कल्याणपुर में खुलेआम हो रहा भ्रष्टाचार,जनप्रतिनिधियों ने खोल रखा है सचिव के खिलाफ मोर्चा
वाटर सप्लाई ठप्प, स्ट्रीट लाइटेें खंभे से लापता, निर्माण कार्य में लापरवाही
शिकायतों के बावजूद नहीं हो पा रही कार्यवाही
ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम पर है, शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ग्राम पंचायत में जिम्मेदार अधिकारियों की सांठगांठ से जमकर अनियमितता की जा रही है। गांव में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में भ्रष्टाचार किया जा रहा है, पंचायत में किए गए सभी कार्यों में भारी अनियमितता बरती जा रही है।
शहडोल। संभागीय मुख्यालय की जनपद पंचायत सोहागपुर में भ्रष्टाचार अपने पैर जमा चुका है, मुख्यालय से सटी पंचायतों की लगातार शिकायतों के बावजूद न तो जांच हो रही है और न ही भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसी जा रही है, जिसके चलते अब भ्रष्ट पंचायत के जिम्मेदारों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि जनप्रतिनिधियों की शिकायत और ग्रामीणों के आंदोलनों की चेतावनी के बावजूद खुलेआम भ्रष्टाचार, अनियमितता सहित निर्माण कार्याे में गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है, जनपद से लेकर जिला पंचायत और जिला पंचायत से लेकर कलेक्टर तक शिकायतों का दौर चल रहा है, लेकिन जांच और कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति तक करना नौकरशाह उचित नहीं समझ रहे हैं।यह है मामला
संभागीय मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत कल्याणपुर आये दिन सचिव-सरपंच के चलते विवादों में रहती है, बीते दिनों ही ग्राम पंचायत के उपसरपंच ने सरपंच-सचिव के कारनामों की शिकायत कलेक्टर से की थी, इसके अलावा पूर्व में भी जनप्रतिनिधियों ने सचिव के खिलाफ मोर्चा खोला था, लेकिन नौकरशाह इतने विवाद के बावजूद जांच की कोरम पूर्ति तक नहीं कर रहे है, वर्तमान में पंचायत द्वारा प्राथमिक शाला एवं आंगबाड़ी केन्द्र क्रमांक-1 की बाउण्ड्रीवाल निर्माण शुरू किया था, उक्त निर्माण प्रधानमंत्री खनिज कल्याण योजना के तहत स्वीकृत हुआ, जिसकी लागत 11 लाख 38 हजार है, उक्त निर्माण में आरोप लगा कि दोयम दर्जे की रेत का इस्तेमाल हुआ और कार्य को बंद कर दिया गया। 

…तो कहा थे जिम्मेदार
ग्राम पंचायत कल्याणपुर में 11 लाख की लागत से बाउण्ड्री निर्माण स्वीकृत हुई, जानकारों की माने तो पक्के निर्माण के दौरान उपयंत्री को निर्माण स्थल पर रहना चाहिए, हालाकि एक उपयंत्री के पास एक दर्जन से अधिक पंचायतों का प्रभार रहता है, इसके अलावा सचिव, रोजगार सहायक सहित सरपंच को मौजूद होना चाहिए कि स्टीमेट के अनुसार कार्य हो रहा है कि नहीं, लेकिन बाउण्ड्री निर्माण शुरू हो गया, कुछ मीटर बाउण्ड्री का निर्माण हो भी गया, जिसके चलते वर्तमान में एसडीओ ने शिकायतों के चलते संभवत: निर्माण पर रोक लगा दी, सोचनीय पहलू यह है कि जम दोयम दर्जे से निर्माण हो रहा था तो, तकनीकि जिम्मेदार कहां थे, अब जितना निर्माण हुआ है, उसे तोड़ा तो जायेगा नहीं और इसकी क्या गारंटी है कि आगे निर्माण सही होगा। ग्रामीणों का कहना है कि जब घटिया निर्माण या दोयम दर्जे की निर्माण सामग्री से निर्माण हो रहा था तो, जिम्मेदार कहां थे।
मैनें खुद किया निर्माण
उपसरपंच नीलमणि गुप्ता ने बताया कि वह कल्याणपुर में उपसरपंच है, मेरे द्वारा सरपंच व सचिव के कहने पर 4 नाडेप, 5 लीचपिट और नाली निर्माण कार्य किया हैं। जिसका भुगतान आज दिनांक तक सरपंच, सचिव द्वारा नहीं किया गया है। जबकि सरपंच, सचिव ने मेरे द्वारा कराये गये निर्माण का पूरा पैसा निकाल लिया गया है और मुझे भुगतान नहीं किया गया है। अपने भुगतान की बात करने पर सरपंच व सचिव द्वारा मुझसे अभद्रता की जाती है। सवाल यह उठता है कि आखिर उपसरपंच को पंचायत के जिम्मेदारो ने निर्माण कार्य करने की स्वीकृति कैसे दे दी, जबकि निर्माण एजेंसी स्वयं पंचायत को होना चाहिए। मजे की बात तो यह है कि एक ओर जनप्रतिनिधि ऑफ रिकार्ड स्वयं ठेकेदारी करने का सबूत दे रहे है, बावजूद इसके जनपद से लेकर जिले में बैठे अधिकारी पंचायत के जिम्मेदारों पर नकेल नहीं कस पा रहे हैं।
शिकायतों का नहीं हो रहा असर
कल्याणपुर पंचायत में जो स्ट्रीट लाइट लगी थी और जिनकी रिपेयरिंग करायी गई थी, लेकिन लाभ कुछ नहीं हुआ। लाइट कुछ दिन जली और फिर बंद हो गई और उसका भुगतान चार लाख करीब निकल गया है। उपसरपंच ने सचिव नीलम मिश्रा ने बताया कि कहीं की लाईट नहीं जल रही है और इतना पैसा निकाला जा चुका है। सुधार कराना तो दूर सभी खंभो से लाइट निकलवा ली गई है। ग्राम पंचायत ने बोर की मरम्मत के नाम पर एक लाख से अधिक की राशि निकाल ली गई, लेकिन बोर नहीं बना। ग्राम पंचायत कल्याणपुर में सरपंच-सचिव पर गंभीर आरोपों के बावजूद जनपद सहित जिले से कार्यवाही नहीं हो पा रही है, इससे साफ समझा जा सकता है कि नौकरशाहों पर शिकायतों का कितना प्रभाव पड़ता है।
इनका कहना है…
लाडली आवास के कार्याे में व्यस्तता इतनी थी कि हमने काम नहीं देखा, हमें पता चला कि काम गुणवत्ताहीन हो रहा है तो, हमने काम रूकवा दिया है, अब टेक्निकल टीम का जो मार्गदर्शन मिलेगा, उस हिसाब से ही कार्य होगा।
नीलम मिश्रा
सचिव
ग्राम पंचायत कल्याणपुर
बाउण्ड्री निर्माण में सुधार के लिए हमने पत्र लिखा है, अभी तक जो निर्माण हो गया, वह हो गया, लेकिन आगे डस्ट की जगह रेत का इस्तेमाल किया जायेगा।
नेहा गोस्वामी
एसडीओ
जनपद पंचायत सोहागपुर