भाजपा का मास्टर स्ट्रोक – बिहार, बंगाल और तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के लिए मजबूत संगठनात्मक टीम गठित
भोपाल से संजीव दुबे
भारतीय जनता पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी रणनीतिक तैयारी का बिगुल बजा दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के निर्देशन और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के हस्ताक्षर से जारी तीन अहम पत्रों के माध्यम से बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के लिए प्रभारी एवं सह-प्रभारियों की नियुक्ति की गई है। इन नियुक्तियों से स्पष्ट संदेश दिया गया है कि भाजपा संगठन एकजुट होकर पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने जा रहा है और जीत का लक्ष्य सुनिश्चित है।
बिहार के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को प्रदेश चुनाव प्रभारी बनाया गया है। उनके साथ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल और उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सह प्रभारी नियुक्त किया गया है। धर्मेंद्र प्रधान संगठनात्मक क्षमता और चुनावी प्रबंधन के लिए प्रसिद्ध हैं, वहीं सी. आर. पाटिल अपनी सख्त कार्यशैली और अनुशासनप्रिय छवि के लिए जाने जाते हैं। केशव प्रसाद मौर्य को जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से जुड़ाव और जनाधार का अनुभव है। यह तिकड़ी बिहार चुनाव में भाजपा को निर्णायक बढ़त दिलाने में सक्षम मानी जा रही है।

वहीं पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को प्रदेश चुनाव प्रभारी बनाया गया है। उनके साथ लोकसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिपुरा बिप्लब कुमार देव को सह प्रभारी नियुक्त किया गया है। भूपेंद्र यादव लंबे समय से संगठन में नीति निर्माण और रणनीति के माहिर माने जाते हैं, जबकि बिप्लब देव संगठन और जनता के बीच से निकले हुए जुझारू नेता हैं। बंगाल में भाजपा की जमीनी पकड़ को और मजबूत करने के लिए यह जोड़ी बेहद कारगर मानी जा रही है।
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लोकसभा सांसद बैजयंत पांडा को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। उनके साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोळ को सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। बैजयंत पांडा दक्षिण भारत में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए लगातार सक्रिय हैं और उनका संवाद कौशल भाजपा के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। मुरलीधर मोहोळ युवा और ऊर्जावान चेहरे के रूप में संगठन में नई ऊर्जा का संचार करेंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने इन नियुक्तियों के माध्यम से न केवल संगठनात्मक कसावट को मजबूत किया है, बल्कि अनुभव और युवा ऊर्जा का संतुलित मिश्रण भी तैयार किया है। केंद्रीय नेतृत्व की इस रणनीति से यह साफ हो गया है कि पार्टी ने आगामी चुनावों को लेकर व्यापक और सुदृढ़ रोडमैप तैयार कर लिया है।

संगठन के इस मास्टर स्ट्रोक से कार्यकर्ताओं का उत्साह दोगुना हुआ है और यह माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा की विजय का मार्ग और अधिक प्रशस्त होगा। यह नियुक्तियां न केवल तत्काल प्रभाव से लागू होंगी, बल्कि पार्टी की चुनावी जीत सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएंगी।