आदिवासी सीटो पर उतरे भाजपा के करोड़पति प्रत्याशी,कांग्रेस की तुलना में भाजपा ने उतारे धनाढ्य प्रत्याशी

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जयसिंहनगर से भाजपा की मनीषा सबसे आगे, तो कांग्रेस के नरेन्द्र सबसे पीछे
शहडोल। जिले की जैतपुर, जयसिंहनगर व ब्यौहारी तीनों ही सीटे आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, आदिवासी बाहूल्य होने के साथ ही इस वर्ग को ऊंचा उठाने और समाज में बराबर का हक दिलाने की नीयत से आरक्षण तो लागू कर दिया, लेकिन जिले की तीनो आदिवासी सीटों से चुनावी समर में उतरे कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों के द्वारा नामांकन के दौरान दिये गये संपत्ति के विवरण पर नजर डाली जाये तो, भाजपा के ब्यौहारी, जैतपुर और जयसिंहनगर से चुनावी समर में उतरे आदिवासी प्रत्याशी न सिर्फ करोड़पति हैं, बल्कि उनके हाथ एक ऐसी जादू की छड़ी भी है, जिससे उनकी संपत्ति में गुणात्मक इजाफा भी हुआ है। भाजपा की तुलना में कांग्रेस के द्वारा तीनों सीटों पर उतारे गये प्रत्याशियों में से जयसिंहनगर प्रत्याशी की कुल संपत्ति 1 करोड़ तक बमुश्किल पहुंचती है, बाकी के दोनों प्रत्याशी भी भले ही भाजपा प्रत्याशियों की तुलना में पीछे हैं, लेकिन करोड़पति तो हैं ही। वर्तमान में प्रदेश में सबसे मालदार प्रत्याशियों की चर्चाएं हो रही हैं, लेकिन आरक्षण प्राप्त आदिवासी समुदाय के नेता भी अब किसी से कमतर नहीं है।
मनीषा आगे, शरद तीसरे नंबर पर
भारतीय जनता पार्टी के तीनों विधानसभा सीटो से चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों में जैतपुर विधानसभा से एक बार विधायक रही मनीषा ने बीते 5 वर्षाे के दौरान अपनी संपत्ति को लगभग 5 गुना बढ़ाकर शपथ पत्र में प्रस्तुत किया है। यह अलग बात है कि आम आदमी की संपत्ति बैंक में 9 से 10 साल में दुगनी होती है और 5 गुना करने में कम से कम 25 साल तो लग ही जाते हैं, 2018 में मनीषा ने अपनी चल संपत्ति 14 लाख 56 हजार 652 रूपये बताई थी, 2023 में यह संपत्ति 43 लाख 42 हजार 800 रूपये हो गई। वहीं इनके पति की संपत्ति भी 21 लाख दर्शाई गई है। संपत्ति की तुलना में मनीषा सबसे आगे हैं, वहीं 5 बार के विधायक और मंत्री रहे जयसिंह मरावी दूसरे नंबर पर हैं, उन्होंने चल संपत्ति 50 लाख 6 हजार 610 रूपये दर्शाई है। ब्यौहारी से दूसरी बार प्रत्याशी बने शरद कोल इस क्रम में तीसरे नंबर पर हैं, उनकी चल संपत्ति भले ही 44 लाख 73 हजार 800 रूपये दर्शाई गई है, लेकिन कुल संपत्ति के मामले में भी वे, मनीषा और जयसिंह से पीछे ही हैं।
5 साल जिपं अध्यक्ष, फिर भी पीछे
भाजपा की तरह ही कांग्रेस के द्वारा चुनावी समर में जिले की दो विधानसभा सीटो से उतारे गये प्रत्याशियों की संपत्ति भी करोड़ों में है। वहीं संभागीय मुख्यालय से कांग्रेस के प्रत्याशी नरेन्द्र मरावी की कुल संपत्ति बमुश्किल उन्हें करोड़पति बना पा रही है। यहां यह भी विचारणीय है कि नरेन्द्र मरावी 5 साल तक जिला पंचायत के अध्यक्ष रहे हैं और जिले की लगभग 391 पंचायतों का कोष उन्हीं की टेबिल से होकर आगे बढ़ता था। उस समय नरेन्द्र मरावी भाजपा में भी थे और मंत्री का दर्जा भी प्राप्त था, हालाकि उन्होंने भाजपा की नीतियों से खफा होकर बीच में ही पार्टी छोड़ दी थी। नरेन्द्र मरावी की तरह ही जैतपुर से कांग्रेस की प्रत्याशी सुश्री उमा धुर्वे के पास भले ही 70 लाख की पुस्तैनी भूमि हो, लेकिन चल संपत्ति के नाम पर 11 लाख 58 हजार रूपये और 7 लाख के जेवरात ही हैं। इधर ब्यौहारी से पहली बार चुनावी मैदान में उतरे कांग्रेस के राम लखन अन्य दो प्रत्याशियों की तुलना में धनाड्य हैं। उनके द्वारा 6 लाख 70 हजार 102 रूपये खुद की और 23 लाख 53 हजार 750 रूपये पत्नी की चल संपत्ति दर्शाई गई है और 1 करोड़ से अधिक की अचल संपत्ति और अन्य जेवरात आदि दर्शाए गये हैं।

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