सीआरपीएफ की लोडेड मैगज़ीन खाली मिलीं—40 इंसास कारतूस हाथों में किसके?… क्या शहर में किसी बड़ी वारदात की तैयारी?” कटनी बना सुरक्षा खतरे का केंद्र खुफिया एजेंसियां अलर्ट बड़ा खतरा उठने की आशंका कटनी के आउटर पर घटी बड़ी घटना से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप, पुलिस ने तेज की जांच
सीआरपीएफ की लोडेड मैगज़ीन खाली मिलीं—40 इंसास कारतूस हाथों में किसके?… क्या शहर में किसी बड़ी वारदात की तैयारी?” कटनी बना सुरक्षा खतरे का केंद्र खुफिया एजेंसियां अलर्ट बड़ा खतरा उठने की आशंका
कटनी के आउटर पर घटी बड़ी घटना से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप, पुलिस ने तेज की जांच
कटनी।। गत रात्रि शहर में उस समय सनसनी फैल गई जब बिहार चुनाव ड्यूटी से लौट रही सीआरपीएफ महिला जवान की इंसास राइफल की लोडेड दो मैगज़ीन ट्रेन से संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गईं। मामले की जानकारी मिलते ही जीआरपी, आरपीएफ और जिला पुलिस बल में हड़कंप मच गया। ट्रेन आउटर पर खड़ी होने के दौरान घटित इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है।
मैगज़ीन मिली… लेकिन 40 गोलियां गायब स्पेशल ट्रेन क्रमांक 00411, जो गया से कच्चेकुड़ा (कच्छीपूरा) जा रही थी, कटनी आउटर (लमतरा-अधारकाप) के बीच कुछ देर के लिए रुकी थी। इसी दौरान सीआरपीएफ महिला बटालियन की जवान अस्वार प्रतिज्ञा सुधाकर ने अपने इंसास राइफल की दो मैगज़ीन चोरी होने की रिपोर्ट कटनी जीआरपी में दर्ज कराई। रिपोर्ट मिलते ही पुलिस ने क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान शुरू किया। कुछ ही देर में दोनों मैगज़ीन तो झाड़ियों के किनारे मिल गईं, लेकिन उनमें भरे 40 कारतूस पूरी तरह गायब थे। यही बात इस घटना को और अधिक संवेदनशील व संदिग्ध बनाती है।
पुलिस महकमे में खलबली—क्योंकि 40 गोलियां अकेली भी बड़ी घटना का कारण
सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इंसास राइफल की 40 गोलियां किसी भी बड़ी वारदात, हमले या अन्य आपराधिक मंशा को अंजाम देने में सक्षम होती हैं। इसी कारण पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस घटना को सामान्य चोरी नहीं, बल्कि संभावित सुरक्षा खतरे के रूप में देख रही हैं।
जीआरपी ने दर्ज किया अपराध, सीबीएनएस एक्ट के तहत मामला
जीआरपी ने घटना को बेहद गंभीर मानते हुए अपराध क्रमांक 1403/25 धारा 305 सीबीएनएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह धारा आमतौर पर अत्यधिक गंभीर, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं में लागू की जाती है।
कैसे हुई चोरी?
जांच में यह बात सामने आ रही है कि: चोर ट्रेन की बोगी में घुसे,मैगज़ीन निकालकर उन्हें मौके से कुछ दूरी पर झाड़ियों में फेंक दिया लेकिन कारतूस (गोलियां) अपने साथ ले गए यह साफ संकेत है कि मैगज़ीन लक्ष्य नहीं थीं, गोलियां ही चोरों का निशाना थीं।
पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई
घटना के बाद जीआरपी, आरपीएफ, सिटी पुलिस व सीआरपीएफ अधिकारियों ने संयुक्त रूप से क्षेत्र में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया। हर दिशा में छानबीन जारी है। आउटर इलाकों की झाड़ियों में,रेलवे ट्रैक के किनारों पर,संदिग्ध लोगों की गतिविधियों पर सीसीटीवी फुटेज पर और आसपास के गांवों व ठिकानों में संदिग्धों की तलाश
बड़े अधिकारियों की नजर, सुरक्षा अलर्ट जारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्वयं मौके पर पहुंचे। आरपीएफ और जीआरपी प्रमुखों ने इसे सुरक्षा चूक मानते हुए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। सीआरपीएफ अधिकारियों ने भी जवानों के उपकरणों की सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश जारी किए।
कहीं किसी बड़ी घटना की तैयारी तो नहीं?
सबसे बड़ा सवाल यही है। चोरी करने वालों ने गोलियां कहाँ पहुँचाईं? उनका उद्देश्य क्या है? क्या यह किसी बड़ी घटना का संकेत है? क्या गोलियां किसी आपराधिक गिरोह, नक्सली समूह या असामाजिक तत्वों तक पहुंचाई गईं? जांच एजेंसियां इन सभी पहलुओं को गंभीरता से खंगाल रही हैं। स्थानीय पुलिस के अनुसार, घटना में शामिल अपराधी गोलियों का प्रयोग बड़े अपराधों में कर सकते हैं, इसलिए हर संभावना पर नजर रखी जा रही है।”
पुलिस को समय रहते गोलियों का पता लगाना होगा
क्योंकि 40 गोलियां किसी भी अपराधी तत्व के लिए घातक संसाधन साबित हो सकती हैं। यदि इन्हें गलत हाथों में पहुंचा दिया गया है, तो यह भविष्य में किसी बड़ी वारदात का कारण बन सकता है।
पुलिस का फोकस
• गोलियों की बरामदगी
• चोरों की पहचान और गिरफ्तारी
• ट्रेन में सुरक्षा चूक की जांच
• घटना के पीछे संभावित मंशा की पड़ताल,कटनी आउटर पर हुई यह घटना स्थानीय पुलिस ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गई है। 40 गोलियों की गुमशुदगी ने बड़ी सुरक्षा चुनौती खड़ी कर दी है, और अब पूरा पुलिस महकमा इस रहस्य का पर्दाफाश करने में जुटा है कि मैगज़ीन से निकाली गई ये गोलियां आखिर गई कहाँ?