घोटालेबाज डिप्टी रेंजर की गर्दन नापने का प्रयास हुआ शुरू

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विभाग को करते रहे खोखला, अफसरों की शह पर करोड़ों डकार गए

उमरिया। स्थानीय वनविकास निगम में पदस्थ डिप्टी रेंजर राजेश्वर प्रसाद पयासी ने अपने सेवाकाल में भ्रष्टाचार के कई रिकार्ड तोड़े और नए रिकार्ड बनाए हैं। माना जाता है कि अब तक डिप्टी रेंजर ने करोड़ो रुपए का गोलमाल कर विभाग को खोखला करने का प्रयास किया है। इनकी धांधली की कला के कई मुरीद इनके बड़े अफसर भी रहे जिन्होने इन्हे शह देकर इन्हे बढ़ावा दिया और खुद भी भ्रष्टाचार के भागीदार बने हैं। हांलांकि ईओडब्ल्यू जांच एजेंसी द्वारा इनकी कारस्तानियों की टोह ली जा रही है, इनके कार्यकाल का लेखा जोखा खंगाला जा रहा है लेकिन शायद उसे भी थाह नहीं मिल पा रही है। उधर पयासी इस बात से निश्चिंत हैं कि उनके साथ उनका डीएम है अगर उस पर आंच आई तो वह पूरे विभाग का काला चिठ्ठा खोल कर रख देगा। उसने सबको खिलाया है।

कहांं गए बाकी चौकीदार ?

कोयला क्षेत्रों में पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए शासन ने वृक्षारोपण को जरूरी माना है। डिप्टी रेंजर राजेश्वर पयासी के पास एसईसीएल के सोहागपुर और जोहिला क्षेत्र के प्लांटेशन का प्रभार है। जोहिला क्षेत्र के प्लांटेशन का प्रभार है। जोहिला एरिया में कुल 14 चौकीदार ही कार्य कर रहे है, जबकि यहां 23 की संख्या बताई जाती है। अगर ऐसा है तो फिर शेष 9 चौकीदार कहां हैं। अगर इनकी पदस्थापना नहीं है तेा फिर इनके वेतन का भुगतान क्यूं किया जा रहा है और कौन ले रहा है इनका वेतन। सोहागपुर एरिया में वर्तमान में 34 चौकीदार नियुक्त होना चाहिए। लेकिन 5-6 चौकीदार ही नियुक्त है शेष चौकीदार कहां हैं अगर नहीं है तो इनकी वेतन का पैसा किसकी जेब में जा रहा है, यह जांच का विषय है।

नाममात्र का हुआ प्लांटेशन और ग्रासबेड

सोहागपुर एरिया में वर्ष 2023 में ओ.बी. डम्प क्षेत्र में 1 लाख 10 हजार पौधों का तथा नान ओ.बी. डम्प क्षेत्र में 42000 पौधों का प्लांटेशन किया जाना था। लेकिन लगभग 10-20 प्रतिशत पौधों का ही प्लांटेशन किया गया। सोहागपुर एरिया में 34000 ग्रास बेड बनाई जानी थी, किंतु 500- 600 ग्रास बेड बनाकर पयासी ने खाना पूर्ति कर ली, शेष कार्य का पैसा फर्जी बिल बाउचर माध्यम से डिप्टी रेंजर पयासी के जेब की शोभा बढ़ा रहा है। जोहिला क्षेत्र के प्लांटेशन का भी यही हाल है। खदानी रोपण क्षेत्र के पौधों में खाद न डालकर खाद के पैसों का भी वारा-न्यारा डिप्टी रेंजर पयासी ने किया है। पयासी के सोहागपुर व जोहिला एरिया के प्लांटेशन में किए गए घोटाले की जांच एस.ई.सी.एल. की सतर्कता टीम कर रही है। साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे के करकेली रोपण क्षेत्र में 5 हजार पौधे लगाए जाने थे, पयासी ने केवल 2 हजार प्लांटेशन कराया है और शेष तीन हजार पौधों का पैसा डकार लिया गया है।

50 फीसदी भी नहीं किया प्लांटेशन

डिप्टी रेंजर का घोटाला महाअभियान जारी रहा। वन विकास निगम अंतर्गत वर्ष 2020-21 में कक्ष क्रमांक 210 में पीली कोठी के पीछे से हवाई पट्टी तक 1 लाख 60 हजार पौधे लगाए जाने थे, लेकिन आधे पौधे ही लगाए गए। शेष आधे पौधों के पैसे कहां गए, इसे डिप्टी रेंजर शायद डकार गए। पूर्व में काटे गए सागौन के पेड़ों के ठूंठ से निकलने वाले पौधों की भी प्लांटेशन में गणना की गई। वर्ष 2020-21 में कक्ष क्रमांक 210 के सागौन प्लांटेशन की खाद का पैसा भी पयासी डकार गया है। यदि सागौन के पौधों के नीचे की मिट्टी का औचक सैंपल लेकर मृदा परीक्षण कराया जाए तो पयासी के खाद घोटाले के राज उजागर हो सकते है।

पुत्र के नाम पर रकम बटोर रहे

बताते है कि डिप्टी रेंजर पयासी ने कमाई की खातिर अपने लडक़े सुशील पयासी का भी उपयोग किया है। उसका नाम चौकीदारी में दर्ज कर रखा है, साथ ही सुशील पयासी के नाम पर ठेकेदारी का कार्य भी चल रहा है क्योंकि सुशील पयासी के नाम पर भुगतान किए जा रहे है। 2020-21 व 2021-22 में सुशील पयासी को लकड़ी ढुलाई का लाखों रूपये भुगतान किया गया है। जबकि नियमानुसार शासकीय सेवक परिजन उसके उसी कार्यालय के अंतर्गत कोई व्यावसायिक कार्य नहीं कर सकते है ।

अफसरों के वरदहस्त से नहीं आती आंच

इतने बड़े बड़े घोटाले कोई डिप्टी रेंजर स्तर का अधिकारी बिना बड़े अफसरों के वरदहस्त के नहीं कर सकता। जाहिर सी बात है कि डिप्टी रेंजर पयासी भी अफसरों का वरदहस्त प्राप्त किए हुए है। माना जाता है कि संभागीय प्रबंधक अमित पटौदी इनके कवच बने हुए हैं। डीएम विभिन्न जांच एजेंसियों को पयासी के पक्ष में प्रतिवेदन भेजकर उसे अभयदान देने में जुटे हुए है , संभवत: डीएम अमित पटौदी के संरक्षण के कारण पयासी के हौसले बुलंद है ।

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