सीएस की ”छुट्टी”, 7 दिन का अवकाश, आज काम पर लौटेंगे बाकी

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मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक भी ’21 की राह पर
इधर डी.के. सिंह के बाद राजा शीतलानी पर भी दबाव की राजनीति
बैकफुट पर नवनियुक्त सिविल सर्जन, ली 7 दिन की छुट्टी
बुध की तरह गुरूवार को भी भटकते रहे मरीज

  बुधवार को मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने भी सामूहिक रूप से सिविल सर्जन की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े किये और नाराज चिकित्सकों का समर्थन किया, डॉ. डी.के. सिंह के बाद डॉ. राजा शीतलानी को भी नोटिस भेजा गया। लगभग चिकित्सकों के विरोध में आने से नवनियुक्त सिविल सर्जन ने 7 दिन का अवकाश लेकर रवानगी ले ली। जिसके बाद सभी चिकित्सक आज से काम पर लौटेंगे।                                                                                                                                                  (अंकित तिवारी)- 7000362359

शहडोल। बच्चों की असमय मौत से उपजा विवाद लंबे समय के बाद शायद आज थम जायेगा, प्रदेश सहित पूरे देश की सुर्खियां इस खबर ने बटोरी थी, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री और विभाग की मुखिया तक को शहडोल का दौरा करना पड़ा था। बहरहाल इन सब के बाद नये सीएस की नियुक्ति ने पूरे अस्पताल की नींव ही हिला दी। यह पहला मौका रहा जब एक साथ 21 चिकित्सकों ने त्याग पत्र सौंपे और आवश्यक सेवाओं को छोड़ बाकी से किनारा कर लिया था। लगातार एक सप्ताह से चल रही इस लड़ाई में धरती के भगवानों की मिली संज्ञा को भी कटघरे में खड़ा कर दिया, प्रशासन ने भी चिकित्सकों को झुकाने और अघोषित हड़ताल तोडऩे के लिए हर वो कदम उठाया जो, निंदनीय था। गुरूवार के दिन आखिरकार प्रशासन का रूख नरम नजर आया और सिविल सर्जन से 7 दिनों का अवकाश का आवेदन लिया गया। जिसके बाद आज शुक्रवार से जिला चिकित्सालय में पूरे चिकित्सक पुराने दम-खम के साथ व्यवस्था को सम्हालते हुए नजर आ सकते हैं।
सिविल सर्जन की ‘छुट्टी
नव नियुक्त सिविल सर्जन तथा जिला प्रशासन ने गुरूवार को संभवत: ऐसा रास्ता निकाल ही लिया, जिससे सिविल सर्जन को हटाने और इस मामले में प्रशासन के घुटने टेकने का भी आभाष किसी को नहीं हुआ, देर शाम जनसंपर्क कार्यालय से सिविल सर्जन की 7 दिन का छुट्टी की खबर जारी हुई और सिविल सर्जन का प्रभार भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेघ सिंह सागर को दिये जाने की पुष्टि प्रशासन ने स्वयं की।
आज से लौटेगी रौनक
जिला चिकित्सालय में बीते एक सप्ताह से चिकित्सकों की नाराजगी गुरूवार की शाम खत्म होती दिखी, इसके साथ ही उन सभी ने आज से काम पर जाने की हामी भर दी, गौरतलब है कि चिकित्सकों के न रहने के कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही थी और संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल बेरौनक हो चला था। हालाकि सिविल सर्जन को अभी भी पद से हटाया नहीं गया है, लेकिन यह भी चर्चा रही कि उनसे एकतरफा प्रभार लिया गया है, तभी चिकित्सकों ने वापस आने की हामी भरी।
मेडिकल कॉलेज से भी निंदा प्रस्ताव
गुरूवार की दोपहर जब मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने भी जब सिविल सर्जन की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े किये, यही नहीं मध्यप्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के शहडोल ब्रांच के अध्यक्ष डॉ. एस.के. शुक्ला और सचिव डॉ. राम कुमार पनिका के द्वारा इस संदर्भ में प्रेस नोट जारी किया गया, जिसमें डॉ. जी.एस. परिहार की नियुक्ति तथा उसके बाद जिला प्रशासन द्वारा चिकित्सकों के खिलाफ की जा रही दबाव की राजनीति की निंदा की गई। साथ ही प्रशासन से यह भी अनुरोध किया गया कि इस मामले में गतिरोध को खत्म करने की पहल की जाये।
नींद से जागी नगर पालिका
पूरे मामले में नगर पालिका के माध्यम से जिला प्रशासन के द्वारा चिकित्सकों पर दबाव बनाने का कुत्सित प्रयास की भी पूरे जिले में निंदा होती नजर आई। सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रशासन के इस कारनामों की जमकर बखियां उधेड़ी, यह सवाल भी उठे कि हड़ताल के बाद ही स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका को डॉ. डी.के. सिंह तथा डॉ. राजा शीतलानी के द्वारा किये गये निर्माण अवैध नजर आने लगे। इससे पहले नगर पालिका चिरनिद्रा में लीन थी, बुधवार को डॉ. डी.के. सिंह के बाद नपा के सीएमओ द्वारा डॉ. राजा शीतलानी के यहां भी भवन निर्माण को लेकर कार्यवाही हेतु नोटिस भेेजे गये थे।

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