आश्वासन देकर भी सीएस ने की आयुष सेंटर की उपेक्षा

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गंदगी से बढ़ रही परेशानी, रोगियों की संख्या घट रही
शहडोल। जिला अस्पताल परिसर में संचालित आयुष सेंटर की गंदगी का निदान सिविल सर्जन के आश्वासन के बाद
भी नहंी हुआ। सेंंटर के सामने महीनों से गंदे पानी व पेशाब की गंदगी बजबजा रही है और वातावरण को दूषित कर
रही है। ज्ञातव्य है कि आयुष सेंटर की निरंतर हो रही उपेक्षा के कारण अब यहां रोगियों का आना भी कम हो गया है।
जबकि पूर्व में यहां पुराने रोगों के लिए पंचकर्म जैसे उपचार भी होते रहे और उसकी मशीनें भी थंीं। भारत शासन ने
लगभग 10 वर्षों पूर्व रोगियों की सुविधा के लिए एलोपैथी और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को एक साथ एक ही जगह
संचालित करने की व्यवस्था कराई थी। जिससे जिला अस्पताल परिसर में ही आयुष सेंटर संचालित किया जाने लगा
था। जहां रोगी पहुंच कर अपना सरलता से इलाज करा रहे थे। इलाज यहां आज भी हो रहा है लेकिन अब यह सेंटर
अव्यवस्थाओं का शिकार हो चुका है। इसका समुचित रखरखाव कराने की बजाय इसे गंदगी से पाटा जा रहा है।
सिविल सर्जन की लापरवाही
सिविल सर्जन चूंकि आयुष सेंटर की ओर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझते हैं इसलिए आयुष सेंटर आज बदहाल है।
इसके रखरखाव का जिम्मा जिला अस्पताल प्रबंधन का है। साफ सफाई के नाम पर हर साल लाखों का ठेका जिस
आउट सोर्स कंपनी को दिया जाता है वह शायद पलट कर आयुष सेंटर की ओर देखती भी नहीं है। जिला अस्पताल की
सफाई कम्पनी केवल सिविल सर्जन की चापलूसी मेें लिप्त रहती है। उसके कर्मचारी कुछ निर्धारित जगहों की सफाई
कर छुट्टी पा लेते हैं। जानकारी मिली कि सिविल सर्जन अस्पताल के इस हिस्से की सफाई कराना जरूरी नहीं मानते
हैं।
केवल दो दिन मिलते हैं डाक्टर
पूर्व मे इस सेंटर में रोजाना डाक्टर बैठते थे लेकिन अब केवल सप्ताह में दो दिन ही डाक्टर उपलब्ध रहते हैं। शेष दिन
यहां एक महिला फार्मासिस्ट रहती है जो रोगियों को सामान्य दवाएं देती रहती है। बड़ी बीमारियों के लिए रोगी डाक्टर

से संपर्क करने सप्ताह के दो दिन आते हैं। सेंटर की महिला कर्मचारी ने बताया कि गंदगी के कारण रोगियों को यहां
आने में असुविधा होती है। बदबू के कारण उसे स्वयं भी बैठने में परेशानी होती है।
एक दायरे में सिमटी व्यवस्था
जिला अस्पताल की सफाई व्यवस्था ओपीडी के सामने परिसर के दायरे तक सिमटी हुई है। इसके अलावा कहीं भी
सफाई नहीं हो रही है। आयुष सेंटर सीएमएचओ कार्यालय मार्ग पर स्थित है। यहां लोग आकर पेशाब करने लगे हैं,
जिससे यहां सदैव गंदगी भरी रहती है। इसके सामने ही स्टोर रूम है यहां कर्मचारियों ने बताया कि गंदगी के कारण
यहां बैठ पाना कठिन रहता है। आते जाते लोगों को भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस तरफ कभी सफाई
कर्मी नहीं आते न कभी झाड़ू लगाई जाती है। यही नहीं जानकारी मिली है कि नेत्र चिकित्सा इकाई की ओर भी
सफाईकर्मी कभी नहीं जाते हैं। अस्पताल के इस हिस्से में भी बहुत गंदगी व्याप्त है।

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