यवाही भी करेंगे।

रामदास पुरी, जिलाध्यक्ष, भाजपा अनूपपुर

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बैठक के दौरान सभी उपस्थित रहेंगे, उस दौरान इस विषय पर चर्चा करूंगा, अन्याय किसी के साथ नही होने दिया जायेगा।

सत्यनारायण फुक्कू सोनी, मंडल अध्यक्ष भाजपा

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