जनपद शिक्षा केन्द्रोंं में अंगदों का कब्जा

दर्जनों आरोपों के बाद भी डटे हैं जयसिंहनगर के समन्वयक
शहडोल। जिला शिक्षा केन्द्र सहित जनपद शिक्षा केन्द्रो में अर्से से समन्वयकों के तबादले नहीं हुए है, जबकि इन कुर्सियों पर तीन वर्षाे से अधिक तक अधिकारियों के डटे रहने की शासन स्तर पर ही मनाही है। जयसिंहनगर में तो, मूल विभाग छोड़कर ब्रम्हानंद श्रीवास्तव पिछले 8 सालों से जनपद शिक्षा केन्द्र के समन्वयक बने बैठे हैं, इनके तरह अन्य जनपद शिक्षा केन्द्रो का भी यही हाल है, ब्लाक मुख्यालयों से लेकर जिला शिक्षा केन्द्र और कलेक्ट्रेट से लेकर भोपाल मुख्यालय तक विभाग में इस तरह तार जुड़े हैं कि इस दौरान जिले में कई कलेक्टर और कमिश्नर आये और चले भी गये, लेकिन इन अंगदों को लेकर शहडोल से लेकर भोपाल तक दर्जनों शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही होती नहीं दिख रही है।
जयसिंहनगर है चर्चाओं में
जिले के जयसिंहनगर विकास खण्ड स्थित जनपद शिक्षा केन्द्र के समन्वयक ब्रम्हानंद श्रीवास्तव बीते 6 से 8 वर्षाे से यहां पदस्थ हैं, इस दौरान अधीनस्थ प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के साथ ही कार्यालय के देखरेख में संचालित होने वाले छात्रावासों से खुलकर वसूली और शिक्षकों की प्रताडऩा की भी दर्जनों शिकायतें हुई, लेकिन बीआरसी अंगद की तरह इस तरह जड़े जमाये बैठे हैं कि उसे हिलाना किसी राजनैतिक दल या मुख्यालय के अधिकारियों के बस से बाहर होता जा रहा है। बीते कुछ दिनों से समन्वयक खुलेआम लेन-देन व मनमानी को लेकर फिर चर्चाओं में हैं।
मूल विभाग छोड़ बने समन्वयक
ब्रम्हानंद श्रीवास्तव के संदर्भ में यह बात भी सामने आई कि लगभग 8 वर्ष पहले वे विकास खण्ड ब्यौहारी स्थित हॉयर सेकेण्ड्री विद्यालय में पदस्थ थे, शासन स्तर पर ऐसे सभी अधिकारियों व शिक्षकों को मूल पद पर वापस भेज दिया गया, जो संलग्नीकरण या प्रतिनियुक्ति के साथ जनप्रतिनिधियों की कृपा पर मूल विभाग को छोड़कर अन्यत्र पदस्थ थे, लेकिन प्रतिनियुक्ति पर यहां पहुंचे ब्रम्हानंद श्रीवास्तव दर्जनों बार शासन स्तर पर आदेश जारी होने के बाद भी न तो, मूल विभाग वापस गये और न ही उन्हें कुर्सी से हटाया गया।
ब्लाक मुख्यालय में नहीं है डेरा
जिला सहित प्रदेश स्तर पर बैठे शिक्षा विभाग के साथ ही अन्य सभी विभागों के मुखिया के द्वारा जनपद व जिला स्तर के अधिकारियों को मुख्यालय में रहने के आदेश दिये गये है, लेकिन अन्य आदेशों की तरह शायद यह आदेश भी ब्रम्हानंद श्रीवास्तव पर लागू नहीं होता। जब से इनकी नियुक्ति जयसिंहनगर बीआरसीसी में हुई है, तभी से लेकर वर्तमान तक ब्रम्हानंद ब्यौहारी से जयसिंहनगर में अप-डाउन की संस्कृति पाले हुए है, मजे की बात तो यह है कि इसकी जानकारी डीपीसी से लेकर जिले व संभाग के मुखिया तक को है, लेकिन इस संदर्भ में किसी ने भी आज तक गंभीरता नहीं दिखाई।
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