मरीज की मौत और अस्पताल की लापरवाही… फिर अदालत का ऐतिहासिक डंडा कटनी में उपभोक्ता आयोग ने पहली बार किसी डॉक्टर और अस्पताल को करोड़ों के मुआवज़े का दोषी ठहराकर लिखा इतिहास
मरीज की मौत और अस्पताल की लापरवाही… फिर अदालत का ऐतिहासिक डंडा कटनी में उपभोक्ता आयोग ने पहली बार किसी डॉक्टर और अस्पताल को करोड़ों के मुआवज़े का दोषी ठहराकर लिखा इतिहास
कटनी की धरती पर ऐसा फैसला पहली बार सुनाया गया है जिसने पूरे मेडिकल जगत को हिला कर रख दिया। उपभोक्ता आयोग ने लापरवाही से हुई मौत के मामले में अस्पताल और डॉक्टर पर इतना बड़ा मुआवज़ा ठोक दिया कि अब हर अस्पताल संचालक और चिकित्सक के लिए यह कड़ा सबक बन गया है। डॉक्टर और अस्पताल को लापरवाही व मरीज की सुरक्षा में चूक के लिए 43.68 लाख रुपये का मुआवज़ा देना पड़ा है। कटनी में उपभोक्ता आयोग का यह आदेश सिर्फ एक फैसले भर नहीं, बल्कि पूरे चिकित्सा जगत के लिए चेतावनी है। कि अब जनता लूट और लापरवाही दोनों के खिलाफ जाग चुकी है। अब हर अस्पताल मालिक और चिकित्सक दहशत में है।
कटनी। ज़िला उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग, कटनी ने एक ऐसा ऐतिहासिक निर्णय सुनाया, जिसने न केवल कटनी बल्कि पूरे संभाग के अस्पताल संचालकों और चिकित्सकों को हिलाकर रख दिया है। वर्धमान अस्पताल चाडक चौक एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋषि जैन को लापरवाही का दोषी मानते हुए आयोग ने मृतक मनोज परौहा (23 वर्ष) के परिजनों को 43 लाख 68 हजार रुपये मुआवज़ा ब्याज सहित देने का आदेश दिया है। यह फैसला कटनी के इतिहास में पहली बार किसी चिकित्सक व अस्पताल प्रबंधन पर इतनी बड़ी क्षतिपूर्ति की जिम्मेदारी तय करने वाला है। इस निर्णय से चिकित्सा जगत में सनसनी फैल गई है।
परिवादी रामजी परौहा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 19 जुलाई 2022 को उनके पुत्र को अस्पताल में भर्ती किया गया। इलाज आयुष्मान कार्ड से कराने का आश्वासन दिया गया, लेकिन बाद में 85,000 रुपये की मांग की गई और 30,000 रुपये नकद लेने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने रसीद तक नहीं दी।
30 जुलाई 2022 की रात इलाज के दौरान मरीज अस्पताल की तीसरी मंज़िल से नीचे गिर गया और उसकी मौत हो गई। जांच में पाया गया कि अस्पताल की बालकनी एवं रेलिंग पर सुरक्षा जाली तक नहीं लगी थी। यह गंभीर लापरवाही मानी गई।
माननीय न्यायाधीश श्री श्यामाचरण उपाध्याय ने आदेश दिया कि –
मृतक के पिता को 13,68,000 रुपये क्षतिपूर्ति,
लापरवाही एवं असुरक्षा के लिए 25,00,000 रुपये अतिरिक्त,
सेवा में कमी और अनुचित व्यापार प्रथा के लिए 5,00,000 रुपये क्षतिपूर्ति,
वाद व्यय 20,000 रुपये तथा 24 अगस्त 2023 से 9% वार्षिक ब्याज भी देय होगा।
इस मामले की पैरवी अधिवक्ता भूपेश जायसवाल, राकेश शर्मा, गुलाम सरवर एवं साष्ट्री लॉ चेम्बर एंड एसोसिएट्स कन्सल्टेंट्स ने की।
इस ऐतिहासिक निर्णय ने चिकित्सकों और अस्पताल संचालकों को चेतावनी दे दी है कि अब किसी भी प्रकार की लापरवाही, ठगी या अनुचित व्यापार जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। वहीं वर्धमान अस्पताल के संचालक डॉ. ऋषि जैन भी इस आदेश से सकते में हैं।