संदेहियों को बचाकर पीडि़त पक्ष के लोगों को बना दिया आरोपी

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वन विभाग व पुलिस ने किया रिश्वत का खेल, भटक रहे फरियादी

शहडोल। कार्रवाइयों का अधिकार रखने वाले वन विभाग व पुलिस विभाग में इंसाफ का चेहरा बदलने का काम जोरों से चल रहा है। पैसों के जोर पर आरोपियों को अभयदान देना, निर्दोषों को मुलजिम बनाकर उनकी जिन्दगी बरबाद कर देने जैसे जघन्य कृत्य यहां के लिए आम बात बन गई है। इस तरह के मामले आए दिन सामने आते हैं, हाल ही में फारेस्ट की बडख़ेरा सर्किल का एक रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला प्रकाश में आया, जिसमें डिप्टी रेंजर ने एक लाख की रिश्वत लेकर संदेहियों को बचाकर पीडि़त पक्ष के उन सात लोगों को आरोपी बना दिया जिनका घटना से कोई सरोकार ही नहीं था। यह सभी निर्दोष आज जेल में हैं। मामला करेंट से हुई एक आदमी की मौत का है। इस मामले में पीडि़त पक्ष की महिलाओं ने मुख्यमंत्री व सीसीएफ से शिकायत कर न्याय की गोहार लगाई है।

ऐसे हुआ था घटनाक्रम

ग्राम पटासी में 11 जनवरी 2024 को घनश्याम बगीचा के पास रामप्रसाद जैसवाल एवं रवि जैसवाल की भूमि के बगल में रामप्रसाद जैसवाल अपनी भूमि में साग-सब्जी आलू टमाटर, गोभी, पालक, धनिया, मूली अपनी फसल की सुरक्षा के लिये रामप्रसाद जैसवाल, रवि जैसवाल, नानबाबू बैगा पिता कुंवरता एवं विक्की मिश्रा पिता अशोक मिश्रा एवं शिवरतन साहू पिता पुरूषोत्तम साहू द्वारा 11 के ़व्ही ़लाइन में खुला जी ़आई ़तार फंसा कर फसल की सुरक्षा व जानवरों का शिकार करने के लिये लगाये थे। इसी बीच ललुआ अपना गाय-बैल लेने के लिये बगीचा की तरफ गया था। जहां जी.आई. तार के ऊपर पैर पड़ जाने के कारण घटनास्थल पर ही गिरकर अचेेत हो गया था। जानकारी होने पर ललुआ के संबंधित लोगों को फोन पर सूचित किया गया। इस पर गुड्डा बैगा पिता गोमलिया, राजकुमार बैगा पिता झींटू बैगा, राजेश बैगा पिता लच्छू बैगा, मंगलू बैगा पिता छोटे बैगा शीशकरण बैगा पिता छोटे बैगा, सुनील बैगा पित गल्लू बैगा, सभी निवासी ग्राम पटासी एवं मेरा बहनोई जम्मा बैगा पिता भोल्ली बैगा निवासी ग्राम मैकी आदि सभी लोग घनश्याम बगीचा पहुंचकर देखे कि ललुआ पड़ा है। सभी लोग ललुआ को उठाकर मेडिकल कॉलेज शहडोल लेकर गये। जहां पर डॉक्टरों ने ललुआ बैगा को मृत घोषित कर दिया और ललुआ बैगा के पोस्टमार्टम करने के पश्चात् उसका शव सौंप दिया गया।

