दीपक छतवानी: समाजसेवी या भू-माफिया
श्मशान की भूमि पर कब्जा करने से नहीं चूक रहा दीपक
उमरिया। जिले का ग्राम खलेसर भू-माफियाओं सहित कई लोगों के लिए चारागाह बना हुआ है, 26 जून को कलेक्टर के यहां हुई शिकायत में शिकायतकर्ताओ ने दीपक छतवानी पिता मोहन छतवानी पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा व्यवस्थापान की भूमि पर बलात कब्जा कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सर्वाजनिक निस्तार की भूमि पर जबरन कब्जा किया गया है। शिकायत में उल्लेख किया गया कि खलेवासी अलग-अलग जाति व समाज के लोगों का शवदाह एवं समाधि का स्थान आराजी नंबर 451 रकवा 3.549 एवं 614 रकवा 0.88 स्थित ग्राम खलेसर प.ह.उमरिया खसरा नंबर 06 रा. नि.नं. उमरिया तहसील बांधवगढ़ की भूमि पर रीवा रियासत के समय से उपयोग उपभोग करते चले आ रहे हैं।
राजस्व विभाग में हुई सांठ-गांठ
शिकायतकर्ताओ ने आरोप लगाया कि दीपक छतवानी पिता भगवान दास छतवानी निवासी द्वारा खसरा नंबर 451/3 की रजिस्ट्री के आधार पर खसरा नंबर 451 के संपूर्ण रकवे में जबरन कब्जा करना चाहता है, तहसील न्यायालय एवं न्यायालय को भ्रमित कर गलत आदेश पारित करवाकर राजस्व विभाग के पटवारी, राजस्व निरीक्षक से मन माफिक जांच प्रतिवेदन तैयार करवाकर त्रुटिपूर्ण आदेश के आधार पर अपने धन-बल और उच्च स्तर पर पहुंच का दबाव बनाकर सार्वजनिक उपयोग की भूमि को हड़पना चाहता है।
आये दिन होगा झगड़ा
दीपक के उक्त कृत्य को रोका नहीं जाता तो, खलेसर ग्रामवासियों को शवदाह एवं समाधि का अंतिम क्रियाकर्म करने के लिए शासन द्वारा आवंटित भूमि खसरा नंबर 451 का जुजभाग 3.549 हेक्टयेर भूमि से वंचित हो जावेंगे और आये दिन लड़ाई झगड़ा बना रहेगा, बिना किसी वजह के मुकदमों में ग्राम वासियों को उलझना पड़ सकता है।
भगवत के नाम कैसे दर्ज
खसरा नंबर 451 रीवा रियासत के समय से ग्राम खलेसर के निस्तारी भूमि जिसमें चारागाह, गोठान, श्मशान के लिए आरक्षित की गई थी, पूर्व में राजस्व दस्तावेजों में भगवत दुबे पिता नर्मदा प्रसाद दुबे के नाम कैसे दर्ज हुआ, यह जांच का विषय है। यहां पर यह भी महत्वपूर्ण है कि खसरा नंबर 451 के बटांकन नंबर 451/1, 451/2, 451/3 किस कारण से किया गया, यह भी पुराने अभिलेखों से जांच करने पर सच्चाई सामने आयेगी।
दोषियों पर हो सख्त कार्यवाही
शिकातकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय में दी गई शिकायत में उल्लेख किया है कि अगर समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में यहां विवाद की स्थिति निर्मित होगी, शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि पूरे मामले की जांच कराकर दोषी पटवारी सहित राजस्व के अधिकारियों पर कार्यवाही की जाये। अगर शिकायत पर यकीन करें तो, दीपक छतवानी द्वारा श्मशान की भूमि पर कब्जा किया जा रहा है, अगर ऐसा है तो, इससे साफ जाहिर होता है कि दीपक छतवानी समाजसेवी का चोला ओढ़कर शासकीय भूमि हड़पने का प्रयास कर रहे हैं, जो उनके समाजसेवी के पीछे छुपे माफिया की छवि को प्रदर्शित करती है। खैर मामला चाहे जो हो जांच के बाद सब साफ हो जायेगा।