गोपनीय शिकायत पर कलेक्टर ने की तत्काल कार्यवाही

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गोपनीय शिकायत पर कलेक्टर ने की तत्काल कार्यवाही
छात्रावास संचालन में गंभीर लापरवाही बरतने पर दिया शो कॉज नोटिस,छात्राओं की शिकायत पर कलेक्टर ने कराया कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास का आकस्मिक निरीक्षण
कटनी ॥ कलेक्टर अवि प्रसाद के द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास स्लीमनाबाद की वार्डन, सहायक वार्डन और जनशिक्षक को छात्रावास संचालन में गंभीर लापरवाही बरतने का प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने तीनों को ही 3 दिवस के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए जवाब प्रस्तुत न करने अथवा संतोषप्रद न मिलने पर एक पक्षीय कार्यवाही की चेतावनी दी है।
कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास स्लीमनाबाद की एक छात्रा ने कलेक्टर श्री प्रसाद को उनके व्हाट्सएप पर एक गोपनीय शिकायत भेजते हुए छात्रावास के आकस्मिक निरीक्षण की मांग की। जिस पर तत्काल ही कलेक्टर श्री प्रसाद ने जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण डॉ पूजा द्विवेदी, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग वनश्री कुर्वेती और नायब तहसीलदार स्लीमनाबाद मौसमी केवट को निर्देशित कर अधिकारियों का एक त्रिसदस्यीय जांच दल छात्रावास भेजा।
कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश पर कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास स्लीमनाबाद छात्रावास के कोने कोने का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान कई गंभीर अनियमितताएं जांच दल के सामने आई। छात्रावास का मेन गेट शाम पौने 7 बजे तक खुला हुआ पाया गया, गेट पर कोई चौकीदार मौजूद नहीं था। 3 में से सिर्फ 2 सीसीटीवी कैमरे चालू पाए गए। इतना ही नहीं छात्रावास में दर्ज छात्राओं की संख्या 175 में से सिर्फ 130 छात्राएं निरीक्षण दौरान मौजूद पाई गई। लगभग इतनी ही छात्राओं की उपस्थिति रहना भी छात्रावास प्रबंधन द्वारा स्वीकार किया गया।

आधे पेट दिया जा रहा था भोजन, अनाज के कनस्तर में मिले जाले
जांच दौरान त्रिसदस्यीय जांच दल ने पाया कि उपस्थित छात्राओं के मान से काफी कम और मेनू के अनुसार भोजन तैयार नहीं करवाया गया था। रसोई घर में साफ सफाई का अभाव था। यहां तक कि अनाज के कनस्तर के अंदर तक जाले लगे हुए थे। स्टोर रूम में भी खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा में नहीं रखा गया था। छात्रावास के शयन कक्ष में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था न होने, छात्राओं के मान से काफी कम बिस्तर होने और शयन कक्ष में सीलन और दुर्गंध पाई गई। मौके पर चादरें फटी और दुर्गंध युक्त पाई गई। मौके पर पर्याप्त और जरूरी दवाओं की उपलब्धता भी नहीं मिली।
जांच दल द्वारा पूछे जाने पर छात्राएं भययुक्त चुप्पी साधे हुए थी। काफी बार पूछने पर भी छात्राओं ने भय के कारण कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। हालांकि नजर बचाकर छात्राओं ने अपनी समस्यायें कागज पर लिखकर जांच दल को सौंपी। जिसे पढ़कर जांच दल आश्चर्यचकित रह गए। इसके बाद छात्राओं को अलग ले जाकर उनसे पूछताछ की गई। जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें छात्रावास प्रबंधन द्वारा नाश्ता नहीं दिया जाता। काफी कम मात्रा में भोजन दिया जाता है। सायं काल में मेन्यू अनुसार खाना देने की बजाय सिर्फ रोटी सब्जी दी जाती है, जबकि नियमानुसार उन्हें रोटी,  सब्जी,  दाल,  चावल दिया जाना चाहिए। बीमार होने पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं कराया जाता। इतना ही नहीं उन्हें पर्याप्त सेनेटरी नेपकिन भी नहीं दिए जाते।
लाइब्रेरी में धूल खा रही किताबें
निरीक्षण दौरान जांच दल को छात्रावास की लाइब्रेरी में किताबों पर धूल की मोटी परत जमा मिलने और लाइब्रेरी कक्ष के फर्श पर अत्यधिक सीलन पाए जाने पर ऐसा प्रतीत हुआ कि लाइब्रेरी का उपयोग नहीं किया जा रहा। न ही छात्राओं को पुस्तकें पढ़ने दी जा रही हैं।
जांच दल को निरीक्षण दौरान छात्राओं के स्वास्थ्य परीक्षण संबंधी रिकॉर्ड सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज जैसे स्टॉक पंजी, कैशबुक, खाद्यान्न पंजी, स्टोर पंजी आदि अद्यतन नहीं मिली। छात्राओं ने खेल सामग्री और ट्रैक सूट देकर वापिस ले लिए जाने और सहायक वार्डन पर डराने और मारपीट करने का भी गंभीर आरोप लगाया।
कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास स्लीमनाबाद में गंभीर प्रवृति की लापरवाही पाए जाने पर कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद द्वारा छात्रावास की वार्डन चंद्रवती दुबे और जनशिक्षक जनशिक्षा केंद्र दिलीप त्रिपाठी को मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विरुद्ध कृत्य कारित करते पाए जाने पर इनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किए हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके अलावा सहायक वार्डन सविता सिंह ठाकुर के विरुद्ध भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। तीनों ही आरोपितों को 3 दिवस के अंदर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए समय सीमा में जवाब न देने और संतोष जनक जवाब न मिलने पर एक पक्षीय अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने की चेतावनी दी है।

 

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