निगमीकरण के विरोध में किया गया पुतला दहन आयुध निर्माणोंयो के मान्यता प्राप्त तीनों महासंघ के आह्वान पर निगमीकरण का किया पुतला दहन
निगमीकरण के विरोध में किया गया पुतला दहन
आयुध निर्माणोंयो के मान्यता प्राप्त तीनों महासंघ के आह्वान पर निगमीकरण का किया पुतला दहन
कटनी ॥ ♦केंद्र सरकार द्वारा भारत के 41 आयुथ निर्माणीओके निगमीकरण किए जाने के खिलाफ भारत की सभी आयुध निर्माणोंयो के मान्यता प्राप्त तीनों महासंघ के आह्वान पर निगमीकरण का पुतला दहन शनिवार 19 जून 2021 को किया गया इस संबंध में आयुध निर्माणी कटनी में भी तीनों महासंघ के आह्वान पर निर्माणी की सभी यूनियनो द्वारा आयुध निर्माणी गेट के सामने शनिवार 19 जून को दोपहर 1 बजे निर्माणी गेट के सामने निगमीकरण का पुतला दहन किया गया जिसमें आयुध निर्माणी के सभी कर्मचारी साथी परिवार जन उपस्थित रहें!
रक्षा संस्थान का अस्तित्व खतरे में
जिले के एकमात्र रक्षा संस्थान आयुध निर्माणी कटनी के मे भी विरोध में निर्माणी में कार्यरत यूनियन, कार्यसमिति ने स्थानीय स्तर पर व फेडरेशन के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े आंदोलन की तैयारी की है तथा सरकार से विभिन्न मांगों जिसमें महत्वपूर्ण रूप से
1 निगमीकरण का प्रस्ताव वापस लिया जाए*
2 एफडीआई का आदेश रद्द किया जाए*
3 एनपीएस को समाप्त किया जाए*
4 खाली पड़े पदों पर सीधी भर्ती की जाए आदि मांगों को लेकर अभी सांकेतिक विरोध प्रदर्शन के रूप में पुतला दहन किया गया है तथा शीघ्र राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की चेतावनी भी सरकार को दे दी है इस संबंध में आयुध निर्माणी कटनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि देश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है केंद्र हो या राज्य सरकार दोनों के विभागों में कर्मचारियों की संख्या में काफी कमी है सरकार नौकरियों के वादे, दावे तो बहुत करती है पर सारे दावे खोखले साबित होते हैं ऐसे समय जब कॅरोना जैसी महामारी ने भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व को चिंतित कर दिया है और भारत महामारी के साथ-साथ पड़ोसी देशों द्वारा बॉर्डर पर रोज हो रही झड़प, गोलीबारी, कूटनीतिक लड़ाई में उलझा हुआ है और सरकार द्वारा ऐसे विकराल संकट के समय रक्षा संस्थानों /आयुध निर्माणियों के निगमीकरण का प्रस्ताव लाकर कर्मचारियों के साथ-साथ पूरे देश को चिंता में खड़ा कर दिया है जब आयुध निर्माणियां सैन्य सामान के साथ साथ कोरोना महामारी में उपयोग होने वाली सामग्री जैसे सैनिटाइजर, मास्क,पलंग/ बेड आदि उत्पादन करते हुए देश सेवा में सहयोग कर रही है और युद्ध की आशंका के चलते सैन्य सामग्रियों की आवश्यकता भी ज्यादा है कारगिल के समय प्राइवेट कंपनियां समय पर सामग्रियां नहीं दे पाई थी तब आयुध निर्माणी के भरोसे ही युद्ध जीता जा सका था ऐसे विस्वसनीय रक्षा संस्थान का निगमीकरण किया जाना सिर्फ कर्मचारी नहीं बल्कि देश के साथ अन्याय होगा ऐसे में कटनी जिले का एकमात्र रक्षा संस्थान आयुध निर्माणी कटनी का भी अस्तित्व खतरे में नजर आता है भारत देश में रक्षा संस्थान की महत्वता को समझते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों को रक्षा संस्थान के निगमीकरण व रेलवे के दिन प्रतिदिन होते निजीकरण ( स्टेशन तथा ट्रेन को ठेके पर दिया जाना ) पर रोक लगाए जाने हेतु प्रयास किया जाना चाहिए यह देश की अस्मिता का सवाल है क्योंकि युद्ध के समय और हमेशा ही बॉर्डर पर सुरक्षा व देश में विभिन्न वर्दीधारी विभागों ( जल सेना,थल सेना,वायु सेना, विभिन्न अर्धसैनिक बल,पुलिस ) में आर्म्स,अमुनेशन/ आयुध उपस्कर आयुध निर्माणियां उच्च गुणवत्ता का और समय पर पहुचाती आयी है इसी तरह देश मे माल एवं सवारी परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका रेलवे की रहती है! ऐसे में भारत के रक्षा संस्थान तथा रेलवे को जीवित रखना उनके अस्तित्व को बनाए रखना हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है!
रिपोर्ट :-दिलीप शुक्ला