माता-पिता सहित बेटी आई करंट की चपेट में

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                                                                                                            जंगल में पुलिस व एंबुलेंस कर्मचारी ने रेस्क्यू कर बचाई जान

शहडोल। माता-पिता के साथ 20 वर्षीय बेटी करंट की चपेट में आने से गंभीर घायल हुए है, परिवार लकड़ी तलाश कर जंगल से वापस लौट रहा था तभी शिकारियों द्वारा लगाए गए करंट की चपेट में आने से तीनों लोग गंभीर घायल हो गए। घटना जैतपुर थाना क्षेत्र के गाड़ातराई जंगल की है। घायल बेटी ने मोबाइल से मामले की जानकारी डायल 100 के साथ-साथ 108 को दी, दोनों ही वाहन मौके पर पहुंच कर जंगल से रेस्क्यू कर तीनों घायलों को अस्पताल लाकर भर्ती कराया है। यह सब करने में एक घण्टे का समय लगा। पुलिस ने बताया कि गाड़ातराई के जंगल में माता-पिता एवं उसकी 20 वर्षीय बेटी जंगल से लकड़ी लेकर वापस लौट रहे थे, तभी जंगल में बिजली के पोल से जीआईतार के माध्यम से करीब 01 किलोमीटर करंट फैलाया गया था। जिसकी चपेट में तीनों लोग आ गए और गंभीर घायल हो गए। घायल बेटी ने हिम्मत से कम लिया और मामले की जानकारी पुलिस सहित 108 एंबुलेंस को दी। मामले की जानकारी लगते ही पुलिस एवं 108 एम्बुलेंस घायलों के घर पहुंच गए, इसके बाद दोबारा कॉलर को फोन कर उसकी लोकेशन लेकर जंगल में तीनों घायलों को टीम ने तलाशा और जंगल में पहले करंट की तार को हटाते हुए तीनों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। थाना प्रभारी का कहना है कि जंगल लकड़ी तलाश कर परिवार वापस लौट रहा था तभी करंट की चपेट में आया है, यह करंट जंगली जानवर को मारने के लिए शिकारियों द्वारा लगाया गया था। 100 डायल को मामले की जानकारी लगी थी, साथ ही साथ 108 को भी मामले की खबर दी गई थी, घटनास्थल दोनों टीम पहुंची थी घायलों को जंगल में तलाशने में कुछ दिक्कतें आई, लेकिन तीनों घायलों को जंगल में टीम के द्वारा तलाश लिया और 108 के माध्यम से केशवाही अस्पताल लाया, जहां डॉक्टर ने घायलों को अनूपपुर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया है। घायलों में सुखई पाव उम्र 50 वर्ष एवं उसकी पत्नी मुन्नी बाई तथा बेटी सुखबरिया पाव निवासी बचरबार शामिल है। 108 एंबुलेंस में तैनात कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें जो लोकेशन मिली थी उसके आधार में वह घायलों के घर पहुंच गए, लेकिन वहां कुछ नहीं मिला, जिसके बाद दोबारा कॉलर को फोन किया गया और पुलिस की डायल हंड्रेड के साथ-साथ 108 एंबुलेंस दोबारा जंगल की ओर निकल पड़ी, तभी 108 एंबुलेंस में तैनात कर्मचारी भी करंट की चपेट में आने से बच गए और किसी तरीके से रेस्क्यू कर तीनों घायलों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल लाया गया है।

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