स्कूल में बच्चे मौजूद, लेकिन प्रिंसिपल से लेकर भ्रत्य तक सभी रहे गायब जिला शिक्षा समिति अध्यक्ष के निरीक्षण में सामने आई जरवाही मिडिल स्कूल की जमीनी सच्चाई

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स्कूल में बच्चे मौजूद, लेकिन प्रिंसिपल से लेकर भ्रत्य तक सभी रहे गायब
जिला शिक्षा समिति अध्यक्ष के निरीक्षण में सामने आई जरवाही मिडिल स्कूल की जमीनी सच्चाई

कटनी। सरकारी स्कूलों में चली आ रही भर्राशाही जिले में नए शिक्षण सत्र में भी हावी दिखाई दे रही है। स्कूलों में बच्चे तो पहुंच रहे है, लेकिन मोटी तनख्वाह पाने वाले सरकारी शिक्षक से लेकर प्राचार्य तक अपनी जिम्मेदारी को टाइम पास समझ कर स्कूलों में सिर्फ तफरीह करने पहुंचते है। सरकारी स्कूलों में हावी इस भर्राशाही की बानगी आज ग्राम जरवाही स्थित शासकीय माध्यमिक स्कूल में देखने को मिली। जहां स्कूल के निर्धारित समय पर बच्चे तो पढ़ने पहुंच गए, लेकिन 2 घंटे बीतने के बाद भी उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक स्कूल में हाजिर नहीं हुए।

चकरा गया जिला शिक्षा समिति अध्यक्ष का माथा

जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं जिला शिक्षा समिति अध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा आज सुबह जब औचक निरीक्षण करने जरवाही के सरकारी मिडिल स्कूल पहुंचे तो उनका माथा ही चकरा गया। स्कूल में बच्चे तो मिले लेकिन न तो वहां कोई चपरासी था और न ही कोई शिक्षक। इतना ही नहीं खुद प्राचार्य भी वहां से गैरहाजिर थे।

2 घंटे बाद आई एक शिक्षिका

करीब 2 घंटे के इंतजार के बाद एक शिक्षिका अन्ना लखेरा सुबह 9 बजे स्कूल पहुंची, लेकिन उनके चेहरे पर लेट लतीफी को लेकर शिकन तक नहीं दिखी। लेकिन हैरत कि बात यह कि जब इस संबंध में जब जिला शिक्षा समिति अध्यक्ष द्वारा जिले के कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को कॉल किया गया तो उन्होंने फोन तक रिसीव नहीं किया, और जिन अधिकारियों ने फोन रिसीव किया तो वे भी गैर हाजिर शिक्षकों और प्राचार्य की ही पैरवी करते नजर आए।

कार्यवाही के दिए निर्देश

जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवम् जिला शिक्षा समिति के अध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने डीपीसी डेहरिया को फोन कर उनको लताड़ लगाई और स्कूलों का निरीक्षण कर व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए। साथ ही स्कूल प्राचार्य श्री खलको सहित सभी शिक्षकों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

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