नशबंदी ऑपरेशन के आंकड़ो को ज्यादा से ज्यादा दिखाने की होड़ में जिला अस्पताल प्रबंधक व डॉक्टरों द्वारा बरती जा रही लापरवाही
नशबंदी ऑपरेशन के आंकड़ो को ज्यादा से ज्यादा दिखाने की होड़ में जिला अस्पताल प्रबंधक व डॉक्टरों द्वारा बरती जा रही लापरवाही
महिलाओं के ऑपरेशन के बाद बिना स्टेचर के ही रवाना कर दिया जा रहा
कटनी! जिला अस्पताल में लापरवाही का सिलसिला रुकने का नाम ही नही ले रहा कटनी जिला अस्पताल के दूसरी मंज़िल पर चल रहे नशबंदी शिविर में नशबंदी ऑपरेशन के आंकड़ो को ज्यादा से ज्यादा दिखाने की होड़ में जिला अस्पताल प्रबंधक व डॉक्टरों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन के बाद बिना स्टेचर के पहली मंजिल से नीचे उतरने के लिए पैदल ही जाने को कहा जा रहा है जिसके चलते परिजनों को मजबूरन महिलाओं को गोद मे ले बिल्डिंग से नीचे उतारना पड़ रहा है।कटनी जिला अस्पताल में चल रहे नशबंदी शिविर में कटनी शहरी क्षेत्र और कन्हवारा ब्लाक की महिलाओं का नशबंदी की जा रही है शिविर में नशबंदी कराने पहुँची महिलाओं ऑपरेशन के बाद गोद व पैदल चला अस्पताल की पहली मंजिल से नीचे लाते परिजनों ने बताया कि महिलाओं के ऑपरेशन के बाद बिना स्टेचर के ही रवाना कर दिया जा रहा जिसके चलते उन्हें मजबूरन उन्हें महिलाओं को गोद य पैदल चला जिला अस्पताल के नीचे लाना पड़ रहा है…वही जिला अस्पताल में चल रहे नशबंदी शिविर के प्रभारी डॉक्टर राज सिंह से इस पूरे मामले की बात की तो वह पहले इसे कबूल किया कि मरीज ऑपरेशन के बाद पैदल ही अस्पताल के नीचे जा रहे वही इस मामले को घूमते हुए उन्होंने यह भी बताया कि मरीज के परिजन जबरन जल्द बाजी में पैदल अस्पताल के नीचे जा रहे है उन्हें रोकने के बाद भी वह नही रूक रहे है।
बता दें कि कटनी जिला अस्पताल में नसबंदी शिविर में कटनी शहरी क्षेत्र और कन्हवारा ब्लाक की 60 महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन किए गए। शिविर में पहुंची महिलाओं को अस्पताल प्रबंधक की अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। गोद व पैदल चलाकर नीचे लाते परिजनों ने बताया कि महिलाओं के ऑपरेशन के बाद बिना स्ट्रेचर के ही रवाना कर दिया जा रहा है। परिजनों का कहना था कि ऐसे हाल में टांका खुलने, गिरकर घायल होने का खतरा बना रहा। अस्पताल प्रबंधक इस पूरे मामले में मूक दर्शक बना रहा। इस मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा का कहना है कि कन्हवारा केंद्र के ऑपरेशन हुए हैं। जिला अस्पताल में सिर्फ जगह उपलब्ध कराई गई है। डॉ. राज सिंह को स्टॉफ की व्यवस्था करनी थी। यदि हमसे वे स्ट्रेचर मांगते तो अवश्य देते। हर शिविर में दो स्ट्रेचर दिलाए जाते हैं। मामला उजागर होने के बाद शाम को स्ट्रेचर मांगने पहुंचे हैं तो तत्काल मुहैया कराया गया है। शिविर के लिए हमेशा संसाधन उपलब्ध रहेंगे।
सीएम की नसीहत के बाद भी नहीं सुधार
बता दें कि 5 दिसंबर को बिलहरी स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कैंप के दौरान इंजेक्शन लगाने के बाद सिया बाई पति शिवकुमार चौरसिया की मौत हो गई है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की गंभीर बेपरवाही सामने आई है। कार्रवाई के नाम पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा रीठी बीएमओ डॉ. सुनील पराशर को रीठी से हटाकर सिर्फ ढीमरखेड़ा किया गया है। हालांकि इस मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर शशिभूषण सिंह को हटाया है। इस बड़ी कार्रवाई के बाद भी व्यवस्थाएं नहीं सुधर रहीं।
इनका कहना है
एनएसबी और एलटीटी ऑपरेशन कैंप का आयोजन किया गया। जिला अस्पताल में शहरी व कन्हवारा क्षेत्र की 60 महिलाओं के ऑपरेशन हुए। जल्दबाजी में लोग ऑपरेशन के बाद गोद में उठाकर ले जा रहे हैं। यहां पर सभी प्रकार की व्यवस्था की गई थीं।
डॉ. राज सिंह, कैंप प्रभारी।
नसबंदी ऑपरेशन में यदि इस तरह की बेपरवाही हुई तो इसको दिखवाते हैं। मामले की जांच कराएंगे। दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई होगी।
प्रियंक मिश्रा, कलेक्टर।