चुनाव से बाहर खदेडऩे खंगाल रहे जातिगत सजरे

जाति में फेरबदल कर जनता व शासन से की धोखाधड़ी: आरोप
बड़ी कार्रवाई कराने की कांग्रेसी दे रहे चेतावनी
शहडोल। 8 अगस्त को होने वाले चुनावों में सबसे ज्यादा कशमकश धनपुरी में दिखाई पड़ती है। यहां के अध्यक्ष पद को लेकर आरोपो का सैलाब सा उमड़ रहा है। कांग्रेस ने तो यहां तक आरोप लगा दिए हैं कि धनपुरी के वार्ड नंबर 1 से भाजपा नेत्री का फर्जी प्रमाण पत्र बनाया गया है। यही नहीं उन्होंने वार्ड नंबर 22 और वार्ड नंबर 15 से भाजपा प्रत्याशियों का भी जिक्र करते हुए कहा कि तीनों मामलों को लेकर कांग्रेस एफआईआर कराने से लेकर परिवाद दायर करने व उच्च स्तरीय छानबीन समिति में दावा पेश करेगी और शासन के आदेशों और गाइड लाईन के अनुरूप यदि जांच होती है तो, न सिर्फ चुनाव शून्य होंगे, बल्कि धोखाधड़ी भी प्रमाणित होगी। यह खुलासा कांगे्रस नेता प्रदीप सिंह, बृजेश शुक्ला, मनु सिंह और विशाल खण्डेलवाल ने एक पत्रकारवार्ता के दौरान भारतीय जनता पार्टी और प्रशासनिक अमले पर आरोप लगाए और कहा कि भाजपा की सरकार और उसके अमले के लोग भाजपा प्रत्याशियों की खामियों को नजरअंदाज कर रहे हैं, जो कि सरासर गलत है।
सिरगिट्टी के चुनाव ने दिखाया रास्ता
पत्रकारवार्ता में छत्तीसगढ़ के सिरगिट्टी नगरीय निकाय की नजीर पेश की गई। प्रदीप सिंह ने कांग्रेस नेता के ऊपर भाजपा द्वारा कराई गई कार्यवाही के दस्तावेज साझा किए। उन्होंने बताया कि सतनाम सिंह खनूजा सिरगिट्टी से चुनाव जीते थे और भाजपा ने इसे चुनौती दी थी। उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ और माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के निर्णयों का हवाला दिया, जिसका उल्लेख कांग्रेस नेता के चुनाव शून्य करने के दस्तावेजों में किया गया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाये कि दस्तावेज बताते हैं कि वार्ड नंबर 1 से प्रत्याशी श्रीमती रविन्दर कौर छाबड़ा सामान्य जाति की हैं, जबकि प्रशासनिक मिली भगत से उन्हें वार्ड नंबर 1 से नामांकन मय ओबीसी प्रमाण पत्र के साथ जमा किया और शासन ने इसे स्वीकार कर लिया। इन दस्तावेजी सबूतों के साथ एफआईआर कराने की मांग आवेदन देकर करती है।
कितनी बार बदलेंगे जाति
कांग्रेस नेता ने कहा कि आखिर माजरा क्या है चुनाव जीतने के लिए कितनी बार जाति बदलेंगे। उन्होने कहा कि 13 जून 2012 को धनपुरी नगर पालिका अध्यक्ष के लिए भरे गये नामांकन पत्र में रविन्दर कौर छाबड़ा द्वारा नाम निर्देशन पत्र में जाति के कॉलम में खुद को आरक्षित जाति का न होना बताया गया था। वहीं इस बार 18 जून को वार्ड नंबर 1 से पार्षद पद के लिए जो नाम निर्देशन पत्र, शपथ के साथ जमा किया गया, उसमें खुद को पिछड़ा जाति का होना बताया गया है। कांग्रेस नेता प्रदीप सिंह ने दावा किया कि दोनों में से एक ही शपथ पत्र सही हो सकता है, इससे स्पष्ट है कि एक शपथ पत्र में जानबूझकर पद की लालसा के लिए झूठी जानकारी दी गई थी। जो कि गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
छोटे मगरमच्छ भी नक्शेकदम पर
कांग्रेस नेता और अधिवक्ता बृजेश शुक्ला ने पत्रकारों को बताया कि बड़े मगरमच्छ तो हैं ही छोटे भी उन्ही से सीख रहे हैं। कि वार्ड नंबर 15 से भाजपा प्रत्याशी श्रीमती पूजा कोल के द्वारा भी गुल खिलाया गया है। सबका समय कानून के शिकंजों की ओर आता जा रहा है। उन्होंने बताया कि श्रीमती पूजा कोल का असली व मायके का नाम पूजा सोनी है वे कृपाशंकर सोनी की पुत्री हैं। उन्होंने यह भी कहा कि धनपुरी के भारती विद्या मंदिर और कन्या विद्यालय में अध्ययन कर चुकी वार्ड नंबर 15 की पार्षद ने नाम निर्देशन फार्म में खुद को कोल जाति का बताया है। मायके की जाति के हिसाब से वे सोनी अर्थात पिछड़ा वर्ग से हैं। बावजूद सबकुछ जानते हुए झूठा शपथ पत्र देना धोखाधड़ी के अंतर्गत आता है। यही नहीं वार्ड नंबर 22 से भाजपा प्रत्याशी रहीं श्रीमती स्वाती नसरीन ने खुद को पिछड़ी जाति का बताकर चुनाव लड़ा था। जबकि विद्यालय और अन्य रिकार्ड सहित यह बात उजागर होती है कि श्रीमती स्वाती नसरीन अग्रवाल समाज से हैं। उन्होन वार्ड नंबर 15 की तरह वार्ड नंबर 22 की भी प्रत्याशी ने नाम निर्देशन भरने के दौरान शासन से धोखाधड़ी की है। कांगेे्रस नेताओं ने कहा कि सारे प्रकरण जांच में देने के लिए ठोस व जरूरी प्रमाणपत्रों सहित जानकारियां एकत्र कर तैयारी की जा रही है।