कविता की उम्मीद को कलेक्टर ने दिए पंख

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कविता की उम्मीद को कलेक्टर ने दिए पंख

कटनी। दिव्यांगता कभी भी किसी के विकास और प्रगति में बाधा न बने, इसको लेकर संवेदनशील कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद द्वारा किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में एक और नाम और जुड़ा है ग्राम जंगल पुरैनी निवासी कविता का। पूर्णतः दिव्यांग 18 वर्षीय कविता राठौड़ से मिलकर और उसके अंदर छिपी शिक्षा की ललक से कलेक्टर श्री प्रसाद द्रवित तो हुए ही, साथ ही उसके जज्बे और आत्मविश्वास से वे इतने अधिक प्रभावित हुए कि उन्होंने कविता की घर पर ही शिक्षा और उच्च शिक्षा का प्रबंध कर दिया।
दिव्यांग बच्चों के प्रति संवेदनशील और शिक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रयासरत कलेक्टर श्री प्रसाद के कार्यों के बारे में जानकर मन में एक उम्मीद लिए गुरुवार को पूर्णतः दिव्यांग 18 वर्षीय कविता अपने पिता वंश गोपाल के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंची। जहां वंशगोपाल ने बताया कि उनकी बेटी कविता शिक्षा के प्रति सजग है और शारीरिक अक्षमता के बावजूद कक्षा 8 वी तक की शिक्षा ग्रहण कर चुकी है। कविता ने बड़े ही सहज भाव से कलेक्टर श्री प्रसाद को बताया कि वह आगे भी पढ़ना और बढ़ना चाहती है लेकिन इसके लिए वह क्या करे उसे कुछ नहीं मालूम। किसी प्रकार की कोई सहायता या जानकारी न मिलने पर उसे लोगों से उनके बारे में और दिव्यांगजनोंं के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में पता चला तो वह बड़ी उम्मीद लिए उनसे मिलने आई है।
आत्म विश्वास से भरी कविता की बातें और शिक्षा के प्रति उसकी ललक से कलेक्टर श्री प्रसाद बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने तत्काल कविता को उच्च शिक्षा हेतु तैयार करने और शेष शिक्षा घर पर ही उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश पर संबंधित विभाग द्वारा एमआरसी पवन पाराशर को इस हेतु निर्देशित किया गया।
कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश पर कविता की गृह आधारित शिक्षा के प्रबंध किए गए हैं। जिसके लिए आज शुक्रवार को एमआरसी पवन पाराशर द्वारा उसके घर जाकर उसकी बुनियादी शिक्षा का मूल्यांकन किया गया। प्रत्येक सप्ताह 2 से 3 दिन बालिका को घर पर जाकर शिक्षकों द्वारा शिक्षा दी जाएगी तथा उच्च शिक्षा के लिए तैयार किया जाएगा। कविता ने अपनी उम्मीदों को पंख दिए जाने के लिए कलेक्टर श्री प्रसाद का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि वो पूरी लगन और मेहनत से पढ़ाई करेगी और कलेक्टर सर के विश्वास पर खरी उतरेगी।

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