जन्म से 5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की उचित स्वास्थ्य देखभाल जरूरी – श्री परस्ते

संवेदना अभियान व विश्व स्तनपान सप्ताह पर मीडिया कार्यशाला का आयोजन संपन्न
अनूपपुर | महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शहडोल कमिष्नर द्वारा मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर एवं कुपोषण को कम करने हेतु संवेदना अभियान के क्रियान्वयन तथा विश्व स्तनपान सप्ताह के संबंध में मीडिया कार्यशाला का आयोजन कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में किया गया। इस अवसर पर महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विनोद परस्ते, पीआरओ श्री अमित श्रीवास्तव सहित इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिन्ट मीडिया के पत्रकार उपस्थित थे।
महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विनोद परस्ते ने मीडिया कार्यशाला में जानकारी देते हुए बताया कि जन्म से 5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों में उचित पोषण एवं स्वास्थ्य देखभाल, बच्चे के श्रेष्ठतम वृद्धि तथा विकास हेतु अनिवार्य है। जीवन काल के प्रथम 1000 दिवस के दौरान यह और भी महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि बच्चों में होने वाले वृद्धि एवं विकास की दर इस काल में सबसे तेज होती है। इस दौरान बच्चों में पोषण की कमी तथा संक्रमण के कारण उनके शारीरिक वृद्धि एवं विकास बाधित होने व कुपोषण के शिकार होने की संभावना अधिक होती है। उन्होंने बताया कि सामान्य पोषण स्तर वाले बच्चों की तुलना में अति गंभीर कुपोशित बच्चों में बीमारियों के कारण मृत्यु होने की संभावना 9 से 10 गुना होती है। अतः बच्चों में कुपोषण रोकने के लिए प्रदेश में एकीकृत प्रयास किया जाना आवश्यक है। जिसमें चिन्हित अति कुपोशित बच्चों को उनकी आवष्यकतानुसार संस्थागत पोषण पुर्नवास केन्द्र एवं समुदाय स्तर पर पोषण प्रबंधन एवं प्रतिबंधात्मक उपाय किए जांए। जिससे उन्हें विशेष पोषण एवं स्वास्थ्य देखभाल कर सामान्य पोषण की स्थिति में लाने का प्रयास किया जा सके। उन्होंने बताया कि अति गंभीर कुपोषित बच्चों को समुदाय पर पौष्टिक आहार, एन्टी विटामिन एवं निगरानी द्वारा सफलतापूर्वक सामान्य पोषण पर लाया जा सकता है। पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विश्व में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर के मुख्य कारण, कुपोशण के प्रकार, कुपोषण के प्रमुख कारण, जीवन के प्रारंभिक 1000 अनमोल दिवस की सेवाओं हेतु की जाने वाली गतिविधि, कुपोषण और संक्रमण का दुष्चक्र, कुपोषण किसको सबसे ज्यादा प्रभावित करता है, शिशु एवं छोटे बच्चों में आहारीय प्रणाली, अनूपपुर जिले में वर्तमान में कुपोषण का स्तर, पोषण पुर्नवास केन्द्रों में विगत 4 माह में भर्ती किए गए बच्चों के आंकड़े, किशोरी बालिकाओं में एनीमिया नियंत्रण, मातृ मृत्यु दर, गर्भावस्था की शीघ्र पहचान एवं पंजीयन, प्रसव पूर्व एवं पष्चात् देखभाल सुनिष्चित करने तथा अंतर्विभागीय समन्वय के संबंध में जानकारी दी गई। एक से सात अगस्त तक संचालित विश्व स्तनपान सप्ताह के संबंध में प्रदेश में पिछले एक दशा में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों में पोषण स्तर की सुधार की स्थिति, शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए स्तनपान के महत्व, शिशुओं एवं बच्चों के लिए आदर्श आहार का अर्थ, स्तनपान की शीघ्र शुरुआत, स्तनपान के लाभ, स्तनपान कराते समय बच्चे को लेने का सही तरीका, बीमारी में भी मां का दूध पिलाना जारी रखने तथा जन्म से एक घंटे के अंदर स्तनपान की शुरुआत 6 माह पूर्ण होने पर स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की शुरुआत कर दो वर्ष तक स्तनपान कराना, कुपोषण के सभी प्रकारों का निवारण, सरकार के प्रयास, स्तनपान की गतिविधियां के संबंध में विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला गया।