जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप प्रतिबंधित,कलेक्टर ने औषधि निरीक्षक को छापामारी कर अमानक दवा जप्त करने के दिये निर्देश
जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप प्रतिबंधित,कलेक्टर ने औषधि निरीक्षक को छापामारी कर अमानक दवा जप्त करने के दिये निर्देश
कटनी।। छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण बच्चों की हुई दुखद मृत्यु के बाद जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के क्रय, विक्रय,संधारण और वितरण को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। कलेक्टर आशीष तिवारी ने जिले में अभियान के तौर पर छापामारी कर कोल्ड्रिफ सिरप को जप्त करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन सहित औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया है कि कोल्ड्रिफ कफ दवा का विक्रय एवं वितरण तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियमों में प्रावधान के अनुसार कार्रवाई की जाये। संबंधित औषधि के नमूने संकलित कर परीक्षण हेतु शासकीय औषधि प्रयोगशालाओं को भेजे जाएं। कोल्ड्रिफ सिरप के अन्य बैचेस भी यदि उपलब्ध हों तो उन्हें भी सील कर नमूने परीक्षण हेतु भेजे जाएं। जनहित को देखते हुए यदि किसी दवा विक्रेता के पास पूर्व से ही ये दवायें संधारित हो तो उन्हें इसकी सूचना तुरंत कार्यालय उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन कटनी को देने कहा गया है। साथ ही कटनी में इस दवा की आवाजाही पर सख्त निगरानी के निर्देश हैं।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के नियंत्रक दिनेश कुमार मौर्य ने समस्त औषधि निर्माताओं, औषधि निरीक्षकों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा मेडिकल कॉलेजों के डीन को 1 अक्टूबर 2025 को क्लोर फ़ेनिरामाइन मेलिएट एवं फ़ेनाइलफ़्रिन एचसीएल के उपयोग के संबंध में एडवाइजरी जारी की गई है। जिसमें क्लोरफेनिरामीन मेलिएट IP 2mg + फिनाईलफ्रिन HCL IP 5mg ड्रॉप/मि.ली. के संयोजन एफ.डी.सी. का निर्माण करने वाली सभी कम्पनियों को अपने औषधि के लेबल, पैकेज इंसर्ट एवं प्रचार साहित्य पर यह चेतावनी स्पष्ट उल्लेखित होनी चाहिए की -यह एफ.डी.सी. 4 वर्ष से कम आयु के बच्चों में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। कलेक्टर ने सीएमएचओ डा राज सिंह ठाकुर को निर्देशित किया है कि वे सभी पंजीकृत चिकित्सकों को भी शासन की इस एडवाइजरी के माध्यम से जारी निर्देश में उक्त औषधीय संयोजन का प्रयोग करते समय उपर्युक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करवायें। इसका उल्लंघन पाये जाने पर संबंधितों के विरुद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के प्रावधानों के तहत कठोर कार्रवाई की जायेगी।