नियमों की अपेक्षा को भंग करके भू खंडों को किया विभाजित, न्यायालय कलेक्टर नें माना अपराध प्रशासन को कॉलोनी का प्रबंध ग्रहण करने के साथ लेना होंगा कब्जा का आदेश, न्यायालय कलेक्टर ने दिया अहम निर्णय

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नियमों की अपेक्षा को भंग करके भू खंडों को किया विभाजित, न्यायालय कलेक्टर नें माना अपराध
प्रशासन को कॉलोनी का प्रबंध ग्रहण करने के साथ लेना होंगा कब्जा का आदेश, न्यायालय कलेक्टर ने दिया अहम निर्णय

कटनी। न्यायालय कलेक्टर अवि प्रसाद ने एक और अवैध कॉलोनी का प्रबंधन प्रशासन को ग्रहण करने, भूमि का विधिवत कब्जा प्राप्त करने और अवैध कालोनी का निर्माण करने वाले भूमि स्वामी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। साथ ही कॉलोनी के विकास के लिए एक जांच दल भी गठित किया है, जो 1 माह में आवश्यक विकास कार्यों हेतु अनुमानित राशि का प्राक्कलन न्यायालय कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
महेंद्र पिता रूपचंद्र जैन निवासी ग्राम तेवरी तहसील स्लीमनाबाद के द्वारा ग्राम तेवरी पटवारी हल्का नंबर 74 राजस्व निरीक्षक मंडल स्लीमनाबाद के खसरा नंबर 672/1 की भूमि पर आवासीय प्रयोजन कर पृथक पृथक व्यक्तियों को वर्ग फीट में भूखंडों का विक्रय किया था। जिसे संज्ञान में लेकर न्यायालय कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा भूमि स्वामी से भूखंडों के विक्रय विलेखों सहित विगत 10 वर्षों के खसरा की प्रति एवम् व्यपवर्तन संबंधी दस्तावेज तलब किए गए।
न्यायालय कलेक्टर ने अनावेदक द्वारा प्रस्तुत विक्रय पत्रों और खसरा अभिलेखों का सूक्ष्मता से अवलोकन किया, जिसमें उन्होंने पाया कि ग्राम तेवरी स्थित भूमि खसरा नंबर 672/1 रकवा 2.360 हें भूमि को अनावेदक द्वारा कुल 12 पृथक पृथक व्यक्तियों को बेचा गया। विक्रय के पश्चात भूमि के नए बटांक निर्मित हुए। जबकि अनावेदक द्वारा अपने तर्क में सिर्फ 5-6 लोगों को भूखंड विभाजित कर विक्रय किया जाना बताया गया। लेकिन स्वयं ही 12 विक्रय पत्र प्रस्तुत किए गए। रजिस्टर्ड विक्रय पत्रों के अवलोकन में पाया गया कि रजिस्टर्ड विक्रय पत्रों में कृषि भूमि की प्लाटिंग कर जमीन के आवासीय उपयोग हेतु विक्रय किया जाना उल्लेखित है। जबकि अनावेदक द्वारा आवासीय उपयोग हेतु प्लाटिंग न किए जाने का तर्क दिया गया था। साथ ही प्रश्नधीन भूमि को कृषि भूमि बताया गया था। मध्य प्रदेश पंचायत राज एवम् ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 61(घ) (2) अवैध कॉलोनी निर्माण के लिए दंड में वर्णित है कि कालोनी निर्माण करने वाला कोई व्यक्ति जो कालोनी स्थापित करने के उद्देश्य से अपनी भूमि को या किसी अन्य की भूमि को इस अधिनियम या इस निमित्त बनाए गए नियमों में अनुध्यात अपेक्षाओं को भंग करके भू खंडों में विभाजित करता है तो वह अवैध कॉलोनी निर्माण का अपराध करता है। भूमि स्वामी द्वारा प्रश्नधीन भूमि के कॉलोनी लाइसेंस और विकास संबंधी दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किए गए और अवैध रूप से आवासीय प्रयोजन हेतु भूमि को वर्गफुट में विभाजित कर विक्रय की गई। जिससे भूमि स्वामी द्वारा किए गए इस कृत्य को न्यायालय कलेक्टर कटनी द्वारा मध्यप्रदेश राज एवम् ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 61(घ)(2) के अनुसार अवैध कॉलोनी निर्माण किया जाना प्रमाणित पाया गया।
दिया अहम फैसला
न्यायालय कलेक्टर कटनी ने सभी तथ्यों के सूक्ष्म अवलोकन उपरांत भूमि स्वामी को अवैध निर्माण का दोषी पाते हुए उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश अनुविभागीय अधिकारी बहोरीबंद को दिया है। साथ ही धारा 61(च) की उपधारा 3 की मंशा अनुसार विहित प्राधिकारी को अनावेदक को कारण दर्शित करने की सूचना देने के पश्चात भूमि का प्रबंध धारण करने का अंतरिम आदेश दिया। तहसीलदार स्लीमनाबाद को उक्त भूमि के सभी बटांको में प्रबंधक कलेक्टर की प्रविष्टि दर्ज करने और विधिवत कब्जा भूमि स्वामी से प्राप्त करने के भी आदेश दिए।
1 सप्ताह में प्रस्तुत करें कब्जा रिपोर्ट
न्यायालय कलेक्टर कटनी ने कॉलोनी के विकास के लिए जांच दल गठित करते हुए उसमे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बहोरीबंद, सहायक संचालक नगर एवम् ग्राम निवेश कटनी, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग (भ/स) कटनी, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग (वि/या) कटनी को शामिल करते हुए जांच दल को 1 माह में जांच पूर्ण कर आवश्यक विकास कार्य के लिए अनुमानित राशि का प्राक्कलन प्रस्तुत करने निर्देशित किया है। तहसीलदार अद्यतन भू अभिलेख 3 दिन के भीतर प्रस्तुत कर 1 सप्ताह के भीतर कब्जा रिपोर्ट प्रस्तुत करें, यह आदेश भी दिया है।

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