बुढ़ार कोल साइडिंग में काली कमाई का खेल!

कोयला स्टॉक में भारी हेराफेरी का शक, करोड़ों के घोटाले की आशंका,कोयला स्टॉक से जुड़ी बड़ी अनियमितता उजागर
शहडोल।एसईसीएल के सोहागपुर एरिया अंतर्गत बुढ़ार कोल साइडिंग में कोयले के स्टॉक को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यहां रजिस्टर में दर्ज मात्रा से दो से ढाई गुना अधिक कोयला मौजूद है, जिसकी कोई वैध एंट्री नहीं की गई है। यह गड़बड़ी न केवल नियमों का खुला उल्लंघन है, बल्कि कोयले की अवैध डंपिंग और हेराफेरी की भी आशंका जताई जा रही है।
बिना दस्तावेजों के हो रहा कोयले का डंपिंग कार्य
सूत्रों के अनुसार, विभिन्न खदानों से कोयला लाकर बुढ़ार साइडिंग में डंप किया जा रहा है, जिसमें किसी भी प्रकार के वैध दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं। यह कोयला रजिस्टर में दर्ज नहीं है और आशंका है कि फर्जी स्टॉक बनाकर इसे रेलवे रैक में लोड कर बेचा जा सकता है। इसमें उपक्षेत्रीय प्रबंधक से लेकर स्थानीय अधिकारी और कर्मचारी तक की संलिप्तता की संभावना जताई जा रही है।
पूर्व में भी सामने आए थे गड़बड़ी के मामले
यह पहली बार नहीं है जब बुढ़ार साइडिंग से कोयले की अनियमित निकासी का मामला सामने आया हो। पूर्व में तत्कालीन महाप्रबंधक पी. कृष्णा के निर्देश पर हुई जांच में भी कई अनियमित गतिविधियाँ उजागर हुई थीं। एक बार फिर कोयले की मात्रा और रजिस्टर में दर्ज आंकड़ों में भारी अंतर मिला है।
कोयले की चोरी से करोड़ों के राजस्व का नुकसान संभव
बिना दस्तावेजों और रजिस्ट्रेशन के डंप कोयले को यदि रेलवे रैक में लोड कर दिया जाता है, तो यह सीधे तौर पर एसईसीएल को भारी राजस्व हानि पहुंचाने वाला मामला बन सकता है। जानकारों का मानना है कि यदि स्वतंत्र एजेंसी द्वारा भौतिक सत्यापन कराया जाए तो करोड़ों रुपये की हेराफेरी सामने आ सकती है।
प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन के लिए अग्निपरीक्षा
यह मामला केवल कोयले की चोरी का नहीं बल्कि पूरे सिस्टम की विफलता या मिलीभगत का संकेत देता है। प्रश्न यह उठता है कि प्रतिदिन कोयला लोड होने के बावजूद लेखा विभाग और जिम्मेदार अधिकारियों की नजरों से यह फर्जी स्टॉक कैसे छिपा रहा? यह लापरवाही नहीं, बल्कि संगठित साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।
जांच और कार्रवाई की आवश्यकता
एसईसीएल प्रबंधन को चाहिए कि वह इस गंभीर मामले में तत्काल उच्च स्तरीय जांच कराए। सीसीटीवी फुटेज, मालवाहनों का रिकॉर्ड, स्टॉक रजिस्टर और ग्राउंड रिपोर्ट का मिलान कर पूरे मामले की परतें खोली जाएं। साथ ही दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।