स्मार्ट टी वी पाकर खिल उठे बच्चों के चेहरे, बच्चों में पठन संस्कृति के विकास हेतु लगातार किए जा रहे प्रयास रीडिंग कल्चर के विकास के लिये बच्चों का उनकी आयु के अनुरूप तरह तरह की किताबें पढ़ना जरूरी-कलेक्टर अवि प्रसाद

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स्मार्ट टी वी पाकर खिल उठे बच्चों के चेहरे, बच्चों में पठन संस्कृति के विकास हेतु लगातार किए जा रहे प्रयास
रीडिंग कल्चर के विकास के लिये बच्चों का उनकी आयु के अनुरूप तरह तरह की किताबें पढ़ना जरूरी-कलेक्टर अवि प्रसाद

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्थापित होंगें पुस्तकालय- कलेक्टर कटनी ने मांगे जिले के समाजसेवियों और प्रबुद्ध जनों से सुझाव।
SBI के सौजन्य से बच्चों की दी स्मार्ट टी वी
पुस्तकें और दस हज़ार की राशि भी दी।

कटनी ॥ कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देशन में कटनी जिले में बच्चों में पठन संस्कृति के विकास हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैँ | कलेक्टर द्वारा विभिन्न विद्यालयों के भ्रमण के दौरान बच्चों से मिलकर उनकी पढ़ाई लिखाई की स्थिति को जानना, उनके साथ भोजन करना, खाना परोसकर बच्चों को खाना खिलाना, बच्चों को अच्छी गुणवत्ता का भोजन उपलब्ध कराने हेतु स्वयं पहल करना, पुस्तकालय में कहानी सुनना सुनाना, बच्चों को हर दिन स्कूल जाने के लिये प्रेरित करना शिक्षा के प्रति उनके संवेदनशील दृष्टिकोण को दिखाता है | उनका मानना है कि इस समाज में रीडिंग कल्चर के विकास के लिये हमारे बच्चों का उनकी आयु के अनुरूप तरह तरह की किताबें पढ़ना जरूरी है | पढ़ने से जुड़ाव होने पर बच्चे कई अनुभवों से गुजरकर किताबों की सीख को जीवन में लागू करते हैँ तभी परिस्थितियों में सकारात्मक बदलाव आता है |
इस उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर कटनी द्वारा शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय रीठी में पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया था और साथ में वहां बच्चों से यह भी जाना गया था कि आपको यहां पर क्या आवश्यकता है बच्चों ने वहां पर टीवी और साथ में कुछ किताबें इत्यादि की आवश्यकता बताई थी। कलेक्टर द्वारा आज उनको कार्यालय में बुलाकर उपरोक्त सभी सामग्री सौंपी है और साथ ही संज्ञान में लिया कि छात्रावासी बालिकाएं जिनको पढ़ने के मौके कम मिलते हैं उनके लिए कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में पुस्तकालय स्थापितकिये जायें। कलेक्टर द्वारा 25 जनवरी को माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप किसी एक कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में उद्घाटन किया जाएगा। इसके पश्चात है अन्य कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में भी इसे प्रारंभ किया जाएगा। और शेष अन्य विभाग के भी सभी छात्रावासों में पुस्तकालय प्रारंभ करने की योजना है । जिले में संचालित अन्य छात्रावासों से पुस्तकालय संचालन हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये गये हैँ | छात्रावासों में स्थापित होने वाले पुस्तकालयों में न्यूनतम 100 पुस्तकें उपलब्ध कराने जिनमें से 25 प्रतिशत किताबें कामिक्स पिंकी, बिल्लू ,चाचा चौधरी, अमर चित्र कथा, अकबर बीरबल, तेनालीराम, विक्रम बेताल, चंपक, चंदामामा इत्यादि, 25 प्रतिशत किताबें सामान्य ज्ञान, रिफ़रेन्स बुक्स, एनसायकलोपीड़िया एवं नवीन जानकारी आधारित तथा शेष 50 प्रतिशत किताबें स्वस्थ बाल साहित्य आधारित होंगी| पुस्तकालय में लगभग 50 कुर्सियों के साथ साथ किताबें रखने के लिये 2 बुक सेल्फ एवं 2 बड़े टेबल रखे जायेंगे जिन पर पढ़ने हेतु प्रतिदिन किताबें डिस्प्ले की जायेंगी|

विद्यालय से छात्रावास लौटने के पश्चात अथवा रात्रि डिनर के पश्चात आधा से एक घंटे तक छात्राएं पुस्तकालय में किताबें पढ़ेंगी| प्रतिमाह अंतिम रविवार को प्रातः 11 बजे पुस्तक पर चर्चा का आयोजन अथवा पपेट (कठपुतली) के माध्यम से कहानियों का मंचन किया जायेगा साथ ही किताबों पर आधारित स्वस्थ बाल फिल्में भी छात्राओं को दिखाई जायेंगी | माहवार होने वाली गतिविधियों में स्वल्पाहार की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिये गये हैँ | वार्डन/ सहायक वार्डन को पुस्तकालय संचालन हेतु बेसिक पुस्तकालय प्रबंधन प्रशिक्षण दिया जायेगा| प्रशिक्षण हेतु किसी विशेषज्ञ एजेंसी अथवा डाइट की सेवाएं ली जायेंगी| माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार जिले में इस नई पहल का शुभारंभ 25 जनवरी को एक केजीबीव्ही से करने के निर्देश संबंधित विभाग को दिये गये हैँ| जिले के सभी छः के जी बी व्ही के पश्चात इन पुस्तकालयों को आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में भी प्रारंभ करने की कार्यवाई की जायेगी | पुस्तकालयों को स्थापित करने एवं उन्हें संचालित करने हेतु जिले के समाजसेवियों, प्रबुद्धजनों से दिनांक 20/01/2023 शाम 5 बजे तक कार्यालयीन समय पर सुझाव आमंत्रित किए गये हैँ| यह सुझाव डाइट कटनी में पदस्थ व्याख्याता राजेन्द्र असाटी के संपर्क नंबर 9424395097 पर भी प्रेषित किए जा सकेंगे | छात्रावास वार्डन एवं शिक्षा विभाग के सभी प्राचार्यों की बैठक में विभागीय स्तर पर सुझाव लिये जायेंगे | स्वयंसेवी संस्थाओं एवं नागरिकों द्वारा स्वप्रेरणा से संसाधनों को जुटाने हेतु आर्थिक सहयोग भी किया जा सकता है | सभी संबंधित विभागों को पूर्व तैयारी करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिये गये हैँ |

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