बिजली आउटसोर्स मीटर रीडर घर घर कर रहे रीडिंग नही मिल रहा कोरोना योध्दा का दर्जा – के. के. सोनी

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अनूपपुर। जिले सहितआज पूरे देश मे कोरोना महामारी अपना पैर पसार कर लाखों लोगों की जिन्दगी मौत के मुंह मे धकेल चुकी है |इस महामारी को लेकर कोतमा के वरिष्ठ समाज सेवी व सांसद प्रतिनिधि कृष्ण कुमार सोनी ने संसदीय क्षेत्र शहडोल के सांसद श्रीमती हिमाद्रि सिंह जी को पत्र लिख कर बताया कि वर्तमान में मध्यप्रदेश की समस्त विधुत कंपनियों में आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा वैश्विक महामारी ‘ कोरोना कोविड -19 ‘ संक्रमण काल में फ्रंट लाईन वर्कर के रूप में कार्य किया जा रहा है बावजूद इसके पश्चात भी विधुत आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ विधुत वितरण कंपनी प्रबंधन एवं सरकार द्वारा अन्याय पूर्ण एवं सौतेला व्यवहार किया जा रहा है| कोरोना जैसे भयावह बीमारी से आये दिन हजारों जानें जा रही है जबकि सरकार के निर्देश पर इस भयावह बीमारी से लड़ कर आम जनता को बचाने के लिए कई ऐसे शासकीय विभागों एवं उनके अधीनस्थ कार्य कर रहे कर्मचारियों को भी कोरोना योद्धा के रूप में सम्मिलित कर जो कर्मचारी संक्रमित हो रहे है उन्हें ईलाज करने के पूरे खर्च से लेकर मृत्यु हो जाने पर भी उनके परिवार को पचास लाख रुपये सरकार द्वारा आर्थिक सहायता राशि स्वीकृति देकर लगातार सेवायें दिए जाने को निर्देशित किये हैं इसी तारतम्य में अति आवश्यक सेवा के रूप में बिजली विभाग को भी रखा गया है लेकिन बिजली विभाग में कार्य कर रहे हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों को कोरोना योध्दा से कोसो दूर रख लगातार जोखिम भरा कार्य लिया जा रहा है जिनमे बिजली मीटर रीडर ,मेंटेनेंस लाईन मैन,लाईन हेल्पर, सबस्टेशन ऑपरेटर, कम्प्यूटर ऑपरेटर ये सभी अपने कार्य को पूर्ण रूप से सौ प्रतिशत ईमानदारी से कार्य करते हुए अपने व अपने परिवार को भी बग़ैर परवाह किये जान जोखिम में डाल कर एक एक घर जाकर मीटर रीडिंग करना हो या इस तपती हुई धूप में लाईन फाल्ट हो जाने पर लाईन के मेंटेनेंस करते हुए झाड़ कटाई का कार्य करते हुए उस अंतिम उपभोक्ताओं सहित कोरोना जैसे भयवाह बीमारी से जूझ रहे मरीजों तक बिजली आपूर्ति पहुँचाने का कार्य कर रहे है|

कोरोना काल मे फ्रंट लाईन वर्कर के रूप में कार्य के बावजूद नही मिल रहे कोई सुरक्षा व्यवस्था

आपको बता दे कि बिजली विभाग में कार्य कर रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के द्वारा दिनों रात लागातार कार्य कर हॉस्पिटलों में कोरोना बीमारी से जूझ रहे लाखों मरीजों की जान बिजली सेवा निर्वाध रूप से देकर बचाने का कार्य किया जा रहा है हॉस्पिटलों में जितने भी मशीनरी उपयोग में लिए जा रहे है जिनकी अति आवश्यक रूप से जरूरत है जिनमे सबसे महत्वपूर्ण वेंटीलेटर सहित कई ऐसे उपकरण है जो कि बिना विधुत आपूर्ति के एक मिनट भी नही चलाये जा सकते उन्हें इन बिजली कर्मचारियों के द्वारा सप्लाइ देकर निरंतर चालू रखने का भरपूर कोशिश की जा रही है साथ ही दूसरी ओर जिस जिले में स्थिति गंभीर बनी हुई है वहाँ सरकार के निर्देश पर जिला दंडाधिकारी द्वारा लॉकडाउन जैसे आदेश जारी किए गए है जिस परिस्थिति में आम नागरिकों को घर से बाहर न निकले के आदेश जारी किए जाने पर उन्हें भी घरों के अंदर निरन्तर बिजली की निर्वाध आपूर्ति देते हुए पीने के पानी के लिए मोटर, पंखे, टीवी,कूलर,फ्रिज जैसे उपकरणों को भी सप्लाई देकर आम जनमानस को भी राहत देने का कार्य बिजली आउटसोर्स कर्मचारी कर रहे है| जबकि बिजली मीटर रीडर जिनको हर एक घर मीटर की रीडिंग लेने जाना साथ ही लाईन मेंटेनेंस कर रहे लाईन मैन, लाईन हेल्पर कोरोना जैसे भयावह बीमारी के चपेट में सबसे अधिक आ रहे है| बावजूद इसके विभाग द्वारा कोरोना जैसे संक्रमण से बचाव के लिए जैसे-मास्क,हैंड गलप्स, हैंड सेनेटाइजर सहित किसी तरह के सुरक्षा गार्ड उपलब्ध नहीं कराए जा रहे है जिससे बहुत तेजी से बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संक्रमित हो रहे है| कोरोना योद्धा में न सामिल करने पर कर्मचारियों को न तो कोई बीमारी के इलाज के लिए पैसे और न ही देहांत होने पर परिजनों के जीवन यापन के लिए सरकार द्वारा सहायता राशि तय की गई है जिस भयावह बिमारी में संक्रमित होकर बीमार या फिर मृत्यु हो जाने पर आउटसोर्सिंग कर्मचारी जो केवल सात से दस हजार तनख्वाह पाने वाले अपने घर व परिवार को पीछे छोड़ जाने के बाद कर्मचारी के परिवार दर दर भटकने को मजबूर हो रहे है जिसे न तो बिजली विभाग और न ही सरकार सुध लेने को तैयार है|

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