अंधेरगर्दी की खाल उतारने जिला पंचायत मुखिया ने उठाया कोड़ा

0

                     दो सदस्यीय टीम गठित कर दिए जांच के निर्देश, खुलेगा भ्रष्टाचार

शहडोल। जयसिंहनगर जनपद अंतर्गत स्थित बराछ ग्राम पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार को गंभीरता से लेते हुए
प्रशासन जिला पंचायत ने जांच कराने का निर्णय लिया है और इसके लिए दो सदस्यीय दल गठित किया है। जांच
जनपद के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनोज मिश्रा, सहायक लेखाधिकारी प्रकाश निगम को सौंपी गई है। समिति
को लेख है कि शिकायतकर्ता की उपस्थिति की बिन्दुवार सूक्षमता से विधिवत जांच की जाए। ज्ञातव्य है कि जनपद
पंचायत जयसिंहनगर अंतर्गत ग्राम पंचायत बराछ में पदस्थ सचिव रामकिशोर पटेल एवं पूर्व उपसरपंच श्रीधर गर्ग
शासन द्वारा चलाये जा रहे विभिन्नि जनकल्याणकारी योजनाओं, हितग्राही मूलक कार्याे में भारी भ्रष्टाचार कर
लाखों रुपए का गबन/ प्रभक्षण किया जाने तथा उच्च न्यायालय जबलपुर से स्थगन प्राप्त की धौंस बताकर पंचायत
में लगातार फर्जी काम किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी।
यह कृत्य भी शामिल रहा
जिनके खिलाफ जांच के निर्देश हुए उन्होने कई अन्य खेल भी खेले हैं जिनमें बराछ से तेन्दुआढ़ पहुंच मार्ग व पुलिया
निर्माण कार्य में अनियमितता किये जाने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत काफी गंभीर एवं विवादास्पद
प्रकृति की प्रतीत होती है। लिहाजा संपूर्ण शिकायतों का अवलोकन करने के उपरांत जांच के निर्देश दिए गए हैं।
ग्रामीणों में फर्जी मस्टर की हो या फिर घटिया और गुणवत्ताहीन कार्य की जमकर चर्चा रही।
क्रय नियमों का खुला उल्लंघन
ग्राम पंचायत बराछ के सचिव राम किशोर पटेल पर आरोप हैं कि इनके द्वारा ग्राम पंचायत के लिए आई राशि का
खुलकर दुरूपयोग किया है। मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 का खुला उल्लंघन किया
गया। सबकुछ ऑनलाईन पोर्टल पर होने के बावजूद जनपद सहित जिले में बैठे जिम्मेदार कार्यवाही नहीं कर पाए थे।

मजे की बात तो यह है कि 3 वर्षाे से ज्यादा होने पर जनपद से लिस्ट तैयार कर जिला पंचायत से तबादला करने के
बाद कथित सचिव ने जिले में बैठे अधिकारियों को चुनौती देते हुए अपना तबादला रूकवा लिया और बराछ पंचायत में
ही डटे रहे।
मूल्यांकन कार्य लटका पड़ा
बीते वर्षाे में ग्राम पंचायत बराछ में हुए निर्माण कार्य आज भी मूल्यांकन की बांट जोह रहे है। मूल्यांकन नहीं करने से
कार्य की पूर्णता का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। मजे की बात तो यह है कि शासन द्वारा लाखों रूपये विकास
कार्य में खर्च कर दिये गये हैं, लेकिन लगभग कार्य अधूरे पड़े हैं, सचिव द्वारा पूर्व सरपंच के साथ मिलकर ऐसा खेल
किया कि इसमें उपयंत्री, एसडीओ ने भी डुबकी लगाइ। बीते वर्षाे में निर्माण कार्य में चोरी के खनिज का उपयोग किया
गया। अगर पंचायत द्वारा सही तरीके से निर्माण किया गया है तो, आखिर उपयंत्री द्वारा मूल्यांकन क्यों नहीं किया
गया।
नीर-क्षीर जांच में खुलेगी पोल
पंचायती राज में जयसिंहनगर जनपद की ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है। पंचायतों में हो रहे
भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश भी पनप रहा था। अफसरों पर सांठगांठ के आरोप भी लगते रहे हैं। लेकिन
जिला पंचायत ने गंभीरता को देखते हुए एक सशक्त जांच टीम गठित की है जो निष्पक्षता से जांच कर भ्रष्ट सचिवों
की खाल उधेडऩे में कसर नहीं उठाएगी और नीर-क्षीर कार्रवाई करते हुए इन्हे दण्डित करेगी और इनसे राशि की
वसूली भी होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed