कलेक्टर का व्हाट्सएप नंबर हैक,प्रशासन की सुरक्षा पर बड़ा सवाल

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शहडोल। जिले की प्रशासनिक कमान संभालने वाले कलेक्टर डॉ. केदार सिंह का आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर 9425102510 हैक कर लिया गया है। इस सनसनीखेज घटना की पुष्टि जिला जनसंपर्क विभाग ने स्वयं की है और सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व नागरिकों को सतर्क रहने की अपील की है।
जनसंपर्क विभाग ने मीडिया समूहों में संदेश प्रसारित कर साफ कहा है कि कलेक्टर के नंबर से आने वाले किसी भी व्हाट्सएप संदेश का जवाब न दिया जाए। अभी तक इस नंबर से किसी तरह की धोखाधड़ी या राशि मांगने की सूचना सामने नहीं आई है, लेकिन आशंका गहरी है कि हैकर्स इस नंबर का दुरुपयोग कर सकते हैं।
सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब जिले के प्रशासनिक मुखिया का निजी व्हाट्सएप नंबर ही सुरक्षित नहीं है, तो आम आदमी की डिजिटल सुरक्षा कितनी लाचार होगी? यह मामला सीधे तौर पर पुलिस और आईटी सेल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। आईटी सेल और साइबर क्राइम यूनिट के जिम्मे जिले के अधिकारियों और आम नागरिकों को साइबर अपराधों से सुरक्षित रखना होता है, लेकिन अब हालात यह हैं कि जिले के कलेक्टर का ही नंबर हैक हो गया।
सूत्र बताते हैं कि कलेक्टर की ओर से इस संबंध में औपचारिक पुलिस शिकायत दर्ज कराई गई है या नहीं, इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं है। फिलहाल केवल जनसंपर्क विभाग के माध्यम से चेतावनी जारी की गई है। यही वजह है कि इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं तेज हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या केवल चेतावनी जारी कर देना पर्याप्त है या फिर पुलिस और साइबर सेल को तत्काल कार्रवाई कर हैकरों को पकड़ने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
जिले भर में इस घटना ने हड़कंप मचा दिया है। अधिकारियों और कर्मचारियों में भी चिंता है कि अगर कलेक्टर का नंबर हैक हो सकता है, तो अन्य अधिकारी और आम नागरिक किस हद तक सुरक्षित हैं। यह घटना न सिर्फ जिले की साइबर सुरक्षा की पोल खोलती है बल्कि डिजिटल सिस्टम की कमजोरी को भी उजागर करती है।
अब देखना होगा कि  पुलिस और साइबर  सेल इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है और कितनी जल्दी इसका सुराग लगाकर हैकरों तक पहुंच पाती है। फिलहाल शहडोल के प्रशासनिक गलियारों में यह मामला चर्चा का सबसे बड़ा विषय बना हुआ है।

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