शिनाख्त के बावजूद आरोपियों को बचाया

13 जनवरी को प्रकाश शुक्ला डिप्टी रेंजर वन परिक्षेत्र शहडोल सर्किल बडख़ेरा और 5-6 लोग वन विभाग के कर्मचारी एवं डॉग स्क्वॉड टीम सहित घटनास्थल पर पहुंचे। घटनास्थल से डॉग स्क्वाड सर्वप्रथम रामप्रसाद जैसवाल, रवि जैसवाल, शिवरत्न साहू और नानबाबू के घर गया। जहां पर डॉग ने इन आरोपियों को अपनी खुश्बू और सुगंध से शिनाख्त किया। हैरानी की बात है कि स्क्वाड की शिनाख्त के बाद जांच को उसी दिशा में आगे ले जाने की बजाय डिप्टी रेंजर ने सौदेबाजी शुरू कर दी और अंतत: डिप्टी रेंजर द्वारा रामप्रसाद जैसवाल, रवि जैसवाल, शिवरत्न साहू और नानबाबू बैगा एवं विक्की मिश्रा को बचाने के लिये उक्त लोगो से लगभग 1 लाख रूपये रिश्वत लिया। यही नही निर्दोष व्यक्ति जम्मा बैगा, गुड्डा बैगा, राजकुमार बैगा, राजेश बैगा, मंगलू बैगा, शीशकरण बैगा, सुनील बैगा जो अपने भाई का इलाज कराने ले गये थे। उन्ही को 16 जनवरी 2024 को सुबह 7 बजे हमारे घर ग्राम पटासी में आकर घर से गिरफ्तार करके ले गये थे।

मारपीट कर जबरिया कुबूल कराया

वन परिक्षेत्र चौकी में ले जाने के पश्चात् प्रकाश मिश्रा एवं अन्य आरक्षकों के द्वारा लाठी-डण्डा से मारपीट की गई और बिना सक्षम मजिस्ट्रेट की अनुमति या सूचना के 16 जनवरी 2024 से 19 जनवरी 2024 तक अपने वन परिक्षेत्र चौकी में जबरन बंद करके रखे थे। वहां जबरन अपराध को स्वीकार कराने के लिये दबाव बनाकर मारपीट की जाती थी। इस तरह जबरन वन अपराध क्र ़ 19453/25 अपराध धारा 39,50,51 (वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972) का अपराध फर्जी ढंग से दर्ज करके दिनांक 19 जनवरी 2024 को मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी शहडोल के समक्ष प्रस्तुत किया था। जहां से उक्त सात लोगो को जेल भेज दिया गया है। उक्त अपराध में सभी लोग निर्दोष है, इसके पश्चात् ही नाहक में गिरफ्तार किया जाकर फर्जी अपराध में फंसाया गया था।

पुलिस ने भी रकम लेकर आरोपियों को बचाया

इसके पश्चात् थाना सोहागपुर के द्वारा शुभवन्त चतुर्वेदी सहायक उपनिरीक्षक द्वारा फर्जी ढंग से जम्मा बैगा, गुड्डा बैगा, राजकुमार बैगा, राजेश बैगा, मंगलू बैगा, शीशकरण बैगा, सुनील बैगा के विरूद्ध अपराध क्र ़ 17/24 धारा 304/34 भा ़द ़वि ़ के तहत झूठा अपराध पंजीबद्ध करके फंसाया गया है और उक्त अपराध में मुख्य रूप से दोषी रामप्रसाद जैसवाल, रवि जैसवाल, नानबाबू बैगा एवं विक्की मिश्रा पिता अशोक मिश्रा से सांठ-गांठ किया जाकर 50,000 रूपये की रिश्वत लेकर उक्त लोगो को बचाया गया है। शुभवन्त चतुर्वेदी सहायक उपनिरीक्षक, थाना सोहागपुर के द्वारा रिश्वत की राशि लिया जाकर उक्त अपराध में मुख्य आरोपी रामप्रसाद जैसवाल, रवि जैसवाल, नानबाबू बैगा, विक्की मिश्रा पिता अशोक मिश्रा को बचाया जाकर उक्त अपराध में निर्दोष व्यक्तियों को फंसाकर अपराध दर्ज किया गया है। जिसमें किसी राजपत्रित पुलिस अधिकारी से जांच कराकर निर्दोष व्यक्तियों को रिहा किये जाने की शुभवन्त चतुर्वेदी के विरूद्ध उचित व वैधानिक कार्यवाही की जाये।

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