धनपुरी नपा क्षेत्र में ही दो दर्जन स्थानों पर कई टन कोयले की खपत

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अवैध खनन, मजदूरों का शोषण और प्रदूषण का पर्याय बने ईंट भट्टे 

समीपी ग्रामों सहित उत्तरप्रदेश से मजदूर परिवारों को लाकर कर रहे उनका शोषण

जिले के अकेले धनपुरी थाना क्षेत्र में महज नपा के ही कुछ वार्डाे में दो दर्जन से अधिक ईंट भट्टों के अवैध ठीहों पर 50 लाख से अधिक ईंटें पक रही है, यहां प्रतिदिन अवैध उत्खनन कर कोयला खप रहा है, समीपी नालो से रेत के अलावा भट्टों से उठ रहे धुएं पूरे क्षेत्र को जहरीला कर दिया है। बच्चे और महिलाएं तक बिना सुरक्षा उपायों के दोजून की रोटी के लिए जिंदगी को दांव पर लगाते नजर आ रहे हैं।

धनपुरी/ शहडोल। कोल संपदा से परिपूर्ण जिले के दर्जनों ग्रामों और कस्बों में ईंट का कारोबार बिना अनुमति के अर्से से संचालित है, स्थानीय राजस्व कर्मचारियों के साथ ही पुलिस और श्रम, वन एवं खनिज अमले के जिम्मेदार लगभग इस अवैध कारोबार को मान्यता प्रदान कर चुके हैं, अकेले धनपुरी थाना क्षेत्र के कब्रस्तान एरिया के अलावा नपा के अन्य वार्डाे में अवैध रूप से ईंट निर्माण का कारोबार अब एक उद्योग की शक्ल ले चुका है, यहां सायकिलों के साथ ही पिकअप वाहन पर कोयला अवैध उत्खनन कर पहुंचाने के लिए एक अलग गिरोह सक्रिय है, यही स्थिति ईंट भ_े पर उपयोग में आने वाली रेत की है, जिसे पास के नदी-नालों से चोरी कर यहां खपाया जा रहा है। कहने को तो, राजस्व विभाग के द्वारा कुछ एक जाति वर्ग के काश्तकारों को ईंट निर्माण के लिए अनुमति प्रदान करने के नियम है, लेकिन जिन शर्तों को पूरा करने का उल्लेख शासन की गाइड लाईन में किया गया है, उनका कहीं ओर-छोर और पालन होता यहां नजर नहीं आता।


हर दिन टनों कोयले की खपत

धनपुरी के आस-पास के बंद और खुली खदानों से कोयले का अवैध उत्खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है, खासकर कब्रस्तान क्षेत्र में दर्जन भर ईंट भ_ों के इतने बड़े ठीहें हैं, जिन्होंने अब उद्योग की शक्ल ले ली है। चारों तरफ जंगल से घिरे इस क्षेत्र में अवैध उत्खनन और चोरी कर प्रतिदिन टनों कोयला पहुंच रहा है, इस कोयले से ही ईंटों का निर्माण हो रहा है। कोयले के उत्खनन से लेकर सायकिलों में परिवहन होकर यहां पहुंचने के साथ ही हर ईंट भ_े पर खुले में रखा चोरी कोयला और कोयले से भ_ो को पकाने का सिलसिला बदस्तूर खुलेआम जारी है।


जंगल में फैला जहरीला धुआं

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों का उल्लंघन करते हुए बिना चिमनी व बिना अनुमति तथा सूचना के ही दर्जनों ईंट भ_े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए बनाया गया क्षेत्रीय कार्यालय या तो चिरनिद्रा में जा चुका है या फिर जिम्मेदारों के घर भी लाल ईंट या हरे नोट पहुंच रहे हैं। उक्त क्षेत्र में चारों तरफ ईंट भ_ो से उठता जहरीला धुआं वनों के साथ ही समीपी रहवासी क्षेत्र के लिए भी काल बना हुआ है। अकेले धनपुरी नपा क्षेत्र में ही अवैध ईंट भ_ों ेके बड़े कारोबारियों में शामिल लोग साकिर, गोलू प्रजापति, बल्लू लोधी, गोलू कुशवाहा, सागर, देवा, नारायण करकटी, राजू, मुन्ना, पप्पू, बबलू, सरईकांपा क्षेत्र में सोनी नामक बड़े कारोबारी, नरगड़ा क्षेत्र में गोपाल, अर्जुन, कमलेश, हॉस्पिटल के पीछे कुरैशी बंधू, सिलपरी व चीप हाऊस क्षेत्र में सोनकर परिवार के 8 से 10 भ_े धधक रहे हैं। वहीं नरगड़ा श्मशान घाट के पास रतन, गुलाब , रोशन, थाने के ठीक पीछे मंजू और गुड्डू जेसीबी लगाकर मिट्टी और कोयले की आपूर्ति करते हैं, पास में ही राज कुरैशी का भी नाम जैसे प्रमुख नाम शामिल है।


श्रम विभाग यहां भी बेखबर

दो दर्जन से अधिक ईंट भट्टों सिर्फ कब्रस्तान क्षेत्र में ही धधक रहे हैं, हर ईंट भ_े के पीछे एक दर्जन मजदूर जिसमें छोटे बच्चों से लेकर गर्भवती महिलाएं तक शामिल है। न्यूनतम वेतन से भी कम दामों में मजदूरी कर रहे हैं। धधक रहे ईंट भ_ो के ऊपर कोयले की लेयर और ईंटों को सजाने में न नौतपा की धूप से उन्हें राहत मिल रही है और न ही पैरों में चप्पल और हाथों में दस्ताने ही मुहैया कराये गये हैं। किसी भी श्रमिक को खाते में मजदूरी देना तो, दूर की कौड़ी नजर आती है, अलबत्ता संभागीय मुख्यालय में बैठे श्रम विभाग के जिम्मेदार छोटे-छोटे दुकानों को निशाना बनाकर अपनी रोटी जरूर सेक रहे हैं।

क्षेत्राधिकार नहीं, फिर भी मजे

अवैध रूप से संचालित ईंट भ_े और यहां खप रहे खनिज से लेकर श्रम कानूनों की उड़ रही धज्जियों के संदर्भ में संबंधित विभाग क्या कर रहे हैं, यह तो वही जाने, लेकिन क्षेत्रीय पुलिस के जिम्मेदार इन सबसे ऊपर सूची बनाकर इन ईंट भ_ों पर आमद जरूर दे देते हैं, इस मामले में बीट प्रभारियों ने तो हदें पार कर दी हैं, कभी थाना प्रभारी और कभी अन्य नामों पर ईंट भ_ो से रूपये और ईंटों की वसूली और इन सबकी चर्चा, अब इस अंचल में आम हो चुकी है।

इनका कहना है…

अभी मैं सुबह से ही कोर्ट पेशी में हूं।
खेमसिंह पेन्द्रो
थाना प्रभारी, धनपुरी
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उक्त क्षेत्र में जल्द ही टीम भेजकर कोयले और रेत के संदर्भ में जांच की जायेगी।
राहुल शांडिल्य
जिला खनिज अधिकारी
शहडोल

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