पुलिस बल की फेरबदल की मांग तेज, नौरोजाबाद से उठी आवाज
 (संदीप तिवारी)
(संदीप तिवारी)उमरिया। जिले में पुलिस बल की तैनाती को लेकर लंबे समय से उठ रही शिकायतों के बीच अब स्थानीय स्तर पर फेरबदल की मांग जोर पकड़ने लगी है। प्रशासनिक और कानूनी दृष्टि से संतुलित पुलिस व्यवस्था की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए यह कहा जा रहा है कि जिले में वर्तमान में पुलिस बल का वितरण असमान और पक्षपातपूर्ण दिखाई देता है, जिसे तत्काल ठीक करने की जरूरत है।
हाल ही में पुलिस अधीक्षक उमरिया को सौंपे गए एक ज्ञापन में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि कई थाना क्षेत्रों में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती संख्या के हिसाब से अधिक है, जबकि कुछ स्थानों पर अत्यधिक कमी देखी जा रही है। खासकर महिला थाने और यातायात व्यवस्था से जुड़े महकमों में स्टाफ की कमी साफ झलकती है। यह भी कहा गया है कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा अपनी पसंद और निजी स्वार्थवश कई अधिकारियों को मनमाने ढंग से ड्यूटी लाइन में रखा गया, जबकि उन्हें मैदान में उतारा जाना आवश्यक था।
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया है कि ड्यूटी लाइन में रखे गए कुछ अधिकारियों/कर्मचारियों को लंबे समय से कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है, जबकि वहीं दूसरी ओर कुछ अधिकारी लगातार दबाव में काम कर रहे हैं। यह स्थिति प्रशासनिक दृष्टि से न केवल असंतुलित है, बल्कि पुलिस व्यवस्था पर भी नकारात्मक असर डाल रही है। ज्ञापन में पुलिस अधीक्षक से मांग की गई है कि ऐसे अधिकारियों को तुरंत फील्ड में भेजा जाए, ताकि उनकी क्षमताओं का उपयोग जनता की सेवा में हो सके।
उमरिया जिले की यातायात व्यवस्था पर भी विशेष चिंता जताई गई है। प्रमुख चौक-चौराहों पर यातायात पुलिस की अनुपस्थिति से अव्यवस्था का आलम है। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि जिले की बढ़ती यातायात समस्या को नियंत्रित करने के लिए ड्यूटी लाइन में बैठे कर्मचारियों को यातायात शाखा में लगाया जाना चाहिए। इससे जहां व्यवस्था सुधरेगी वहीं पुलिस बल का संतुलित उपयोग भी हो सकेगा।
नौरोजाबाद से उठी इस मांग में साफ कहा गया है कि वर्तमान में उमरिया जिले के पुलिस बल का फेरबदल अति आवश्यक है। यदि समय रहते इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया तो जिले की कानून-व्यवस्था और यातायात व्यवस्था और अधिक अव्यवस्थित हो सकती है। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों का भी यही मानना है कि पुलिस बल का निष्पक्ष और न्यायसंगत वितरण ही व्यवस्था को सही दिशा दे सकता है।
                    
               
        
	             
                                             
                                                                    
                                             
                                         
                                         
                                         
                                        