कबाडियों को बेंच दी मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केन्द्र की पुस्तकें

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Shrisitaram patel – 9977922638

कबाडियों को बेंच दी मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केन्द्र की पुस्तकें

वर्ष 2023-24 में बच्चों को वितरित की जाने वाली किताबें मिला कबाड में

बच्चों का भविष्य बना‘रद्दी‘! कबाड़ में बेची जा रहीं सरकारी स्कूल की किताबें

राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के लिए प्रत्येक वर्ष जिले को सीखो पढो, गणित की जादू एवं सामान्य ज्ञान की पुस्तके उपलब्ध करायी जाती है, किन्तु वह पुस्तके बच्चो के हाथो में न होकर कबाड के दुकान में कबाडी को बेंच दी गई। वर्ष 2023-24 के लिए पहुंचे पुस्तकों को कबाडी के यहां लगभग दो ट्रक बेंचकर नौनिहालों के भविष्य को अंधकार मय कर दिया।

अनूपपुर। कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। शासकीय स्कूलों में बिना फीस के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। साथ ही हाईस्कूल तक की पढ़ाई करने वाले बच्चों को मुफ्त पाठ्य सामाग्री वितरित की जा रही है। वहीं, इस योजना पर विभागीय अमला ही ताला लगाने में तुला है। स्कूलों में छात्र-छात्राओं को बांटी जाने वाली पुस्तकें कबाड़ की दुकान पर पहुंच रही हैं। ऐसा ही एक मामला अनूपपर जिले से सामने आया है, जहां आरंभिक विद्यालयों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने की सरकारी योजनाओं पर ग्रहण लगने लगा है। शहर के एक कबाड़ी के पास स्कूलों में वितरित की जाने वाली बच्चों की पुस्तकें काफी संख्या में दिखाई दी। प्रदेश सरकार जहां बच्चों की शिक्षा पर करोडों रुपये बहा रही है, वहीं विभागीय कर्मचारी और अधिकारी सरकार की मंशा पर पलीता लगाते नजर आ रहे है। जहा वर्ष 2023-24 में नौनिहालों को बाटी जाने वाली सरकारी किताबें कबाडी के यहा बिकती मिली।

किसकी हुई कबाडी के बीच सौदा

सूत्रों के अनुसार जिले के किसी समन्वयक जनपद शिक्षा केन्द्र और अनूपपुर के शिंकू काबडी के बीच किताबों का सौदा हुआ है, हालांकि राज एक्सप्रेस इसकी पुष्टी नही करता है, जांच के बाद ही सच सामने आयेगा, फिलहाल लगभग दो ट्रक पुस्तक कबाडी को बेंची गई है। ट्रक पर बोरियों में लाद कर लायी गई ये पुस्तकें कबाड़ी में किलो के हिसाब से बेच दी गई थी। बोरी में 40-59 सेट पुस्तकें थी। यह सभी पुस्तकें कक्षा एक से 5 तक के बच्चों के लिए भेजी गई थी।

विधायक ने विधानसभा में उठाई आवाज

पुष्पराजगढ विधायक फुंदेलाल ङ्क्षसह मार्को को जैसे ही इसकी जानकारी लगी तो उन्होने विधानसभा भोपाल में बेंची गई पुस्तकों को लेकर हंगामा किया, उन्होने कहा कि ‘नि:शुल्क पुस्तकें कबाड में क्यो बेंच दी भाजपा सरकार नें‘ बच्चों का भविष्य अंधकारमय देख उन्होने कहा कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट है, जहां न तो पढाई होती है और न ही पुस्तकों का वितरण किया जाता है, खरीदी और बेचने के लिए जिम्मेदार अधिकारी बैठे हुए है।

जांच प्रतिवेदन में यह आया सामने

इस पूरे मामले की जानकारी जब जिला परियोजना समन्वयक को दी गई तो उन्होने जांच संबंधी पत्र समन्वयक पुष्पराजगढ को जारी करते हुए दो दिवस में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था, जांच प्रतिवेदन मिलने पर पता चला कि पुष्पराजगढ में जितनी किताबें आई थी, उसे सभी स्कूलों में वितरण कर दिये गये और जो बचे थे वह आज भी स्टाक में है, फिर कबाडी के यहां किसने पुस्तक दी और कहां से आया, इसकी जानकारी कबाडी को ही होगा। फिलहाल शिंकू कबाडी के अनुसार किताबें पुष्पराजगढ से उसने खरीदी है।

इनका कहना है

मै अभी ज्वाइन किया हूं, मुझे पत्र मिला था, पूर्व में पदस्थ समन्वयक से जानकारी एकत्रित कर जांच प्रतिवेदन मैने सौप दिया है।

हरप्रसाद तिवारी, समन्वयक

जनपद शिक्षा केेन्द्र पुष्पराजगढ

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जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है, जिसमें पुष्पराजगढ में जो पुस्तके वितरित हुई है और स्टाक में सही पाया गया है, अब कबाड संचालक से ही जानकारी प्राप्त कर जांच करेंगे।

हेमंत खैरवार, डीपीसी

जिला परियोजना समन्वयक अनूपपुर

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कुछ जानकारी प्राप्त हुई थी, मैने तहसीलदार को भेजा भी था, लेकिन पुस्तके बहुत पूराने वर्ष की थी, अगर वर्तमान की किताबों मिली है तो मुझे जानकारी उपलब्ध करा दीजिए, मैं सूक्ष्मता से जांच करवाता हूं।

आशीष वशिष्ठ, कलेक्टर अनूपपुर

 

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