महिला समूह की शिकायत पर कलेक्टर डॉ. केदार सिंह सख्त, तत्काल जांच के आदेश
शहडोल।जिले में स्व-सहायता समूह से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं के नाम पर कथित रूप से फर्जी ऋण लेने और वसूली का दबाव बनाए जाने के गंभीर मामले में कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने सक्रियता दिखाते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। ग्राम सिलपरी, तहसील गोहपारू की अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग की महिलाओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर लिखित शिकायत सौंपते हुए न्याय की गुहार लगाई।
महिलाओं ने अपने आवेदन में बताया कि वे विभिन्न स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं, जिनका संचालन बेला बाई एवं उनके पति रामप्रसाद सिंह द्वारा किया जाता था। आरोप है कि समूह से जोड़ने के नाम पर महिलाओं से अंगूठा लगवाया गया और बाद में उनके नाम व पहचान का दुरुपयोग कर “सत्या माइक्रो कैपिटल लिमिटेड” नामक कंपनी से लाखों रुपये का ऋण ले लिया गया। महिलाओं का कहना है कि उन्होंने स्वयं कोई ऋण नहीं लिया, न ही उन्हें इसकी जानकारी दी गई।

शिकायत के अनुसार, वर्तमान में संबंधित कंपनी के कर्मचारी महिलाओं को ऋण वसूली के लिए नोटिस भेज रहे हैं और जबरन पैसे की मांग कर रहे हैं, जिससे वे मानसिक तनाव और भय में जीवन यापन कर रही हैं। कई परिवारों में इस कारण विवाद और आर्थिक संकट की स्थिति बन गई है। महिलाओं ने यह भी बताया कि जब उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी लेने का प्रयास किया, तो बेला बाई और उनके पति रामप्रसाद सिंह गांव से फरार हो गए।
कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आवेदन प्राप्त होते ही तत्काल अधीनस्थ संबंधित विभागीय अधिकारियों से संपर्क किया और पूरे प्रकरण की गहन जांच के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि यदि जांच में धोखाधड़ी, कूट रचना या महिलाओं के नाम पर जबरन ऋण लेने के तथ्य सामने आते हैं, तो दोषियों के विरुद्ध सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही महिलाओं को किसी भी प्रकार की अनावश्यक परेशानियों से बचाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

कलेक्टर की इस त्वरित कार्रवाई से पीड़ित महिलाओं को बड़ी राहत मिली है। महिलाओं ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन की निष्पक्ष जांच से सच्चाई सामने आएगी और उन्हें फर्जी ऋण व वसूली के दबाव से मुक्ति मिलेगी। प्रशासनिक सक्रियता ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि गरीब और कमजोर वर्ग के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।