पीएचई में भ्रष्टाचार : 3 ठेकेदारो को 72 लाख का भुगतान

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नल जल योजना के तहत् सामग्री क्रय व पाइप लाइन का करना था कार्य
बिना खरीदी के फर्जी बिलों के माध्यम से भुगतान, चहेतो किया किया उपकृत
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में एक से बढकर एक घोटाले सुनाई देते ही रहते है, दो वर्ष पूर्व में भी हुए भ्रष्टाचार मामले में दो अधिकारियों को पद से हटाया गया था, इसके बाद पुन: विभाग में चहेतो को उपकृत कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जाने लगा है, जिसकी शिकायत जिला दण्डाधिकारी से करते हुए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जांच कर कडी कार्यवाही करने की मांग की है।
अनूपपुर। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में जल जीवन मिशन के तहत् निविदा बुलाकर निविदा प्राप्त ठेकेदारो को कार्यादेश जारी कर समय सीमा में कार्य पूर्ण करने का आदेश जारी किया गया था, इस आदेश के तहत् सभी ठेकेदारो ने अपना-अपना कार्य प्रारंभ किया, जिसमें विकासखंड जैतहरी अंतर्गत ग्राम देवहरी में मे. कमलेश द्विवेदी, ग्राम धनगवा पश्चिम में बिल्डकॉम फर्म से विष्ण द्विवेदी एवं विकासखण्ड अनूपपुर अंतग्रत ग्राम छोहरी में फर्म जयश्री, प्रो. लक्ष्मीनारायण उपाध्याय को कार्य करने को मिला था।
बिना सामग्री लाखो का भुगतान
क्षेत्र में उपरोक्त कार्यो में नल जल योजना के तहत् ठेकेदार द्वारा सामग्री क्रय कर पाइप लाइन का कार्य किया जाना था, जिसका समक्ष अधिकारी द्वारा परीक्षण उपरांत सामग्री का 60 प्रतिशत भुगतान करने का प्रावधान है, इस प्रावधान की धज्जिया उडाते हुए सितंबर माह में तीन ठेकेदारो को 72 लाख का भुगतान कर दिया गया। इतना ही नही इस भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए फर्जी फर्मो के बिल लगाकर योजनाबद्व तरीके से घोटाला किया गया, सूत्रो की माने तो दस्तावेजों में भी विभागीय अधिकारियों ने हेरफेर करते हुए भ्रष्टाचार किया गया है।
विभागीय अधिकारियों किया खेल
पीएचई विभाग में बैठे जिम्मेदारों ने ठेकेदार से के साथ मिलकर पूरे मामले में खेल खेल दिया है, प्रभारी सहायक यंत्री कोतमा सुधाकर द्विवेदी एवं अनूपपुर सहायक यंत्री असगर अली द्वारा खंड कार्यालय में बिल प्रस्तुत कर तीनो फर्मो को कार्यपालन यंत्री द्वारा नियम विरूद्व भुगतान कर दिया गया। चंद चांदी की सिक्को की खनक के आगे इन अधिकारियों ने ठेकेदारो के साथ मिलकर शासकीय पैसों में जमकर हेरफेर करने की योजना बना डाली, जब इसकी शिकायत हुई तो यह मामला उजाकर हुआ, अब जांच के बाद ही इसकी पूरी सच्चाई सामने आयेगी।
चहेतो को कर रहे उपकृत
प्रभारी सहायक यंत्री कोतमा सुधारक द्विवेदी के पुत्र विष्णु द्विवेदी तथा करीबी रिश्तेदार लक्ष्मीनारायण उपाध्याय को निविदा भी मिल गया और इन्ही फर्म के खातों में लाखों रूपए का भुगतान भी हो गया। जबकि संभागायुक्त द्वारा पूर्व में सुधाकर द्विवेदी को हैण्डपंप उत्खनन में दोषी पाये जाने पर सस्पेंशन की कार्यवाही की गई थी, हाईकोर्ट से स्टे प्राप्त कर पूर्व की तरह फिर से भ्रष्टाचार में लिप्त हो गये। पीएचई विभाग के द्वारा प्रो. कमलेश द्विवेदी के खाते में लगभग 21 लाख रूपए, प्रो. विष्णू द्विवेदी के खाते में लगभग 23 लाख रूपए और प्रो. लक्ष्मीनारायण उपाध्याय के खाते में लगभग 28 लाख रूपए का भुगतान किया गया है, जिसकी जांच राकते हुए भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही की मांग की गई है।
इनका कहना है
आरोप तो अभी सिद्व नही हुआ है, आरोप बहुत सारे लगते रहते है, इसमे अभी जांच चलेगी, जब जांच सिद्व हो जायेगा तो आप छाप दीजिएगा।
असगर अली, सहायक यंत्री
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग अनूपपुर