मेडिकल कॉलेज में बवाल : इंटर्न डॉक्टर पर लेबर रूम में मारपीट का आरोप, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप, पहले भी कई विवादों में रही है चर्चा

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शहडोल। मेडिकल कॉलेज शहडोल एक बार फिर विवादों में है। इस बार मामला महिला इंटरन डॉक्टर से जुड़ा है, जिस पर अपने ही सहपाठी और स्टाफ के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है। आरोप है कि लेबर रूम के अंदर ड्यूटी के दौरान उसने बाल खींचकर एक महिला इंटरन को जमीन पर गिरा दिया, कपड़े फाड़ दिए और जान से मारने की धमकी दी। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें इंटर्न डॉक्टर हाथापाई करती हुई साफ दिखाई दे रही है। हालांकि halehulchal  इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
शिकायत पत्र और गवाहों की सूची
पीड़िता इंटरन डॉक्टर शिवानी लाखिया ने कॉलेज प्रशासन को लिखित शिकायत सौंपी है, जिसमें पूरे घटनाक्रम का विस्तार से उल्लेख है। शिकायत में कहा गया है कि आरोपी डॉक्टर ने जानबूझकर हमला किया और लगातार गालियां देकर बदसलूकी की। घटना को मौके पर मौजूद नर्सिंग स्टाफ, गार्ड, मरीजों के परिजन और अन्य कर्मचारियों ने देखा। गवाहों की सूची भी शिकायत के साथ संलग्न की गई है, जिसमें कई कर्मचारियों और डॉक्टरों के नाम दर्ज हैं। इतना ही नहीं, लेबर रूम और कॉरिडोर में लगे CCTV कैमरों में भी मारपीट का दृश्य कैद हो गया है।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि आरोपी ने हॉस्टल तक पीछा किया और वहां भी धमकाने की कोशिश की। पीड़िता का कहना है कि यह घटना सिर्फ व्यक्तिगत हमला नहीं बल्कि महिला चिकित्सकों की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा गंभीर मामला है।
पहले भी रही है विवादों में

यह पहला मौका नहीं है जब महिला इंटरन डॉक्टर सुर्खियों में आई हो। इससे पहले वह नफीस बस ट्रेवल्स विवाद के दौरान चर्चा में रही थी। इसके बाद महादेव से जुड़े विवाद और एक अन्य विभागीय प्रकरण में भी उसका नाम सामने आ चुका है। हर बार कॉलेज प्रबंधन और संबंधित विभागों ने मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन अब मारपीट का यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहा है।

कॉलेज प्रशासन और पुलिस पर सवाल
अब तक मेडिकल कॉलेज प्रशासन और पुलिस पर आरोप लगता रहा है कि वे ऐसे मामलों को दबा देते हैं। कई बार आंतरिक जांच के नाम पर प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। कॉलेज प्रबंधन ने भी कभी सख्त कार्रवाई की हिम्मत नहीं दिखाई। यही वजह रही कि विवाद बढ़ते चले गए और आरोपी बार-बार विवादों का केंद्र बनी रही।
लेकिन इस बार मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और शिकायत थाने तक पहुंचने लगी है। ऐसे में कॉलेज प्रशासन और पुलिस दोनों की भूमिका सवालों के घेरे में है। यह भी चर्चा है कि अब तक पुलिस ने शिकायत दर्ज करने में ढिलाई बरती, जबकि कॉलेज प्रबंधन भी मामले को शांत करने के दबाव में काम करता रहा।
संभावित कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और लिखित शिकायत को देखते हुए अब मामले को दबाना आसान नहीं होगा। पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ तत्काल निलंबन और विभागीय कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, कॉलेज के अन्य स्टाफ भी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
कानूनी जानकारों का कहना है कि यह मामला सिर्फ मेडिकल कॉलेज का आंतरिक विवाद नहीं है बल्कि इसमें BNS की धाराएं (मारपीट, धमकी, अभद्र व्यवहार, महिला की गरिमा भंग करना) भी बनती हैं। ऐसे में अगर पुलिस निष्पक्ष जांच करती है तो आरोपी पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होना तय है।
सुरक्षा पर बड़ा सवाल
यह घटना महिला डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। एक तरफ सरकार महिला सुरक्षा और सम्मान की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज जैसे संस्थान में महिला डॉक्टर खुद असुरक्षित महसूस कर रही हैं।

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