जिला बदर के बाद भी रोशन हो रहा बालू-उदय का ठीहा,कबाड़-कोयला के कारोबार पर नहीं लग रहा अंकुश 

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शहडोल। बीते करीब एक दशक से खैरहा थाना अंतर्गत राजेन्द्रा कालोनी के समीप नर्सरी के बीच बालू ने कबाड़ का कारोबार शुरू किया था, टिन, चद्दर, शीशी की खरीदी के नाम पर कबाड़ खरीदने की आड़ में क्षेत्र की कोल माईंसो और कालरी कालोनियों से लोहा और अन्य कीमती उपकरण, धातुएं चोरी कर उसे शहडोल के तथाकथित कबाड़ी के माध्यम से बाहर बेचा जाता रहा। बीते 10 से 12 वर्षाे के दौरान यह कार्य अपनी गति से चलता रहा, लेकिन इधर के एक वर्ष में कबाड़ के कारोबार का क्षेत्र की दामिनी, खैरहा, नवगवां व अन्य खदानों में दखल इस कदर बढ़ा कि कथित कबाड़ी और वर्दीधारियों की जुगलबंदी के आगे कोल माईंस के अधिकारी बौने नजर आने लगे। माईंसो में रात तो दूर, दिन के उजाले में कबाड़ी के गुर्गाे ने हथियार लेकर प्रवेश करना शुरू कर दिया, ऐसा नहीं है कि माईंस के अधिकारी-कर्मचारी खामोश रहे हो, उन्होंने सिर्फ बीते वर्षाे में थाना में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कार्यवाही शून्य ही रही। वर्तमान में खबर है कि बालू-उदय का जिला बदर हो गया है, लेकिन उनके ठीहे की रौनक दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।  काले हीरे की कालाबाजारी वर्दीधारियों का वद्र्धहस्त मिलने के बाद बालू नामक कथित कारोबारी के साथ उदय भी सक्रिय हो गया, अब एक ही ठीहे से कबाड़ के कारोबार के हिसाब-किताब के साथ कोयले का कारोबार होता है, क्षेत्र की उन्हीं माईंसों को दोबारा निशाना बनाया गया और अवैध रूप से कोयले की चोरी को बढ़ावा मिला। पूरे दिन युवाओं और महिलाओं की टोली यहां से बोरियों में कोयला निकालकर उदय के कथित ठीहे पर पहुंचाते हैं, काले हीरे की चोरी का आलम यह है कि रोजाना कम से कम एक ट्रक कोयला अवैध रूप से निकाला जाता है। चर्चा है कि बालू-उदय का जिला बदर हो गया है, लेकिन उनका कारोबार वह खुद ठीहे पर बैठकर चला रहे है, वर्दीधारियों के मिले संरक्षण के चलते कारोबार बदस्तूर जारी है।

उल्टा शासकीय कर्मियों पर दबाव

माईंस के कई अधिकारियों ने बताया कि शिकायत देने के बाद उस पर कार्यवाही और जांच तो दूर उल्टा कई दशकों पहले अन्य उपक्षेत्रों और मुख्यालय से आये उपकरणों के बिल मांगे जाते हैं, यही नहीं जब उनके बिल और चोरी हुई वस्तुओं की सूची दे दो, तो अनावश्यक जांच के नाम पर कई घंटों तक थाने में बैठाया जाता है, कभी भी पुलिस ने माईंस के सुरक्षाकर्मियों की शिकायत व बताये स्थान पर गंभीरता से कार्यवाही नहीं की। कालरी अधिकारियों को दुधारू गाय मानकर उल्टा बयान व एफआईआर में नाम डालकर पेशी के नाम पर डराया जाता है। जिससे अब चोरी की शिकायतें भी कम की जा रही हैं। गंभीर वारदात के जिम्मेदार होंगे वर्दीधारी कबाड़ के बाद बीते कुछ माहों से उदय ने कोयले की प्लाटिंग भी शुरू कर दी है, इसके साथ ही उसके गुर्गाे की टोली भी वृह्द हो चली है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कबाड़ और कोयले के अवैध कारोबार से होने वाली दो नंबर की कमाई का खर्च जुआं और नशीली वस्तुओं के उपयोग में किया जा रहा है, ऐसी स्थिति में कथित कबाड़ी के गुर्गे नशे में किसी दिन माईंस के अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों के साथ कोई गंभीर वारदात कर दें, यह कहा नहीं जा सकता।

माफिया एसईसीएल को बना रहे निशाना

एसईसीएल की कोल माइंस और रेलवे से अवैध कबाड़ चोरी के लिए अब नाबालिगों को भी झोंका जा रहा है। वहीं कबाड़ चोरी से मिलने वाले पैसे से उन्हें नशे का आदी बनाया जा रहा है। इसकी जानकारी थाना के जिम्मेदारों को है, लेकिन कबाडिय़ों से अफसरों की इतनी तगड़ी सेटिंग है कि बालू-उदय के गोदाम में छापा डालने से पहले उन्हें इसकी जानकारी दे देते हैं। यही वजह है कि एक अनुमान के मुताबिक हर माह करीब 10 लाख से अधिक का कारोबार माफिया द्वारा किया जा रहा है, कोयलांचल के लगभग कबाडिय़ों के ठीहो पर दबिश डली और घर ढहाए गये, लेकिन आज तक बालू-उदय पर शिकंजा नहीं कसा गया, बालू-उदय का दावा है कि प्रभारी सहित कप्तान के दफ्तर पर समय-समय पर नजराना पहुंचा दिया जाता है।

धनपुरी में आरिफ का अलग कारोबार

कबाड़ माफियाओं के हौसले दिनोदिन बुलंद होते नजर आ रहे हैं, धनपुरी में बंद खदान से आरिफ लगातार अवैध कबाड़, कोयला के कारोबार में नाबालिगों को झोंक दिया है, खबर है कि आरिफ कबाड़-कोयला के साथ नशे का कारोबार भी बड़ी तेजी से कर रहा है, पूरे क्षेत्र में गरीब नाबालिगों को नशीली दवा उपलब्ध कराकर उन्हें बंद माईंसो सहित रहवासी कालोनियों से चोरी करवाई जा रही है, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी वर्दीधारियों को नहीं है, बावजूद इसके आरिफ पर पुलिस का डंडा नहीं चल पा रहा है।

 इनका कहना है…

बालू-उदय का जिला बदर हो गया है, अगर सूचना मिलेगी कि अवैध कारोबार इनके द्वारा किया जा रहा है तो, कार्यवाही की जायेगी।  दिलीप सिंह  थाना प्रभारी  खैरहा  

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