फर्जी फर्म के सहारे पंचायत का विकास

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गोहपारू की ग्राम पंचायतों को लल्लू बना रहा केवट

(सुनील मिश्रा+9755476196)
शहडोल। जिले की गोहपारू जनपद की कई ग्राम पंचायतों की हर जरुरत को पूरा करने का लाखों का बिल मेसर्स लल्लू केवट कान्ट्रेक्टर ग्राम भर्री नाम वेण्डर के खाते में भुगतान किया गया है, मजे की बात तो यह है कि उक्त फर्म सिर्फ कागजों में संचालित हो रही है, लेकिन पंचायतों में होने वाले निर्माण सामग्री की सप्लाई कर रही, आरोप यह भी हैं कि संचालक ने जनपद में सांठ-गांठ कर लाखों के फर्जी बिलों का भुगतान अपने खाते में लिया है और कमीशन काट बाकी राशि जिम्मेदारों में बंदर-बांट की गई है, उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों का चेक पावर समाप्त करने के उपरांत पंचायतों में फज़ऱ्ी वेंडरों की संख्या अपने आप में सवाल खड़े कर रही है, पंचायती राज व्यवस्था में विकास के नाम पर ग्राम पंचायत के सचिव, सरपंच एवं जनपद में बैठे जिम्मेदारों ने खुद का खुलकर विकास किया है।
मनमानी राशि का भुगतान
जनपद की अधिकांश ग्राम पंचायतों के सरपंच, उपसरपंच, सचिव, सहायक सचिव आदि के द्वारा स्वयं अथवा अपने परिजनों के नाम पर सप्लायर ट्रेडर्स का पंजीयन करा लाखों का फर्जी बिल लगाकर सरकारी खजाने से राशि आहरित कर आपसी बंदरबाट किये जाने के आरोप लगते रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पंचायतों में लगने वाले अधिकांश वेण्डर की फर्म केवल कागज तक ही सीमित हैं। इनका कही कोई अस्तित्व नहीं है, लेकिन ग्राम पंचायतों में सब सामग्री निर्माण, परिवहन, कम्प्यूटर, स्टेशनरी, चाय, नाश्ता, मिठाई आदि के सप्लाई का फर्जी बिल लगा पंचायत के खाते से मनमानी भुगतान कर राशि आहरित कर रहे हैं।
कमीशन में बटे बिल
जीएसटी लागू होने से पहले दावे किए जा रहे थे कि, पंचायतों के यह फर्जीवाड़े जीएसटी लागू होने के बाद खत्म हो जाएंगे, लेकिन यह सिर्फ भ्रम साबित हुआ। जीएसटी के बाद यह फर्जीवाड़े बंद नहीं हुए बल्कि सुरक्षात्मक ठगी हो गई है। पंचायत के सरपंच, सचिव व रोजगार सहायकों ने खुद या परिजनों के नाम से जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराना शुरू कर दिया है। ऐसी फर्जी फर्में जिनका कोई अस्तित्व नहीं वह पंचायत में मनमाने दामों में सप्लाई कर सरकारी को चूना लगा रहे हैं। सूत्रों की माने में तो भर्री पंचायत में ऐसे बिल भी लगे हैं, जिसकी पंचायत ने खरीदी नहीं की, सिर्फ कमीशन देकर बिल लगा लिये गये। जागरूकजनों ने कलेक्टर से मांग की है कि पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी फर्म संचालक सहित जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर उचित कार्यवाही करें।
पंचायत में उड़ी क्रय नियमों की धज्जियां
गोहपारू जनपद की ग्राम पंचायत भर्री में मेसर्स लल्लू केवट नामक वेण्डर के बिल लगाये हैं, मजे की बात तो यह है कि उक्त फर्म संचालक की फर्म कागजों में संचालित है, लेकिन ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने खरीदी में म.प्र. भंडार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 का पालन न करते हुए नियम विरूद्ध खरीदी की गई है, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जनपद स्तर के अधिकारियों को नहीं है, लेकिन ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक पर जनपद में बैठे जिम्मेदार जांच की जहमत नहीं उठा पा रहे हैं।

 

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