नेशनल लोक अदालत के तहत 13 दिसंबर को नगर के पाँच स्थलों में शिविर बकाया करों पर अधिरोपित अधिभार में मिलेगी 100% तक छूट
नेशनल लोक अदालत के तहत 13 दिसंबर को नगर के पाँच स्थलों में शिविर
बकाया करों पर अधिरोपित अधिभार में मिलेगी 100% तक छूट
कटनी। राज्य शासन के निर्देशानुसार नगर पालिक निगम द्वारा नेशनल लोक अदालत का आयोजन शनिवार 13 दिसंबर 2025 को प्रातः 10 बजे से किया जाएगा। निगम क्षेत्र के पाँच अलग-अलग स्थानों पर शिविर लगाकर बकाया करों पर अधिरोपित अधिभार में शत-प्रतिशत तक की छूट प्रदान की जाएगी।
यह शिविर नगर निगम कार्यालय सुभाष चौक, जोन कार्यालय क्रमांक-1 बस स्टैंड पुलिस चौकी के पास, जोन कार्यालय क्रमांक-2 दुर्गा चौक खिरहनी, एवं जोन क्रमांक-4 माधवनगर उप कार्यालय सहित जिला न्यायालय परिसर में आयोजित किए जाएंगे। निगमायुक्त सुश्री तपस्या परिहार ने लोक अदालत के सफल संचालन हेतु निगम के विभिन्न शाखा प्रमुखों को दायित्व सौंपे हैं। राजस्व विभाग से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए राजस्व अधिकारी जागेश्वर प्रसाद पाठक एवं जलकर संबंधी समस्याओं के लिए सहायक राजस्व अधिकारी सागर नायक को नियुक्त किया गया है। शिविर स्थलों पर राजस्व उप निरीक्षक और प्रभारी उप निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, जो शिविर में निरंतर उपस्थित रहकर निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप वसूली सुनिश्चित करेंगे। लोक अदालत के दौरान सभी शिविर स्थलों पर विद्युत आपूर्ति बाधित न हो, इसके लिए एमपीईबी के प्रभारी सहायक यंत्री आदेश जैन एवं उपयंत्री मोना करेरा को समन्वय स्थापित करने का दायित्व दिया गया है। वहीं जिला न्यायालय परिसर और नगर निगम के शिविरों में पेयजल व्यवस्था हेतु उपयंत्री मृदुल श्रीवास्तव एवं टैंकर प्रभारी अभिषेक अरजरिया को निर्देशित किया गया है। निगमायुक्त ने शिविर स्थलों पर टेंट, बैठक व्यवस्था, साफ-सफाई, चूने की लाइनिंग, कीटनाशक छिड़काव एवं डस्टबिन रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कंप्यूटर, प्रिंटर, इंटरनेट, रसीद कट्टा और कंप्यूटर ऑपरेटर की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। करदाताओं को एसएमएस, फोन कॉल, सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों के माध्यम से विशेष छूट की जानकारी पहुंचाने और स्वच्छता वाहनों के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक नागरिक लोक अदालत के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकें। निगमायुक्त सुश्री परिहार ने सभी विभाग प्रमुखों को लोक अदालत के दौरान विभागीय विवादित प्रकरणों के अधिकतम निराकरण के निर्देश दिए हैं।