बकहो में कोरोना का कहर: दूसरी लहर में आधा सैकड़ा से अधिक काल-कवलित
ओरियंट पेपर मिल के भी दर्जनभर से अधिक कर्मचारियों की मौत
शहडोल। कोरोना संक्रमण का असर अब कुछ प्रतिशत जरूर कम हुआ है, लेकिन बीते डेढ़ से दो माह के दौरान चली कोरोना की दूसरी लहर ने एक ही परिवार के कई कई लोगों को अपना शिकार बना लिया, वही कई परिवारों में तो अब कोई व्यक्ति ही नहीं बचा। जिले में सैकड़ों व्यक्ति व परिवार इससे प्रभावित हुए हैं।
आधा सैकडा से अधिक काल-कवलित
कोरोना संक्रमण से संक्रमितों की संख्या इससे होने वाली मौतों के मामले में प्रशासन पर आंकड़े छुपाने के आरोप लगातार रखते रहे हैं, यह आंकड़े चाहे शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शहडोल या फिर जिला चिकित्सालय तथा किसी अन्य प्रशासनिक व्यक्तियों के द्वारा जारी किए गए हो, शहडोल की ही बात करें तो यहां नगर पालिका के द्वारा प्रतिदिन जिन व्यक्तियों को कोरोना संक्रमण से मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया, उनके आंकड़े और प्रशासन द्वारा जारी किए गए मौतों के आंकड़ों में बड़ा फर्क सामने आया है। कोरोना का कहर पूरे जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहा है, लेकिन प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत रही बकहो, जो वर्तमान में नगर पंचायत बकहो में तब्दील हो चुकी है, वहां कोरोना की दूसरी लहर का असर काफी भयावक रहा, कोरोना की दूसरी लहर में यहां आधा सैकड़ा से अधिक नागरिक काल-कवलित हो गए। अकेले ओरियंट पेपर मिल के कर्मचारियों में संक्रमण के बाद मृतकों की संख्या दर्जन भर से अधिक बताई गई है। हालांकि नगर पंचायत तथा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किए गए आंकड़े इस से जुदा हो सकते हैं, लेकिन राजएक्सप्रेस द्वारा इस संदर्भ में जब ग्राम पंचायत बकहो में जमीनी पड़ताल की गई तो आधा सैकडा से अधिक ऐसे नाम सामने आए हैं, जिन्हें कोरोना की इस दूसरी लहर ने निगल लिया।
यह कह रहे सरकारी आंकड़े
नगर परिषद बकहो में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 50 से अधिक नागरिक काल-कवलित हो गए है, सरकारी आंकड़ों पर ही यकीन करें तो ग्राम पंचायत से नगर परिषद बन चुकी बकहो के द्वारा शासन को जो रिकॉर्ड भेजे गए हैं उसमें 18 अप्रैल से लेकर 13 मई तक 31 व्यक्तियों के मौत की पुष्टि की गई है, हालांकि कोरोना से संक्रमित मरीजों की मौत के आंकड़े को कम करने के लिए ही शायद शासकीय अमले ने 31 मौतों में से कुछ को सड़क दुर्घटना और दर्जन भर को तो प्राकृतिक कारणों से मौत होना बताया है,नगर परिषद बकहो के द्वारा जारी एक माह के आंकड़ों में 9 व्यक्तियों की प्राकृतिक मौत, 02 की सड़क दुर्घटना में मौत और बाकी 19 की कोरोना संक्रमण से मौत होना बताया गया है। हालांकि यह आंकड़े महज 18 अप्रैल से लेकर 13 मई तक के हैं, जिसमें 31 व्यक्तियों की मौत होने की पुष्टि की गई है, इस संदर्भ में की गई पड़ताल से यह बात भी सामने आई कि जिन व्यक्तियों को प्रशासनिक रिकॉर्ड प्राकृतिक मौत होना बता रहे हैं, उस मामले में मृतक के परिजन मौत का कारण कोरोना से संक्रमण होना बता रहे हैं।
मिल का संचालन भी बड़ा कारण
कोरोना संक्रमण काल के दौरान जहां पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है, वहीं इस समयावधि में यहां स्थित एशिया के दूसरे सबसे बड़े कागज के कारखाने ओरिएंट पेपर मिल को चालू रखना कोरोना संक्रमण के बढऩे का एक बड़ा कारण रहा है, स्थानीय लोगों की मानें तो ओरिएंट पेपर मिल तथा इसका सहयोगी उपक्रम हुकुमचंद जूट लिमिटेड जो शहडोल और अनूपपुर जिले की सीमा पर स्थित ग्राम पंचायत बरगवां में स्थित है, वहां पर इस पूरे समय के दौरान लॉकडाउन की स्थिति नहीं रही, हालांकि मिल प्रबंधन में इस दौरान कर्मचारियों से अलग-अलग पालियों में संख्या कम कर, मिल के संचालन की बातें कहीं, लेकिन इस दौरान अकेले ओरियंट पेपर मिल के दर्जनभर कर्मचारियों की मौत की खबरें हैं, यही नहीं यहां ठेके पर काम कर रहे आसपास के अन्य ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र के श्रमिक भी बडी संख्या में कोरोना का शिकार होकर काल-कवलित हुए हैं, ओरियंट पेपर मिल से लगे एच जे आई नामक उपक्रम में भी कुछ कर्मचारियों के मौत की खबर है, कोरोना के इस काल के दौरान ओरियंट पेपर मिल के ऊपर कोरोना संक्रमण को लेकर गंभीरता न बरतने और उत्पादन की होड़ में कर्मचारियों को संक्रमण की ओर धकेलने के भी आरोप लगे हैं, लेकिन न तो जिला प्रशासन ने और नहीं प्रबंधन ने इस ओर ध्यान दिया जिस कारण यहां कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ता गया।