विराटधरा पर श्रद्धा-उल्लास से मनाया गया छठ महापर्व

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आज 40 घंटे का निर्जला व्रत तोड़ेंगी महिलाएं

(Amit Dubey)
शहडोल। संभागीय मुख्यालय में बरसों से निवासरत बिहार, झारखंड के मूल निवासियों ने बिहार में मनाए जाने वाले प्रमुख छठ महापूजा पर्व पर शाम को सूर्यदेव को अघ्र्य देने से पहले नदी, मोहनराम तालाब के किनारों को चकाचक कर दिया है। परिजन शुक्रवार की सुबह तालाब के किनारों पर पूजा के लिए पहले से जगह घेरकर वहां पूजा वेदी सजा दी थी। छठ महापर्व समिति ने बताया कि शाम को अघ्र्य देने से पहले की सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी थी। समिति ने पहले ही अपील कर दी थी कि लोग अपने घर पर पूजा करके छोटे जलाशय बनाकर अघ्र्य दें।
दूर दूर बनाई वेदियां
हर बार काफी भीड़ होने से पास-पास ही पूजा वेदियां बनती थी। इस बार तीन चार मीटर से अधिक दूरी पर वेदियां भक्तों ने बनाई थी, ताकि शारीरिक दूरी बनी रहे। छठ महापूजा रखने वाले परिवारों में श्रद्धा-उल्लास का माहौल दिखा। उमडऩे वाली भीड़ को देखते हुए समिति के सदस्य निगरानी रखेंगे, ताकि कोई तालाब के भीतर दूर तक ना जा सके। व्रतियों के साथ आने वाले परिजन तालाब में दूर तक चले जाते हैं, इसलिए किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए गोताखोर भी नियुक्त किए गए हैं।
आज व्रत का समापन
व्रतधारी महिलाएं डूबते सूर्य को अघ्र्य देकर रातभर भजन कीर्तन में रमी रही। आज सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देने के बाद प्रसाद ग्रहण करके गुरुवार की रात से शुरू हुए निर्जला व्रत का पारणा करेंगी। आज सुबह ब्रह्म मुहूूर्त से ही सभी की नजरें सूर्योदय होने की ओर लगी रहेंगी। जैसे ही सूर्योदय होगा, वैसे ही एक साथ सैकड़ों लोग कमर तक पानी में खड़े रहकर अध्र्य देंगे। इसके बाद महिलाएं घर लौटकर प्रसाद ग्रहण करके 40 घंटे का निर्जला व्रत तोड़ेंगी। इसके बाद परिचितों- रिश्तेदारों को फल और व्यंजन प्रसाद के तौर पर वितरित करने का सिलसिला चलता रहेगा।

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