करोड़ों रुपए फूंक दिए न योजना चालू, न पानी मिला

0

सीएमओ धांधली में लिप्त, इंजीनियर शराब में डूबा

नौकरशाही की निरंकुशता ने शासकीय आचरण व मर्यादाएं तोडक़र अपना कुत्सित रूप दिखाना शुरू कर दिया
है। अफसर व अमले के लोग नियमविरुद्ध व अमर्यादित आचरण कर अंधेर मचा रहे हैं। बड़े अफसर पंगु बन कर रह
गए हैं। जनता की योजनाओं का हाल यह है कि केवल बजट डकारा जा रहा है लेकिन काम पूरे नहीं किए जा रहे हैं।

शहडोल। भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता का ज्वलंत उदाहरण जयसिंहनगर नगरीय निकाय है। इस कार्यालय में
जहां अनुशासनहीनता शवाब पर है वहीं भ्रष्टाचार परवान चढ़ रहा है। आलम यह है कि सीएमओ ने करोड़ों की नल
जल योजना में लम्बा हाथ मारा है और इंजीनियर कार्यालय के अंदर शराब पीकर धुत पड़ा रहता है। वर्षों पुरानी
योजना आज तक पूरी नहीं हुई और करोड़ों व्यय होने के बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। इस संबंध मेें
सीएमओ की शिकायत कर अनियमितता की जांए कराए जाने की आयुक्त नगरीय प्रशासन भोपाल से मांग की गई
है।
भुगतान हो गया, पाइप नहीं बिछी
जनता को सुविधा से पानी उपलब्ध कराने के लिए कुछ वर्षों पूर्व क्रियान्वित हुई शहरी पेयजल योजना का आज तक
लोगों को लाभ नहीं मिला। लोग आज भी पानी के लिए परेशान रहते हैं। करोड़ों रुपए की यह योजना आज भी अस्त
व्यस्त हालत में है और चालू नहीं हो पाई है। मुख्य नगरपरिषद सीएमओ श्रीमती नीलम तिवारी को इससे कोई खास
लेना देना भी नहीं है। योजना के लिए घरों को नल जल से जोडऩे के लिए पाइपें बिछाने के लिए काम कराया गया।
लेकिन कई वार्डों में पाइपें भी नहंी बिछ पाई हैं। जिन वार्डों में पाइपें बिछी हैं वहां काटी गई सडक़ों की भराई व
निर्माण नहंी कराई गई है। काम अधूरा पड़ा है जबकि ठेकेदार को नियमविरुद्ध करोड़ों रुपए का भुगतान कर दिया
गया है।

कार्य अधूरा योजना सुप्तावस्था में
सीएमओ के द्वारा वाटर सप्लाई के लिए नगर परिषद जयसिहनगर के सभी 15 वार्डों में समस्त पीसीसी रोडों की
खुदाई पाईप चिछाने के नाम पर करवायी गयी थी। जिसे ठेकेदार द्वारा आज दिनांक तक सुधार नही कराया गया है।
जबकि खुदाई में खराब रोड़ों की मरम्मत कार्य ठेकेदार से कराया जाना था। मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा नल
जल योजना में निर्माण कार्य से लेकर पाईप विछाने तक के कार्य में व्यापक पैमाने पर लापरवाही बरती गई और
अनियमितता की गयी है। अधूरे कार्य के बावजूद भी उक्त अधिकारी द्वारा संबंधित ठेकेदार को करोडो रूपये का
भुगतान कर दिया गया है। नल जल योजना जिसमें लगभग 10 करोड़ से अधिक राशि व्यय की जा चुकी है आज भी
सुप्ताबस्था में हैं। उक्त नगर पालिका अधिकारी द्वारा ठेकेदार को पूरा भुगतान करने के पहले नल जल योजना का
संचालन कराकर और देखना चाहिए था। किन्तु उनके द्वारा ऐसा नही किया गया। मेडम ने शासकीय प्रक्रिया पूर्ण
किए बिना रकम जारी कर दी।
जांच कराई जाए
मण्डल उपाअध्यक्ष जयसिंहनगर देवा पयासी ने आयुक्त नगरीय प्रशासन भोपाल से शिकायत की है कि सीएमओ
श्रीमती नीलम तिवारी कभी मुख्यालय में नही रहती हैं। जब से इनकी पद स्थापना हुई है तब से इनका मुख्यालय
शहडोल बना हुआ है। इनके द्वारा की गयी गंभीर अनियमितता जिसमें शासन द्वारा प्रदायित राशि का बदरबाट
सबंधित ठेकेदार से मिलकर किया गया है की जांच एक तकनीकी टीम गठित कर मेरी उपस्थति में करायी जाए।
उसके पूर्व ऐसी भ्रष्ट नगर पालिका अधिकारी को हटाकर जांच कराया जाना उचित होगा अन्यथा जांच प्रभावित होने
की पूरी संभावना रहेगी।
इंजीनियर नशे में डूबा
इस नगरीय निकाय का शासकीय अनुशासन पूरी तरह भंग हो गया है। कार्यालय और रंगमंच, सिनेमाहाल में कोई
अंतर नहीं रह गया है। यहां पदस्थ इंजीनियर विवेक श्रीवास्तव कार्यालय में अपनी कुर्सी पर बैठकर मदिरा पान कर
बेहोश पड़ा रहता है। बड़े अधिकारी कभी कार्यालय का औचक निरीक्षण नहीं करते। जिस दफ्तर की हालत ऐसी हो
वहां जनता का कितना काम होता होगा यह सहज ही अनुमानित है। किसी को सरकारी कोड़े का भय नहीं है। क्योंकि
कोड़े की ताकत बताने वाले स्वयं पंगु बने बैठे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed