रिश्वत वापसी का वादा: माननीय तक पहुँचा लेन-देन का मामला

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शहडोल। लंबे समय से जिले के देवलोंद थाने में पदस्थ श्रेयाम नामक एसआई पर मनमानी के आरोप लगते रहे हैं, यह पहला मौका है, जब यह शिकायत देवलोंद से निकलकर ब्यौहारी में माननीय के पास पहुंच गई, पीडि़त और उसके घर की महिलाएं नाबालिग बच्चे के लिए न्याय मांगने पहुंची, तब यह बात खुलकर सामने आई कि एसआई ने इस मामले में पीडि़त पक्ष से किसी अन्य के माध्यम से 25 हजार की रिश्वत भी ली है। दूसरी तरफ इस संदर्भ में थाना प्रभारी कलीराम परते का कहना है कि आरोप झूठे हैं, एसआई ने पैसे नहीं लिये होंगे, दूसरी तरफ पीडि़त राहत न मिलने पर रूपये वापसी के लिए दबाव बना रहे हैं।

बीते सप्ताह देवलोंद थाने में महिला द्वारा की गई शिकायत के बाद आरोपी नाबालिग के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 366, 363 के तहत अपराध कायम किया गया था, जिस समय यह मामला थाने में पहुंचा था, उसी समय आरोपी को पकडऩे के बाद उसके परिजन भी यहां पहुंच गये, आरोपी के पिता के द्वारा गोरेलाल नामक व्यक्ति व उसके साथ एक अन्य व्यक्ति के माध्यम से बच्चे को राहत दिलाने के लिए सौदेबाजी करने के आरोप हैं, लेकिन इस मामले में पीडि़त के पिता का कहना है कि वादा होने के बाद भी कोई रियायत नहीं दी गई।

इस संबंध में जब पीडि़त के पिता से चर्चा की गई तो, उसने बताया कि 25 हजार रूपये कागज में लपेटकर थाने में ही दिये हैं, राहत देने की बात कही गई थी, जो नहीं दी गई, यदि हमें राहत नहीं मिली तो, हमें हमारे रूपये वापस मिलने चाहिए, हमने पूरे लेन-देन का वीडियो भी बनाया है, यदि रूपये नहीं मिलते तो, इसे हम मीडिया और वरिष्ठ अधिकारी को देंगे, पीडि़त के पिता के आरोप सही हैं या फिर कार्यवाही होने की खीज के कारण ऐसे आरोप लगाये जा रहे हैं, यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन इस संदर्भ में जब बिचौलिए गोरेलाल से बात की गई तो, उसने अपने किसी रिश्तेदार के माध्यम से रूपये देने की बात स्वीकार की और जल्द ही मामला सुलझ जाने की बातें कही।

इस संदर्भ में जब देवलोंद थाने में पदस्थ श्रेयाम नामक एसआई से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया, हालाकि थाना प्रभारी कलीराम परते ने इन आरोपों का पूरी तरह से खण्डन किया। मामला चाहे जो भी हो, लेकिन इससे पहले भी एसआई पर रिश्वत खोरी तथा स्थानीयजनों से अभद्रता के आरोप लगते रहे हैं, जिससे कहीं न कहीं वर्दी की छवि धूमिल होती रही है।

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