बुंदेलखंडी लोकगायक देशराज पटेरिया का निधन, मुख्यमंत्री ने जताया शोक
भोपाल । बुंदेलखंड के लोकप्रिय लोकगीत गायक देशराज पटेरिया का निधन हो गया है. वे 67 साल के थे. पटेरिया के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है. बताया जाता है कि 67 साल के पटेरिया मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव कस्बे के साप तिटानी गांव के निवासी थे. 4-5 सितंबर की रात पटेरिया को दिल का दौरा पड़ा. दिल का दौरा पड़ने पर परिजनों ने पटेरिया को छतरपुर के मिशन अस्पताल में भर्ती कराया था.
अस्पताल में पटेरिया को अगले सुबह 3.15 बजे फिर से दिल का दौरा पड़ा. डॉक्टरों ने तत्काल उपचार शुरू कर दिया, लेकिन पटेरिया को बचाया नहीं जा सका. दिल की गति रुकने के कारण पटेरिया का निधन हो गया. देशराज पटेरिया के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा है कि वे बुंदेली लोकगीतों में अपनी अनूठी गायकी से प्राण फूंक देते थे. उनके निधन से संगीत जगत ने अपना एक सितारा खो दिया. मुख्यमंत्री चौहान ने कुछ गीतों का जिक्र करते हुए कहा है कि ये गीत, संगीत की अमूल्य निधि हैं.
अपनी अनूठी गायकी से बुंदेली लोकगीतों में नये प्राण फूंक देने वाले श्री देशराज पटेरिया जी के रूप में आज संगीत जगत ने अपना एक सितारा खो दिया।
वो किसान की लली… मगरे पर बोल रहा था…जैसे आपके सैकड़ों गीत संगीत की अमूल्य निधि हैं। आप हम सबकी स्मृतियों में सदैव बने रहेंगे। ॐ शांति!
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) September 5, 2020
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पटेरिया के निधन को कला क्षेत्र की बड़ी क्षति बताया है. उन्होंने कहा है कि पटेरिया ने अपनी गायकी से आंचलिक लोक गायन को समृद्ध किया.
बुंदेलखंड के लोकप्रिय लोकगीत गायक , अपनी मधुर आवाज़ से लोगों के दिलो में छाप छोड़ने वाले पं.देशराज पटैरिया के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ।
उनका निधन कला क्षेत्र की एक बड़ी क्षति है।
परिवार के प्रति शोक – संवेदनाएँ। pic.twitter.com/w2TEbJgtyM— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 5, 2020
आप को बता दें कि पटेरिया देश के साथ ही विदेशों में भी लोकप्रिय थे. उनकी गायकी के दीवाने दुनिया के कई देशों में हैं. लोकगायक पटेरिया को आकाशवाणी से पहचान मिली थी. उनके निधन की खबर से छतरपुर के साथ ही पूरे बुंदेलखंड में शोक की लहर दौड़ गई.