बाघों की मौत को केंद्र सरकार ने लिया संज्ञान

जांच के बाद मौत से उठेगा पर्दा, जिम्मेदारों पर भी होगी कार्यवाही..!
उमरिया। बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में पिछले 8 माह में जितने बाघों के मौत का आंकड़ा बढ़ा है, शायद इस तरह पहले कभी सामने नहीं आये हैं, जिसे लेकर प्रबंधन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में तो रही साथ ही निरंकुशता भी दिखाई दी। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने की जितनी खुशी क्षेत्रीय जनों में थी, ठीक उसका दोगुना गम उन्हें लगातार एक एक कर दर्जनों बाघों की मौत से हुआ। विदित हो कि प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व का अहम योगदान था, लेकिन वर्तमान प्रबंधन की उदासीनता और लचर व्यवस्थाओं की भेंट यहां के कई बाघ चढ़े हैं। लगातार हुई बाघों की मौत को लेकर शिकायत की गई थी , जिसके बाद चिंता जाहिर करते हुए भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली ने शिकायत को संज्ञान लेते हुए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक मध्य प्रदेश को बाँधवगढ़ में हुए बाघों की मौत को लेकर आवश्यक कार्यवाही कर अवगत कराया जाए।
8 माह में दर्जनों बाघों की मौत
टाइगर स्टेट य तेंदुआ स्टेट के बांधवगढ़ में बीते लगभग 8 माह में दर्जनों बाघों ने संदिग्ध परिस्थितियों में दम तोड़ा है, सूत्रों की माने तो कई बाघों के शव इस अवस्था मे मीले कि स्वयं प्रबंधन अचंभित रहा, लेकिन खुद की करतूतों को छिपाने के लिए प्रबंधन ने कई मौतों को जंगल मे ही दफन कर दिया तो, वहीं हाल ही में हुई टी-42 और उसी के एक शावक की मौत ने प्रबंधन के ऊपर ही कई प्रश्न चिन्ह लगा दिए जिसे लेकर स्थानीय लोगों ने जागरूकता का संदेश देते हुए केंद्र सरकार से इसकी शिकायत की जिसके बाद गंभीर विषय को संज्ञान में लेते हुए केंद्र सरकार ने मामले में कार्यवाही कर अवगत कराने कहा है।
19-20 में सर्वाधिक बाघों की मौत का आंकड़ा
खबर है कि बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सन 2019-20 में सबसे ज्यादा बाघों की मौत हुई, जिसमें क्षेत्र संचालक का अनुभव विहीन होना बताया गया और बाघों के विषय मे ज्यादा जानकारी का न होना कहा गया है। सूत्रों का यह भी दावा है कि वर्तमान क्षेत्र संचालक की निगरानी में कमियों का नतीजा रहा कि उक्त वर्ष के लगभग 8 माह में दर्जनों बाघों ने असमय ही दम तोड़ दिया, साथ ही शिकारियों के शिकार भी बने, जिसे लेकर प्रबंधन ने मामले को मीडिया से बहुत सी जानकारियां भी छिपाई हैं, लेकिन यदि जांच होती है तो, हुई मौतों के राज से पर्दा उठ जाएगा।
यह आया जवाब
भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण ने पत्र लिखकर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, मध्य प्रदेश को बाँधवगढ़ टाईगर रिजर्व में सात माहो में लगभग 10 से 12 बाघो के संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की न्यायिक जाँच कराए जाने के संबंध में की गई, शिकायत को संज्ञान लेते हुए उक्त पत्र के माध्यम से 7 दिसम्बर को उक्त विषय का अवलोकन कर इस संदर्भ में निर्देश दिया कि प्रकरण में वस्तुस्थिति एवं आवश्यक कार्यवाही करते हुए इस प्राधिकरण को अवगत कराया जाए। अलबत्ता बाघों के लिए काल बन चुके बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में हुई बाघों की मौत में निष्पक्ष जांच से कई रहस्य उजागर होंगे तो, वहीं सूत्रों के अनुसार शायद वर्तमान क्षेत्र संचालक के कई कारनामों और निरंकुशता की कलई भी खुलेगी।
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