उच्च जोखिम पीड़िता का 108 एंबुलेंस में इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशिय ने सुरक्षित नॉर्मल प्रसव कराया * ।
गिरीश राठौड
अनूपपुर / ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत लोगों के लिए 108 एम्बुलेंस हमेशा से ही वरदान साबित होती आ रही है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा होने पर समय रहते अस्पताल पहुंचाने व प्रसव करवाने में भी 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
बीते 5 शुक्रवार दिसंबर को भालूमाडा थाना अंतर्गत ग्राम कुशला बाहरा निवासी नीरज कोल की पत्नी प्रसव से पीड़ित रिंकू कोल उम्र 21 वर्ष ग्रह ग्राम के नजदीक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पासान में प्रसव कराने ले जाने पर पता चला कि ब्रिज प्रेजेंटेशन है बच्चा की जान जोखिम में है। बच्चें की पैर दिखाई दे रहा है। अस्पताल के उपस्थित स्टाफ के द्वारा जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया जिसकी जानकारी कोतमा 108 एंबुलेंस को मिलते ही मौके में पहुंचकर प्रसव पीड़ित को लेकर गंतव्य स्थान की ओर जाने पर कुछ ही दूर ग्राम फूनगा के समीप प्रसव पीड़ा बढ़ जाने कारण एम्बुलेंस में उपस्थित परिजन जोर-जोर से चीख चिल्लाने लगे की उल्टा बच्चा पैदा ले रहा है शिशु की पैर बाहर निकल कर गर्दन फंस गया है इस भयावह स्थिति को देख 108 एंबुलेंस में उपस्थित प्रशिक्षित इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन दीन दयाल जायसवाल द्वारा परिजन की अनुमति लेकर प्रसव से पीड़ित व जान जोखिम बच्चा को अपने अनुभव के आधार पर सुरक्षित नॉर्मल प्रसव कराया स्वस्थ बच्ची की जन्म देखकर परिजन काफी हर्ष व उत्साहित होकर चेहरे में मुस्कान आया।परिजनों ने सुरक्षित प्रसव हेतु 108 टीम को धन्यवाद दिया।
प्रसूता की सास लल्ली कोल ने कहा कि 108 एंबुलेंस हमारे लिए आप बहुत ही सही समय में मददगार साबित हुए, साथ 108 एंबुलेंस में उपस्थित प्रशिक्षित इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन दीन दयाल जायसवाल हमारे लिए तो भगवान बनकर हमारी बहू की सुरक्षित नॉर्मल प्रसव कराया साथ ही एंबुलेंस के पायलट विकास चतुर्वेदी की सहयोग से गंतव्य स्थान जिला अस्पताल अनूपपुर पहुंच कर जच्चा बच्चा को सुरक्षित भर्ती कराया गया।
इस प्रकार सरकार की महिलाओं के लिए जननी सुरक्षा योजना में 108 एम्बुलेंस संजीवनी साबित हुआ यह योजना निश्चित ही गरीब आशहाय के लिए वरदान साबित हो रही है क्योंकि सही समय में उपलब्ध वाहन सुविधा व समुचित इलाज मिल पाना मरीज के लिए काफी कारगर साबित होता है एक समय प्रसव पीड़िता परिजन के आंखों में आंसू व क्षणिक बाद एंबुलेंस स्टाफ के द्वारा अपने कार्य विधि से परिजन की चेहरे में मुस्कान लाया यह सुविधा हमेशा मौके पर सभी को मिलती रहे निश्चित ही मृत्यु दर में काफी सुधार हो सकता है।