वेटलैण्ड भूमि को चिन्हित कर बचाने का जिला स्तरीय समिति ने लिया निर्णय
उमरिया। जिला स्तरीय वेटलैण्ड समिति की बैठक कलेक्टर बुध्देश कुमार वैद्य की अध्यक्षता में कलेक्टर सभागार संपन्न हुई। उन्होंने कहा कि जल स्रोत हमारी प्राकृतिक धरोहर है। इनका संरक्षण, संवर्धन हम सबका दायित्व है। उन्होंने कहा कि बढती हुई जनसंख्या तथा उनकी आवश्यकता हेतु बढ़ते दबाव के कारण जल संरक्षण संरचनाएं विकृत होती जा रही है। वेटलैण्ड दिवस हमें इन संरचनाओं के संरक्षण एवं संवर्धन की याद दिलाता है। हम सभी को पर्यावरण तथा भूमि की गुणवत्ता बनाये रखने हेतु वेटलैण्ड का संरक्षण एवं संवर्धन अनिवार्य रूप से करना होगा। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी, अनुविभागीय अधिकारी वन, प्राचार्य आदर्श महाविद्यालय डॉ.अभय पाण्डेय, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग जी. वाई. गायकवाड़, कृषि, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय, मुख्य नगर पालिका अधिकारी किशन सिंह, मुख्य नगर पालिका अधिकारी भूपेंद्र सिंह, उपयंत्री श्री गुप्ता, ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, सहायक संचालक, मत्स्य पालन विभाग, उपस्थित रहे।
सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी ने कहा कि वेटलैण्ड सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय हितों में महत्वीपूर्ण भूमिका निभाती है। वेटलैण्ड का क्षरण लोगो के स्वास्थ्य, प्रकृति और जैव विविधिता को प्रभावित करती है। इसके संरक्षण संवर्धन के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत प्रयास किए जाने चाहिए। प्राचार्य आदर्श महाविद्यालय डॉ. अभय पाण्डेय ने बताया कि जल क्षेत्रों के आसपास ऐसा क्षेत्र जहां आद्रता रहती है या वर्षा काल में पानी का भराव होता है वेटलैण्ड कहलाती है। वेटलैण्ड को ठोस और तरल कचरे से मुक्त रखने का प्रयास तथा जागरूकता फैलाने का प्रयास शासकीय अमले के साथ-साथ समुदाय को भी करनी चाहिए। इस अवसर पर पावर प्वाइंट प्रजनटेशन के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी गई।