भू स्वामियों को नियमानुसार मुआवजा एवं रोजगार

शशिकांत कुशवाहा
सिंगरौली। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में स्थिति नॉर्दन कोलफील्ड लिमिटेड कंपनी कोयले का उत्पादन लगातार करती आ रही है , कोयला खनन के लिए बढ़ते दायरे के मद्देनजर समय समय पर कंपनी आवश्यकता अनुसार भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही करती रही है ।कोयला खदान का कुछ हिस्सा मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश में स्थिति है ।अधिग्रहित जमीन के बदले रोजगार देने की बात समय समय पर सामने आती रही है । ऐसा ही एक मामले में जमीन के बदले रोजगार का मुद्दा राज्यसभा में उठा ।
- एनसीएल द्वारा अधिग्रहित जमीन के बदले नौकरी व मुआवजा का कोयला मंत्री का राज्य सभा सांसद को पत्र
क्या है मामला
राज्यसभा सांसद श्री रामशकल द्वारा 20 मार्च 2020 को राज्यसभा में पूछे गए प्रश्न कि नॉर्दर्न कोल फ़ील्ड्स लिमिटेड द्वारा ककरी व बीना परियोजनाओं के लिऐ अधिग्रहित जमीन के एवज में प्रभावित किसानों को नौकरी व मुआवजा नहीं दिया गया है।जिस पर केन्द्रीय कोयला मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने सांसद को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि कम्पनी द्वारा बर्ष 1980-81 में ककरी व बीना परियोजनाओं के खनन के लिये भूमि का अधिग्रहण किया गया है। तदानुसार अधिपत्य में ली गई भूमि के मुआवजे का भुगतान भूस्वामियों को, काश्तकार किसानों को किया गया है और पात्रता अनुसार उन्हें नौकरी भी दे दी गई है।
कोयला मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने लिखा
कंपनी द्वारा कुछ क्षेत्र की भूमि जहाँ अत्यधिक घनी आबादी है, इन ग्रामों के विस्थापितों को दूसरी जगह पुर्नवास व विस्थापन मुश्किल है। कंपनी द्वारा जैसे ककरी परियोजना में ग्राम ककरी,औड़ी, परासी में 412 . 60 एकड़ तथा बीना परियोजना में ग्राम योगीचौरा, भैरवा, मरक आदि ग्रामों की 544 एकड़ काश्तकारी भूमियों का कब्जा भूस्वामियों काश्तकारों से निर्धारित उपयोग हेतु नही लिया गया है। कम्पनी द्वारा परियोजना के लिये उपयोग हेतु जमीन कब्जा लेने के पश्चात जमीन का मुआवजा व रोजगार भूस्वामियों, काश्तकार किसानों को नियमानुसार प्रदान किया जाएगा।